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पांडुलिपियों का अन्य विषयों से सह संबंध पर केंद्रित कार्यशाला में हुए विशेष व्याख्यान

उज्जैन। सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय दिवस में आज 23.4.2025 को पांडुलिपियों का अन्य विषयों से सह संबंध विषय पर दो सत्रों में  चार व्याख्यान हुए । प्रथम सत्र में डॉ वी एस परमार विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास ने पांडुलिपियों के इतिहास पर व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने बताया कि 15वीं शताब्दी से पूर्व तक हस्तलिखित ही ग्रंथ बनाए जाते थे । आपने 7 फरवरी 2003 को बनाए गए पांडुलिपि मिशन के विषय में भी बताया जिससे पांडुलिपियों का डिजिटलाईजेशन  किया गया। साथ ही समग्र इतिहास के विविध पक्षों को पांडुलिपियों से जोड़कर बताया। इस सत्र में कुल सात प्रश्न आए जो विभिन्न विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गए।  इसी सत्र में वैदिक गणित एवं पांडुलिपि विषय पर गणित अध्ययनशाला के विभाग अध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी ने व्याख्यान दिया। आपने वैदिक गणित एवं पांडुलिपि विषय के अंतर्गत सर्वप्रथम  त्रिकोणमिति जैसे महत्वपूर्ण गणित के अध्याय को की जड़ों को प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पांडुलिपियों में उपस्थित बताया।  उन्होंने यह भी बताया कि किस ...

टाटा - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स द्वारा स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला का आयोजन

उज्जैन। टाटा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स (आईआईएस) के द्वारा स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों के भविष्य को दिशा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 23 अप्रैल 2025 को स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एट टेक्नोलॉजी के सभागृह में आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर संदीप कुमार तिवारी ने की। कार्यक्रम के मुख्य स्पीकर टाटा आईआईएस के श्री राधेश्याम चौहान जी थे। इस अवसर पर स्वागत भाषण सिविल इंजीनियरिंग के प्रमुख राजेश चौहान ने दिया।  कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विभिन्न इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों में उपलब्ध करियर के अवसरों से अवगत कराना, उनकी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार सही करियर पथ चुनने में मार्गदर्शन करना और उन्हें आवश्यक कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करना था। इस अवसर पर, टाटा आईआईएस के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए...

"बुके नहीं बुक्स" : विक्रम विवि में विश्व पुस्तक दिवस पर प्रेरणादायक आयोजन

किताबें ज्ञान, संस्कृति और सकारात्मक परिवर्तन की कुंजी : प्रो. अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान में विश्व पुस्तक दिवस, विश्व पुस्तक कॉपीराइट दिवस एवं विश्व अंग्रेज़ी भाषा दिवस के संयुक्त अवसर पर एक प्रेरणादायक एवं रोचक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि  "पुस्तकें मित्रों में सबसे शांत और स्थिर होती हैं, वे सलाहकारों में सबसे सुलभ, बुद्धिमान, धैर्यवान और श्रेष्ठ होती हैं।" प्रो. भारद्वाज ने अपने शैक्षणिक अनुभवों को साझा करते हुए यह भी कहा कि   निःसंदेह पुस्तकें ज्ञानार्जन, मार्गदर्शन एवं परामर्श देने में विशेष भूमिका निभाती हैं।   उन्होंने संस्थान द्वारा रचनात्मकता और नवाचार के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे पुस्तकों के माध्यम से अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करें। कार्यक्रम के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता न...

पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में जेएनआईबीएम परिवार ने जताया शोक, पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की

उज्जैन। पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (JNIBM), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संपूर्ण शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए पाक पोषित आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। इस नृशंस हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई। संस्थान की ओर से जारी शोक संदेश में मृतकों की आत्मा की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई। साथ ही, इस कायराना हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों के विरुद्ध शीघ्र और कठोर कार्यवाही की अपेक्षा व्यक्त की गई। संकाय अध्यक्ष प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने जेएनआईबीएम परिवार एवं एल्युमिनी एसोसिएशन की ओर से शोक व्यक्त करते हुए सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस कठिन समय में देशवासियों से एकजुट होकर आतंक के विरुद्ध खड़े होने का आह्वान किया और कहा कि हमारा पूर्ण समर्थन और सहानुभूति पीड़ित परिवारों के साथ है। संस्थान में इस अवसर पर एक सामूहिक मौन प्रार्थना का आयोजन भी किया गया, जिस...

