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केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा महिला किसान दिवस पर परवलिया सड़क एवं तारासेवनिया गांव में प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल । भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी)  के अंतर्गत 15 अक्टूबर, 2024 को महिला किसान दिवस के शुभ अवसर पर तारासेवनिया गांव में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं के आलावा स्कूल के बच्चों ने भी खूब बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला किसानो को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ महिला किसानों के प्रति सम्मान प्रकट करना एवं विशेष रूप से उनकी भूमिका को खेती किसानी में और उजागर करना था। इस कार्यक्रम में उपयोजना के अध्यक्ष डॉ. एस. मंगराज और अन्य वैज्ञानिक जैसे डॉ. गोपाल कारपेंटर, डॉ. दिलीप पवार और डॉ. मुकेश कुमार उपस्थित थे। डॉ. मंगराज, ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में महिला किसान दिवस पर सभी को बधाई दी एवं उनके सशक्तिकरण के लिए स्वरोजगार में कृषि की भूमिका एवं उनके लाभों पर चर्चा की और कार्यक्रम में सभी किसानों/ग्रामीणों को सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में सरपंच प्

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में ऑटिज्म परामर्श सत्र का आयोजन

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में रसायन एवं जैव रसायन, भौतिकी अध्ययनशाला तथा फार्मेसी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के सभागृह में प्रातः 10:00 बजे हुआ। कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। उद्घाटन समारोह में उज्जैन उत्तर के विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, प्रोफेसर रजनीश मिश्रा (आईआईटी इंदौर), प्रोफेसर कमलेश दशोरा, प्रोफेसर उमा शर्मा, डॉ. स्वाति दुबे और डॉक्टर नवीन नागराजन उपस्थित थे। डॉ. अनिल जैन कालूहेड़ा ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया और रसायन शास्त्र के रोचक तथ्यों को साझा किया। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए श्रोताओं को प्रोत्साहित किया। अल्केमी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉक्टर संजय ज्ञानी ने विद्यार्थियों को प्रेरणाप्रद उद्बोधन दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि आज की पीढ़ी ने आयुर्वेद के ज्ञान को नई दिशा में आगे बढ़ाया, तो हम विश्व में अपनी पहचान बना सकते हैं। उन्होंने प्राचीन ज्ञान परंपरा के आधार पर आयुर्वेदिक औषधियों के तत्वों

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की रसायन एवं जैवरसायन, भौतिकी अध्ययनशाला एवं फार्मेसी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 15-16 अक्टूबर 2024 को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी का विषय "फ्यूचरिस्टिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी: ब्रिजिंग ट्रेडीशनल एंड मॉडर्न रिसर्च" है। इस संगोष्ठी में यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह, अमेरिका के न्यूरो साइंटिस्ट प्रो. नागेश्वर नागराजन ऑटिज्म जागरूकता और उचित चिकित्सीय पद्धति के संदर्भ में अपना वक्तव्य देंगे। वे ऑटिज्म, जो एक न्यूरो डेवलपमेंटल स्थिति है, के बारे में चर्चा करेंगे कि कैसे चिकित्सा पद्धतियों से सामाजिक संपर्क और मौखिक तथा शाब्दिक कठिनाइयों को सुधारा जा सकता है। इसके साथ ही, वे पालकों के साथ संवाद भी करेंगे। संगोष्ठी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ. धनंजय "बायो सेंसिंग स्ट्रैटेजिस फॉर स्क्रीनिंग का बायोमोलीक्यूलिस एंड देयर एप्लीकेशंस" पर, और डॉ. पीयूष बागदरे, मेडिकल फिजिसिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर इंदौर, "रेडियोलोजी" पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके अलावा, आशीष शर्मा, आचार्य शासकीय धनवंत

कबीर वाणी में रावण का अंत - प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा

