श्रीराम का राज्य और उनके राजनीतिक आदर्श हैं लोक नीति और कल्याण राज्य के पर्याय - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा
रामनवमी पर्व विशेष राम कथा विश्व साहित्य में सर्वाधिक प्रयुक्त आधार कथा रही है। इस प्रयोग - वैविध्य के पार्श्व में उसमें अंतर्निहित चिरंतन और सार्वभौमिक जीवन सत्य की अभिव्यक्ति की अपूर्व क्षमता है। अत्यंत प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक भारत और भारत की सीमाओं से परे अनेक देशों में अपने समय की आकांक्षाओं और चुनौतियों से संवाद करते हुए राम कथा का विविध आयामी प्रयोग और प्रसार हुआ है। समकालीन रचनाकारों को आधुनिकता बोध के प्रतिफलन की ऊर्जा भी इसी प्रख्यात कथा से प्राप्त होती आ रही है। राम का राजनीतिक आदर्श, मंगल और कल्याण राज्य की अवधारणा से जुड़ा है। राम के राज्य में मनुष्यों के नीति - पूर्ण जीवन का प्रभाव चहुँ ओर दिखाई देता है। उससे प्रसन्न हो प्रकृति ने भी पूर्ण उदारता से फल, फूल इत्यादि देने में कोई कसर नहीं रखी थी। राम का उदात्त चरित्र एक साथ अनेक धरातलों पर मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा के लिए लोकमन में रचा-बसा है। नितांत निजी सम्बन्धों से लेकर समग्र विश्व के प्रति स्नेह-सम्बन्धों और समरसता की सिद्धि, राम के समतामूलक जीवन दर्शन के केन्द्र में रही है। राम का लोकमानस पर अंकित यह बिम