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सेवा एवं स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञान संस्थान में पेड़ों का रखरखाव एवं गमलों का सौंदर्यीकरण

उज्जैन। सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान में सेवा एवं स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल की गई। इस अवसर पर संस्थान परिसर में पेड़ों का रखरखाव एवं गमलों का सौंदर्यीकरण किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. कमल बुनकर की गरिमामयी उपस्थिति रही। डॉ. बुनकर ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छ और हरित परिसर न केवल सौंदर्य बढ़ाता है, बल्कि स्वस्थ वातावरण के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों और कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें और स्वच्छता को अपनी आदत बनाएं। कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी सक्रिय रूप से सहभागी रहे। सभी ने मिलकर परिसर के गमलों को सजाया, पौधों की छंटाई की और वातावरण को स्वच्छ एवं आकर्षक बनाया। इस पहल से परिसर में स्वच्छता और हरियाली का सुंदर संदेश प्रसारित हुआ।

मानव अधिकार आयोग ने 10 मामलों में लिया संज्ञान, दो सप्ताह में मांगी रिपोर्ट : डॉ अवधेश प्रताप सिंह

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सदस्‍य डॉ. श्री अवधेश प्रताप सिंह ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ''10 मामलों में'' संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं से अमानवीय बर्ताव , सड़क पर सोने पर मजबूर हजारों उम्मीदवार.....             राजधानी भोपाल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में  भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रदेशभर से आये हजारों उम्मीदवार के साथ अमानवीय बर्ताव होने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन उम्मीदवारों को बीते कई दिनों से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। कहीं सड़क किनारे बिस्‍तर बिछाकर सौ रहे है , कहीं फुटपाथ पर बैंग तकिया के सहारे खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे है। भर्ती प्रक्रिया के लिये उम्मीदवार सुबह चार बजे रिपोर्टिंग के लिये लाइन में लग जाते हैं, फिर घंटों धूप में खड़े रहते हैं। बिना छाव, बिना छत, बिना पानी और शौचालय के ही उ...

आईसीएआर-सीआईएई भोपाल में राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा अन्‍तर्गत मास्टर ट्रेनर विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्‍न

राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा को समर्पित रहा कार्यक्रम विभिन्‍न राज्‍यों से 32 प्रतिभागी हुए शामिल  प्रशिक्षित मास्‍टर ट्रेनर अपने संस्‍थान स्‍तर पर देंगे प्रशिक्षण    🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। केन्‍द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्‍थान, भोपाल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सौजन्‍य से राष्ट्रीय कर्मयोगी जनसेवा कार्यक्रम के जोन-प्रथम के दूसरे चरण के अंतर्गत मास्टर प्रशिक्षकों के समग्र विकास हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता पूर्वक आयोजित किया गया।  संस्थान के निदेशक डॉ. सी. आर. मेहता ने अध्‍यक्षीय संबोधन में बताया कि, राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम के दूसरे चरण के अंतर्गत, मास्टर ट्रेनर तैयार करने के उद्देश्य से, भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों में 'सेवा भाव' की पुनः खोज करना, उनके कार्यों को राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों के साथ जोड़ना और नागरिकों के जीवन में सकारात्मक योगदान प्रदान करना था। प्रशिक्षण में मास...

भा. कृ. अ. प-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल द्वारा “प्याज का वैज्ञानिक भंडारण व मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली का प्रदर्शन” विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान द्वारा मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली के प्रदर्शन के ऊपर शनिवार, 11 अक्टूबर, 2025 को ग्राम बड़ी चुरलाई, जिला देवास में गुरु गंगदास फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के साथ एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया।  कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के वैज्ञानिक उपस्थित रहे और प्याज के वैज्ञानिक भंडारण के तरीके के बारे में किसानों को अवगत कराया। प्रशिक्षण में लगभग 100 किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. आदिनाथ काटे ने सी .आई. ए. ई .मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली के बारे में बताया। डॉ. एस मंगराज, प्रभाद्यक्ष कृषि उत्पाद प्रशंकरण प्रभाग, केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल कार्यक्रम के अध्यक्ष रहे। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने प्याज के भंडारण के महत्व बताते हुए जानकारी दी कि, इस तरह की भंडारण प्रणाली किसानों तक पहुँचाना बहुत जरूरी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि, वर्तमान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट जी का यह निर्देश है कि, मांग संचालित किसान केंद्रित अनुसंधा...