रावणान्त : कबीर वाणी में प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा  इक लख पूत सवा लख नाती। तिह रावन घर दिया न बाती॥ - - - - - - - - - - - - - - - - लंका सा कोट समुद्र सी खाई। तिह रावन घर खबरि न पाई। क्या माँगै किछू थिरु न रहाई। देखत नयन चल्यो जग जाई॥ इक लख पूत सवा लख नाती। तिह रावन घर दिया न बाती॥ चंद सूर जाके तपत रसोई। बैसंतर जाके कपरे धोई॥ गुरुमति रामै नाम बसाई। अस्थिर रहै कतहू जाई॥ कहत कबीर सुनहु रे लोई राम नाम बिन मुकुति न होई॥ मैं (परमात्मा से दुनिया की) कौन सी चीज चाहूँ? कोई भी चीज सदा रहने वाली नहीं है; मेरी आँखों के सामने सारा जगत् चलता जा रहा है। जिस रावण का लंका जैसा किला था, और समुद्र जैसी (उस किले की रक्षा के लिए बनी हुई) खाई थी, उस रावण के घर का आज निशान नहीं मिलता। जिस रावण के एक लाख पुत्र और सवा लाख पौत्र (बताए जाते हैं), उसके महलों में कहीं दीया-बाती जलता ना रहा। (ये उस रावण का वर्णन है) जिसकी रसोई चंद्रमा और सूरज तैयार करते थे, जिसके कपड़े बैसंतर (वैश्वानर अग्नि) धोता था (भाव, जिस रावण के पुत्र - पौत्रों का भोजन पकाने के लिए दिन-रात रसोई तपती रहती थी और उनके कपड़े साफ करने के लिए हर

ओ स्त्री तुम बार बार आना - मेधा बाजपेई

✍️ मेधा बाजपेई  वर्ष 2024 की सबसे सफल फिल्मों में से एक स्त्री 2 को एक साधारण श्रेणी में बांधना मुश्किल है, क्योंकि इसमें कई विभिन्न तत्वों का सम्मिश्रण है। यह फिल्म प्रेम कहानी, हॉरर कॉमेडी, और समाज के बदलते स्वरूप को फिक्शन के माध्यम से प्रदर्शित करने वाली एक बेहतरीन कृति है। सीधी कहानी के घुमावदार अर्थ बहुत कुछ कह जाते हैं।“सरकटे का आतंक” की कहानी एक छोटे से गाँव में फैले भूतिया डर और उस पर आधारित मान्यताओं के इर्द-गिर्द घूमती है। गाँव के लोग मानते हैं कि एक अदृश्य शक्ति उन्हें अपनी भेंट चढ़ा रही है, जिससे इस आतंक के बीच, विक्की और उसके दोस्त इस रहस्य की जांच करने का निर्णय लेते हैं। जैसे-जैसे वे सच्चाई के करीब पहुँचते हैं, उन्हें पता चलता है कि यह डर केवल एक पितृसत्तात्मक मानसिकता का परिणाम है। “स्त्री 2” में प्रेम का एक प्रमुख तत्व शामिल है, जो मुख्य रूप से विक्की (राजकुमार राव) और रहस्यमयी स्त्री (श्रद्धा कपूर) के बीच देखा जाता है। विक्की एक साधारण लड़का है, जो रहस्यमयी स्त्री से आकर्षित होता है,और इस हद तक समर्पित है की प्रेम को पाने के लिए एकादशी का व्रत रखता है, छोटे और मझोल