आधुनिक साहित्य में उतरे हैं लोक संस्कृति के विविध उपादानों के साथ सामाजिक - सांस्कृतिक मूल्य - कुलानुशासक प्रो शर्मा

लोक संस्कृति और आधुनिक साहित्य पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ विक्रम विश्वविद्यालय में  सुधी विदुषी प्रो सुचित्रा मलिक का हुआ सारस्वत सम्मान, विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलम्पियाड 2025 के विशेष पोस्टर का लोकार्पण  हुआ उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में  लोक संस्कृति और आधुनिक साहित्य पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वाग्देवी भवन में सम्पन्न इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक एवं विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने की। मुख्य अतिथि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार की पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो सुचित्रा मलिक एवं सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो बी के कलासवा थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ललित कला नृत्य संगीत एवं नाट्य अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जगदीश चंद्र शर्मा, वरिष्ठ पुरातत्ववेत्ता डॉक्टर नारायण व्यास, भोपाल, डॉक्टर सीएल शर्मा रतलाम, शिक्षा मंत्रालय दिल्ली सरकार की उप निदेशक डॉ नीरज ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर सुधी विदुषी प्रो सुचित्रा मलिक, हरिद्वार को शॉल, ...

पांडुलिपियों एवं अन्य विषयों में सह संबंध पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ हुआ

उज्जैन। आज दिनांक 22 अप्रैल 2025 को सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान में पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रारंभ हुआ। यह कार्यशाला  पांडुलिपियों एवं अन्य विषयों में सह संबंध" पर आधारित थी।  उद्घाटन के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज, अश्विनी शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर आरसी ठाकुर, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ शीतांशु रथ एवं रसायन विज्ञान   की विभागाध्यक्षा प्रो उमा शर्मा अतिथि के रूप में उपस्थित थे कुलगुरु महोदय ने यह स्पष्ट किया कि नवीन शिक्षा नीति में समस्त विषयों के अंतर्संबंध पर कार्य किया जाना कितना आवश्यक है इस कारण से यह कार्यशाला अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उमा शर्मा जी ने पांडुलिपियों के संरक्षण और परिक्षण में रसायन विज्ञान के उपयोग पर प्रकाश डाला । डॉ आर सी ठाकुर जी ने मुद्राओं के महत्व पर अपने विचार रखें । प्रो शीतांशु रथ ने समस्त अतिथियों का स्वागत करके कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।इस सत्र में डॉ रमण सोलंकी पुरातत्वविद विक्रम विश्वविद्यालय, डॉ डी डी बेदिया, डॉ वी एस परमार, डॉ संदीप ति...

विश्व पृथ्वी दिवस पर विक्रम विश्वविद्यालय में “पृथ्वी प्रहर्ष प्रतिज्ञा” का भव्य आयोजन

स्मार्ट पृथ्वी–स्मार्ट स्टार्टअप संकल्प के साथ अक्षय ऊर्जा व सतत विकास का संदेश पृथ्वी पर्यावरण से प्रेम की प्रतिज्ञा कीजिए - प्रो भारद्वाज, कुलगुरू उज्जैन। पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में विश्व पृथ्वी दिवस 2025 के उपलक्ष्य में “पृथ्वी प्रहर्ष प्रतिज्ञा” शीर्षक से एक अनूठे त्रिस्तरीय आयोजन का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम “हमारी शक्ति, हमारा ग्रह” है, जो सभी लोगों, संगठनों और सरकारों को अक्षय ऊर्जा स्रोतों की ओर स्थानांतरित होने और एक सतत भविष्य के निर्माण हेतु प्रेरित करती है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा, “पृथ्वी पर्यावरण से प्रेम की प्रतिज्ञा कीजिए, यही आपके लिए सम्पन्नता के द्वार सदैव खोल सकती है।” उन्होंने इस आयोजन के लिए संस्थान निदेशक डॉ. धर्मेंद्र मेहता एवं समस्त टीम के प्रयासों की सराहना की और इसे विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना जागृत करने वाला कदम बताया। डॉ. धर्मेंद्र मेहता, निदेशक – पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस एक वैश्विक...

