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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की दृष्टि से देवनागरी सर्वाधिक समर्थ लिपि सिद्ध हो रही है – प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ देवनागरी लिपि : इक्कीसवीं सदी में नई सम्भावनाएँ पर मंथन  शिक्षाविद श्री ब्रजकिशोर शर्मा का हुआ सारस्वत सम्मान   राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी देवनागरी लिपि : इक्कीसवीं सदी में नई सम्भावनाएँ पर केंद्रित थी। सारस्वत अतिथि शिक्षाविद श्री ब्रजकिशोर शर्मा थे। मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा थे। 19 जनवरी, रविवार की संध्या को हुई इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. अनुसूया अग्रवाल, अध्यक्ष डॉ हरिसिंह पाल, नई दिल्ली डॉ प्रभु चौधरी आदि सहित उपस्थित विद्वानों ने देवनागरी लिपि की नई सम्भावनाओं पर विचार व्यक्त किए। आयोजन में श्री ब्रजकिशोर शर्मा राष्ट्रीय संरक्षक के जन्म दिवस पर उनका सारस्वत सम्मान किया गया। कुलानुशासक डॉ शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि देवनागरी भारतीयता का एक महत्वपूर्ण अभिलक्षण है। यह भारत को पूरी दुनिया में विशिष्ट पहचान दिलाती है। इक्कीसवीं सदी में देवनागरी लिपि की नई सम्भावनाएं उजागर हो रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की दृष्टि से य...

आउटकम बेस्ड एजुकेशन एन्ड एक्रेडिटेशन पर अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में आउटकम बेस्ड एजुकेशन एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय के एक्रेडिटेशन पर अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया।  निटर निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने अपने स्वागत सन्देश में कहा कि आज प्रदेश के इंजीनियरिंग महाविद्यालय की गुणवत्ता को सुधरने की आवश्यकता है। निटर भोपाल एक्रेडिटेशन के क्षेत्र में देश भर में कार्य कर रहा है। प्रो. त्रिपाठी ने निटर भोपाल द्वारा करिकुलम डिज़ाइन एवं अन्य क्षेत्रों में किया जा रहे कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला।  नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रिडिटेशन (एनबीए) के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. अनिल कुमार नासा ने इस कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए  नए  सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट के फॉर्मेट पर जानकारी दी।  एनबीए के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्रबुद्धे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, क्वालिटी पैरामीटर्स आदि पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन थेओरिटिकल नॉलेज नहीं बल्कि इक्स्पीरीएन्शल नॉलेज पर आधारित है।  श्री रघुराज माधव राजेंद्रन, सचिव, तकनीकी शिक्षा, मध्य प्रदेश ने कौशल विकास एवं रोजगार की दिशा में किया जा रहे प्रया...

विधायिका की उत्पादकता बढ़ाने में आधुनिक तकनीक बहुत उपयोगी : श्री सिंह, प्रमुख सचिव

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 पटना (बिहार) । पटना में भारत के  विधायी निकायों के सचिवों के 61वें सम्मेलन में भाग लेते हुए श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा ने विधान सभा के नवाचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश विधान सभा प्रश्नों आदि की सूचनाएँ सदस्यों से ऑनलाइन प्राप्त करने तथा विधान सभा आश्वासनों, प्रश्न आदि भेजने के साथ उनकी जानकारी शासन के विभागों से  पेपरलेस रीति से प्राप्त करने में अग्रणी रही है। आधुनिक तकनीक के उपयोग से विधान सभा की उत्पादकता में निरंतर वृद्धि हुई है। श्री सिंह ने वक्तव्य में कहा कि, अब लेस पेपर से पेपरलेस विधान सभा हेतु नेवा परियोजना का कार्यान्वयन मा.अध्यक्ष के मार्गदर्शन में इसी वर्ष मानसून सत्र से प्रारंभ हो जायेगा। इसके लिए सदन व सदन के बाहर विधान सभा सदस्यों, सचिवालय तथा शासन के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र आदि व्यवस्थाएँ तत्परता से की जा रहीं हैं। इस हेतु संसदीय कार्य मंत्रालय, मध्यप्रदेश विधान सभा एवं शासन के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। श्री सिंह ने कहा कि, ए आई (AI) जैसी आ...

आस्था से विज्ञान तक : कुंभ युवाओं के लिए - मेधा बाजपेई

कुंभ शब्द की व्युत्पत्ति जिस धातु से हुई है। उसका अर्थ  है- आवृत्त करना या आच्छादित करना।  ग्रहों की स्थिति का न केवल आध्यात्मिक महत्व है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से यह पृथ्वी और मानव पर पड़ने वाले प्रभावों को भी दर्शाती है. गुरु, सूर्य और चंद्रमा का विशेष संयोग पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है. इन खगोलीय संयोगों के दौरान कुंभ में स्नान का महत्व अध्यात्म और विज्ञान का समन्वय है. पृथ्वी और अन्य ग्रहों के बीच निश्चित आकर्षण या गुरुत्वाकर्षण होता है और इसीलिए सभी ग्रह  एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं, ये केप्लर ने भौतिकी में  17 वी शताब्दी में  ग्रहों की गति के नियम दिए जबकि  ‘ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च, गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांतिकरा भवंतु’  नव ग्रह जप भारत देश में हमेशा से होता आ रहा है।वास्तव में  भारतीय ऋषियों  को ग्रहों, नक्षत्रों, उनकी एक-एक गति के बारे में अद्भुत ज्ञान था।भारत की ज्ञान परंपरा के लगभग सभी धार्मिक- आध्यात्मिक तत्व विज्ञान के सिद्धांतों से प्रमाणित रहे हैं। महाकुंभ उस...