नवरात्रि में माँ दुर्गा की आराधना का महोत्सव

शक्ति की आराधना का महापर्व नवरात्रि में दुर्गा की साधना करना चाहिए - श्री चौहान उज्जैन: भारतीय संस्कृति में आस्था, विश्वास और ऊर्जा का पर्व नवरात्रि है, जिसमें माँ दुर्गा हमें शक्ति प्रदान करती हैं। यह विचार भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्री बहादूर सिंह चौहान ने शिक्षक प्रकोष्ठ उज्जैन द्वारा आयोजित नवरात्रि समारोह में व्यक्त किए।  मुख्य अतिथि श्री चौहान ने विद्यार्थियों की प्रतियोगिता के समापन पर बताया कि नवरात्रि में कन्या पूजन और बेटियों की रक्षा का संकल्प लेना सभी का कर्तव्य है। विशिष्ट अतिथि एवं भाजपा जिलाध्यक्ष श्री बहादुर सिंह बोरमुण्डला ने कहा कि शक्ति की आराधना से जुड़ी भारतीय संस्कृति विश्व में मार्गदर्शक है। हमारे प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री भी नवरात्रि में माँ की आराधना में कन्या पूजन और मातृ वंदन में सम्मिलित होकर मातृ शक्ति की सेवा-सुरक्षा का पालन करते हैं। समारोह का शुभारंभ अतिथियों ने माँ दुर्गा और सरस्वती की पूजा एवं माल्यार्पण से किया। स्वागत भाषण मण्डल अध्यक्ष श्री संदीप व्यास ने दिया। समारोह के मुख्य वक्ता श्री राजेश कांठेड़ ने कहा कि भारत में कन्या प

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ संभाग स्तरीय पुरुष कबड्डी‌ प्रतियोगिता का आयोजन

विजेता उज्जैन जिले का दल, उप-विजेता मन्दसौर जिले का दल रहा उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग विक्रम विश्वविद्यालय के द्वारा मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग की संभाग स्तरीय पुरुष कबड्डी‌ प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 08 अक्टूबर 2024 को किया गया। प्रतियोगिता में 7 जिलों के खिलाड़ियों ने भाग लिया।  पुरुष वर्ग में विजेता उज्जैन जिले का दल एवं उप-विजेता मन्दसौर जिले का दल रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा द्वारा खिलाड़ियों को संबोधित कर शुभकामनाएं दी एवं पूर्व निदेशक व  राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्य्यनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ नलिन सिंह पँवार द्वारा शुभारंभ किया गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज एवं विशिष्ट अतिथि कार्य परिषद सदस्य श्री राजेश कुशवाह, डॉ रमण सोलंकी, डॉ अजय शर्मा रहे।  शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के निदेशक और विभागाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र चावरे,  कुलगुरु डॉ भारद्वाज और श्री राजेश कुशवाह ने खिलाड़ियों को संबोधित कर बधाई प्रेषित की व

सकारात्मकता से बीमारी को हावी नहीं होने दें - डॉ. सलूजा

उज्जैन। हमेशा सकारात्मक विचार रखें और नकारात्मकता को अपने जीवन में जगह न दें। यह विचार डॉ. सतविंदर कौर सलूजा, समाजसेवी, ने ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित "ज्ञान वर्षा, नवरात्रि आध्यात्मिक प्रवचनमाला" में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जो लोग सकारात्मक रहते हैं, वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी परास्त कर सकते हैं। कोरोनाकाल में जो लोग सकारात्मक रहे, वे जल्दी ठीक हो गए, जबकि नकारात्मक सोच रखने वाले अवसादित हो गए या जीवन को छोड़ दिया। डॉ. सलूजा ने आगे कहा कि छोटी-छोटी बातों में उलझने के बजाय समय पर दवाई लें, अच्छा सोचें, सात्विक आहार लें, और चिंता को छोड़ दें। मन पर बीमारी को हावी न होने दें।  इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी मीना बहन, मुख्य वक्ता, ने कहा कि सभी खुश रहना चाहते हैं, लेकिन हमारी खुशी गायब क्यों हो जाती है? क्या परिस्थितियाँ, व्यक्ति या शारीरिक बीमारियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं? यदि स्वस्थिति ठीक है, सकारात्मक है, दिनचर्या व्यवस्थित है, और बुराई एवं निंदा से दूर हैं, तो खुशी रह सकती है, जिससे अच्छी नींद और चैन की प्राप्ति भी संभव है। श्री सुलभ शान्तु महाराज ने अपने उद्बोधन म