विश्व रचनात्मकता एवं नवाचार दिवस: जल संरक्षण और नवाचार का संगम

पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों ने दी रचनात्मकता की मिसाल निर्णयन एवं रचनात्मकता प्रबंधन में जरूरी - प्रो.भारद्वाज, कुलगुरु उज्जैन। पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में विश्व रचनात्मकता एवं नवाचार दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष आयोजन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने अपने संदेश में निर्णयन एवं रचनात्मकता प्रबंधन के आपसी संबंध की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को जल संरक्षण के लिए रचनात्मक पहल की प्रेरणा दी। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत पुण्य सलिल संरक्षण संरचना ट्रे तथा नदियों – गंगा, गोदावरी, नर्मदा, सिंधु, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गंडकी एवं शिप्रा – के प्रतीक स्वरूप जल कलशों की प्रतिकृति को “बेहतर कल के लिए एक अवसर” की संज्ञा देते हुए इन नवाचारों की सराहना की। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन में रचनात्मक युक्तियों के प्रयोग की आवश्यकता बताते हुए विद्यार्थियों से कौशल विकास में नवाचार को प्राथमिकता देने की अपेक्षा जताई। इस...

भेराजी ने आकाशवाणी को लोकवाणी बना दिया – डॉ. शैलेन्द्र शर्मा

लोकगायक सुन्दरलाल मालवीय और उदित तिवारी को भेराजी सम्मान प्रदान किया गया  उज्जैन । भेराजी मालवा की लोक संस्कृति के संवाहक थे और मालवी बोली - भाषा के लिए अद्भुत कार्य कर पूरे मालवा और निमाड़ में छा गये थे। भेराजी का व्यक्तित्व और चरित्र जीवित किंवदंती बन गया था। भेराजी की लोकदृष्टि ,देश की लोकदृष्टि रही और भेराजी ने आकाशवाणी को लोकवाणी बना दिया था। ये विचार मालवा लोक कला एवं संस्कृति संस्थान द्वारा कालिदास अकादमी में आयोजित 38 वें भेराजी सम्मान समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो.शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किये । आयोजन के सारस्वत अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री राकेश शर्मा ने कहा कि यह समय अपनी बोलियों को बचाने का समय है क्योंकि बोलियों में पीढ़ियों का विज्ञान सुरक्षित है । मालवी बोली के लिए भेराजी द्वारा किया गया कार्य धरोहर है । मुख्य अतिथि आकाशवाणी और दूरदर्शन के निदेशक श्री ब्रह्मप्रकाश चतुर्वेदी ने कहा कि भेराजी ने मालवी और निमाड़ी बोली को सशक्त बनाते हुए आकाशवाणी को लोकप्रिय बनाया और भेराजी द्वारा कही गई मालवी और निमाड़ी जनकथाओं क...

विश्व यकृत दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम: भोजन ही दवा है – प्रो. भारद्वाज, कुलगुरू

उज्जैन। हर साल 19 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व यकृत दिवस इस वर्ष 2025 में “फूड इज़ मेडिसिन” थीम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान परिसर में आयोजित विशेष जागरूकता कार्यक्रम में कहा कि संतुलित और पौष्टिक आहार ही यकृत को स्वस्थ रखने की सबसे सरल और प्रभावी कुंजी है।   उन्होंने कहा कि विश्व यकृत दिवस का मुख्य उद्देश्य यकृत (लीवर) से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम, जागरूकता और सही जानकारी प्रदान करना है। इस वर्ष की थीम “भोजन ही दवा है” का उद्देश्य आमजन को यह संदेश देना है कि यदि हम अपने आहार में सही खाद्य पदार्थों को शामिल करें तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है, विशेष रूप से यकृत रोगों से।   प्रो. भारद्वाज ने बताया कि जैतून का तेल, हरी सब्जियाँ, ताजे फल, मेवे, फलियाँ, साबुत अनाज, अंगूर, पपीता और समुद्री भोजन जैसे तत्व लीवर के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। वहीं, लाल मांस और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि त्वरित समाधान देने वा...

राजयोग की शिक्षा मानव जीवन में बहुत उपयोगी - डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। हाल ही में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा को दिल्ली में आयोजित दीक्षांत कार्यक्रम में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।  तदुपरांत डॉ. अवधेश प्रताप सिंह के माउंट आबू पहुंचने पर ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर एकेडमी में मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मोहिनी दीदी द्वारा वरिष्ठ राजयोगी सूरज भाई, बी.के. सुमन बहिन एवं राजयोगी भाई-बहिनों व गणमान्य जनों की उपस्थिति में उनका सम्मान किया गया।  इस अवसर पर डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा उल्लेख किया गया कि, राजयोग आध्यात्मिक शिक्षा के साथ मनुष्य के दैनिक जीवन में अत्येधिक उपयोगी है। इसके संबंध में उन्होंने व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों को साझा किया। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya II ● सम्पादक, बेख़बरों की खबर ● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन ● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश ● मध्यप्रदेश ब्यूर...

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