पुस्तकों से पढ़ना, शिक्षकों से सीखना और भ्रमण कर जानना: छात्रों को मिला व्यावहारिक अनुभव

श्री जी पैकर्स में IIPS के छात्रों का एक दिवसीय इंडस्ट्रियल विजिट सम्पन्न उज्जैन । सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन के प्रबंध विभाग -  इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (IIPS) के इंटीग्रेटेड MBA, रेगुलर MBA तथा अर्थशास्त्र विभाग के छात्रों के लिए शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 को एक दिवसीय इंडस्ट्रियल विजिट का आयोजन किया गया। यह विजिट मक्सी रोड स्थित श्री जी पैकर्स में सम्पन्न हुई। इस यात्रा को IIPS के निदेशक डॉ. एस.के. मिश्रा एवं वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. भारल ने शुभकामनाएँ देते हुए रवाना किया। यात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रबंध के विद्यार्थियों के लिए केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा नियमित रूप से औद्योगिक भ्रमण का आयोजन किया जाता है ताकि छात्र वास्तविक कार्य प्रणाली को समझ सकें। श्री जी पैकर्स में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी श्री राजेन्द्र केमकर एवं सुश्री पल्लवी ने छात्रों का स्वागत किया और उन्हें पैकेजिंग प्रक्रिया की बारीकियों से परिचित कराया। उन...

यशस्वी कथाकार मोहन राकेश तथा अमरकांत की जन्मशती पर हुआ उनके अवदान पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

आज के दौर को समझने के लिए मोहन राकेश और अमरकांत के यथार्थवादी साहित्य को पढ़ने की जरूरत – प्रो कल्पना गवली आधुनिकता और संस्कार के बीच उलझे मानवीय मन के द्वंद्व के चितेरे हैं मोहन राकेश और अमरकांत - प्रो शर्मा  साहित्यकार प्रो गवली और श्री शुक्ल का हुआ सारस्वत सम्मान Ujjain | सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला में यशस्वी कथाकार मोहन राकेश तथा अमरकांत की जन्मशती पर  अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय बडौदा की हिंदी विभागाध्यक्ष एवं डीन प्रो कल्पना गवली थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि ओस्लो नॉर्वे के वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक, ललित कला अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो जगदीश चंद्र शर्मा एवं डॉक्टर सी एल शर्मा, रतलाम ने शती  साहित्यकारों के योगदान पर प्रकाश डाला। भाषा, साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में किए गए विशिष्ट योगदान के लिए साहित्यकार प्रो कल्पना गवली एवं श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक को अंग वस्त्र, साहि...

विक्रम विश्वविद्यालय को सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के रूप में नई पहचान मिली है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री ने सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय की नवीन नाम पट्टिका का अनावरण किया उज्जैन नगरी आदिकाल सें ही सांस्कृतिक, धर्म के साथ शिक्षा का केंद्र रही हैं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल : सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन के स्वर्ण जयंती सभागार में शुक्रवार को विश्वविद्यालय के आधारशिला दिवस के अवसर पर “नवीन नाम पट्टिका अनावरण समारोह” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन केवल एक विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन का नहीं, बल्कि उज्जैन और संपूर्ण मध्यप्रदेश के गौरव के पुनर्जागरण का दिन है। ‘विक्रम विश्वविद्यालय’ अब ‘सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय’ के रूप में नई पहचान लेकर, अपने गौरवशाली इतिहास की नई यात्रा शुरू कर रहा है। यह क्षण हम सभी के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन सदैव भारत की सांस्कृतिक राजधानी रही है। यह वह धरा है, जहाँ से ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म और संस्कृति का प्रकाश पूरे विश्व में फैला। यह वही नगरी है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने ...

शरद पूर्णिमा की चाँदनी रात में अमृत वर्षा के साथ ही दमा रोग की चिकित्सा की गई

शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर डॉ. प्रकाश जोशी एवं समस्त आयुर्वेद महाविद्यालय के विद्यार्थियों के संयुक्त तत्वावधान में 28वां शरद पूर्णिमा आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन इंद्रा नगर उज्जैन में किया गया। इस अवसर पर 800 से अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कैंप में दमा (Asthma) तथा अन्य श्वसन संबंधित रोगों के लिए विशेष औषधियाँ निःशुल्क प्रदान की गईं। रोगियों को आयुर्वेद सिद्धांतों के अनुसार ऋतु एवं प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने व्यक्तिगत परामर्श भी दिया।  डॉ. प्रकाश जोशी ने बताया कि शरद पूर्णिमा को आयुर्वेद में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण तेज के साथ धरती पर अमृत तुल्य किरणें बरसाता है, जो शरीर में शीतलता एवं संतुलन प्रदान करती हैं। दमा जैसे रोगों में जहाँ पित्त एवं कफ का असंतुलन प्रमुख कारण होता है, वहीं शरद पूर्णिमा की रात्रि में सेवन की जाने वाली औषधियाँ विशेष रूप से प्रभावी होती हैं। इस दिन तैयार औषधियाँ अधिक शक्तिशाली मानी जाती हैं, क्योंकि चंद्र किरणों का स्पर्श उन्हें शीतल, स्निग्ध ए...

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