शरद पूर्णिमा पर दमा रोगियों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

उज्जैन। शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में अमृत वर्षा होगी, और इसी के साथ दमा रोग की चिकित्सा की जाएगी। इंदिरा नगर सहयोगी मित्र मंडल एवं डॉ. प्रकाश जोशी के सौजन्य से शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर दमा रोगियों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर 16 अक्टूबर को सायंकाल 7:30 बजे से इंदिरानगर 172 एलआईजी सेकंड पर आयोजित होगा। शिविर संयोजक डॉ. प्रकाश जोशी ने बताया कि इस चिकित्सा शिविर की विशेषता यह है कि रोगी को रात भर शिविर स्थल पर रात्रि जागरण अनिवार्य होगा। बाल भक्त हनुमान मंडल द्वारा रात्रि 8 बजे से सुंदर काण्ड पारायण आयोजित किया जाएगा। प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे औषधि युक्त खीर का वितरण किया जाएगा।  औषधि खीर के लिए 100 से 500 मीटर पैदल चलना अनिवार्य है। तत्पश्चात प्रात: 6 बजे से कर्ण वेधन चिकित्सा प्रारंभ की जाएगी। कर्ण वेधन के बाद भूख लगने पर एक दिन मूली के पत्तों की सब्जी और रोटी खाना अनिवार्य है, तथा 15 दिन तक मूंग की दाल रोटी लेना अनिवार्य होगा। गुड़, तेल और खटाई का परहेज तीन माह तक करना आवश्यक है। आयुर्वेद का मूल सिद्धांत स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की

लय और ताल से सवारे जिंदगी : आईआईपीएस में गरबा उत्सव का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईआईपीएस) प्रबंध संस्थान में गरबे के माध्यम से प्रबंधन संदेश दिया गया। जीवन की किसी भी समस्या को लय, ताल और उत्साह के अद्भुत मिश्रण से चुनौती दी जा सकती है। आईआईपीएस विभाग में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक दिवसीय गरबा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विद्यार्थियों ने गरबे की अनेक रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। विभाग के निदेशक डॉ. एस. के. मिश्रा ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे देश की विशेषता धर्मनिरपेक्षता है और सबसे अच्छी बात यह है कि भारत का हर नागरिक एक-दूसरे के विश्वास और संस्कृति का सम्मान करता है। हम हर अवसर को प्रार्थना, गायन, नृत्य और रंगीन कपड़े पहनकर उत्साह के साथ मनाते हैं। इस गरबा उत्सव में छात्रों के साथ शिक्षकगण ने भी प्रस्तुतियां देकर समन्वयता का उदाहरण प्रस्तुत किया। गरबा किंग रहे एमबीए प्रथम सेमेस्टर के छात्र मधुर मेश्राम और गरबा क्वीन रही एमबीए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा इशिका जायसवाल। संपूर्ण आयोजन में विभाग

भारतीय चिंतन से व्यवहार तक है शक्ति तत्व की महिमा – प्रो शर्मा

हमारे पर्व हमें व्यापक मानवता से जोड़ते हैं - डॉ. पाल शक्ति की अवधारणा एवं उपासना : दर्शन, साहित्य एवं संस्कृति पर हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी में मंथन देश की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में शक्ति की अवधारणा एवं उपासना : दर्शन, साहित्य एवं संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी  में मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं मुख्य अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल थे।  डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने कहा कि भारतीय चिंतन से व्यवहार तक शक्ति तत्व की महिमा है। शक्ति की सत्ता को वेदों और पुराख्यानों में विशेष महत्व मिला है। शक्ति के बिना शिव भी शव है। नवरात्रि पर्व नारी शक्ति के प्रति आस्था के साथ मनुष्य को प्रकृति और पर्यावरण के महत्त्व से जोड़ता है। कृषि, वन्य और पर्वतीय संस्कृति के साथ मानव सभ्यता के रिश्तों को मजबूती देने का पाठ पढ़ाता है। डॉ हरिसिंह पाल नई दिल्ली ने मुख्य अतिथि के

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