पटना में आयोजित सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे श्री अवधेश प्रताप सिंह, पीएस विधानसभा की एयरपोर्ट पर आत्मीय अगवानी

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल। पटना में आयोजित अखिलभारतीय  पीठासीन अधिकारी एवं विधायी निकायों के सचिव सम्मेलन में भाग लेने हेतु पहुँचने पर श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधानसभा का जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट पर बिहार विधान सभा व प्रशासन के अधिकारियों द्वारा आत्मीय अगवानी की गई ।

डॉ आंबेडकर चिंतन शोध की अविराम यात्रा : प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा

उज्जैन। डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर का सार्वजनिक जीवन में प्रवेश समाज क्रांति के मार्ग को मोड़ देने वाला ऊर्जा स्रोत है। भारत के इतिहास में डॉ. आम्बेडकर का अद्वितीय स्थान है। इस दृष्टि से सामाजिक जीवन में उन्होंने बीसवीं सदी पर मूलगामी प्रभाव डाला है। डॉ. आम्बेडकर विषय नहीं, सम्पूर्ण जीवनशैली है। उनका जीवन-विमर्श शोध का विषय है, जिसे सम्पूर्णता में चिंतन की आवश्यकता है। बाबा साहब का चिंतन सामाजिक समता और बंधुत्व है। जिसे उन्होंने गहरे गंभीर शोध से ही स्थापित किया। जो देखने सुनने और गुनने से प्रारंभ हुआ। मतभेद-विभेद का गहरा संकट, व्याप्त विकृतियों से, असमानता के दंश देखा, सुना, अनुभूत किया। इसे बदलने, समाप्त करने की उनकी अविराम यात्रा प्रारंभ की। विषम परिस्थितियों में भी बाबा साहेब ने पढ़ने-चिन्तन शोध को न सिर्फ लेखों, पत्र पत्रिकाओं, किताबों के माध्यम से समाज में जागरूकता लाने  की प्रक्रिया प्रारंभ की बल्कि समाज परिवर्तन और समानता की लोकतांत्रिक व्यवस्था का रेखांकन भी बना लिया। जिसे हमें संविधान के रूप में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त हुआ। उक्त विचार डॉ. आम्बेडकर पीठ द्वारा आयोजित दो द...

विक्रम विश्वविद्यालय में स्टार्टअप्स के लिए अभिनंदन एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन

उज्जैन। नेशनल स्टार्टअप डे के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय ने भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य में पिछले एक दशक में आई जबरदस्त प्रगति और बदलाव को सलाम किया। कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने विद्यार्थियों और संकायों से स्टार्टअप इंडिया पहल में अपनी सक्रियता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र श्री राधेश्याम गुप्ता का अभिनंदन करते हुए सभी युवा उद्यमियों को बधाई दी। कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. धर्मेंद्र मेहता को 9वें स्टार्टअप संस्करण की अग्रणी और अनुकरणीय पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर इस तरह के आयोजनों के विस्तार की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाया। श्री राधेश्याम गुप्ता द्वारा लगभग ₹ 5 करोड़ की प्रस्तावित डीसीपी स्टार्टअप परियोजना ताजपुर औद्योगिक क्षेत्र में प्रारम्भ की है। प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने इस परियोजना के लिए श्री राधेश्याम गुप्ता का अभिनंदन करते हुए उनके मलेशिया और सिंगापुर में एक दशक से अधिक का स्टॉक कंसल्टिंग अनुभव, जो उनकी सफलता में सहायक...

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान ने किसानों से जलवायु समुत्थान कृषि पर चर्चा कर, व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण किया

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (भा.कृ.अनु.स-सी.आई.ए.ई), भोपाल ने 17 जनवरी, 2025 को ग्राम ‘काछी बरखेड़ा एवं सगोनिया’ जिला भोपाल में एन. आई. सी. आर. ए. प्रोजेक्ट के अंतर्गत, एससीएसपी-किसानों (36 किसानों) से जलवायु समुत्थान कृषि पर चर्चा और कृषि औजारों एवं यंत्रों पर कृषकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण किया।  इस सत्र के दौरान ग्राम की सरपंच महोदया श्रीमती रेखा मेहर की उपस्तिथि में आईसीएआर-सीआईएई भोपाल के डॉ. सी. एस. सहाय (प्रधान वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषक एन. आई. सी. आर. ए. प्रोजेक्ट), डॉ. मनोज कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. मनीष कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. बिक्रम ज्योति (वैज्ञानिक), डॉ. सतीश कुमार, डॉ. पूर्वी तिवारी और डॉ. कामेंद्र चक्रधारी (वरिष्ठ शोध अध्येता) ने जलवायु समुत्थान कृषि में विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया।  डॉ. सी. एस. सहाय ने जलवायु समुत्थान कृषि के बारे में किसानों  को अवगत कराया और जलवायु समुत्थान कृषि उपकरण के बारे में विस्तार से चर्चा ...

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