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बीएचईएल की खाली पड़ी 32 एकड़ भूमि को शासकीय उपयोग हेतु शासन को वापस किया जाना प्रस्तावित किया था, इस संबंध में आज कलेक्ट्रेट रोशनाबाद में जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी. रविशंकर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की


हरिद्वार 19/02/2020 : प्रदेश सरकार द्वार विभिन्न जनपदों में प्रेक्षागृह निर्माण हेतु शासनादेशानुसार वर्ष 2008 में स्वीकृति प्रदान की गयी थी। बीएचईएल हरिद्वार ने वर्ष 2007 में अपने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी हरिद्वार को बीएचईएल की खाली पड़ी 32 एकड़ भूमि को शासकीय उपयोग हेतु शासन को वापस किया जाना प्रस्तावित किया था। जिला प्रशासन ने बीएचईएल की हरिद्वार अहमद कडच्छ में स्थित 0.747 हेक्टेयर खाली पड़ी भूमि को प्रेक्षागृह निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल निर्माण निगम को भूमि हस्तगत की गयी थी। वर्ष 2011 में बीएचईएल द्वारा संस्कृति विभाग को विधिवत भूमि हस्तांतरण न होने पर निर्माण कार्य रूकवा दिया गया था। 



इस संबंध में आज कलेक्ट्रेट रोशनाबाद में जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी. रविशंकर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी। 



बैठक में संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड द्वारा निर्माणाधीन प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम) के संबंध में जिलाधिकारी ने संस्कृति विभाग को बीएचईएल की आगामी बोर्ड बैठक हेतु जिला प्रशासन के माध्यम से प्रस्ताव बनाकर बीएचईएल को भेजने के निर्देश दिये तथा एसडीएम हरिद्वार, नगर आयुक्त तथा बीएचईएल प्रतिनिधियों को निर्माणाधीन ऑडिटोरियम से संबंधित भूमि का निरीक्षण कर डिमारकेशन करने तथा अवैध कब्जा व अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिये।



संस्कृति विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि निर्माणाधीन प्रेक्षागृह हेतु रूपये 120 लाख का भुगतान किया जा चुका है तथा 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।



बैठक में एसडीएम हरिद्वार कुश्म चैहान, नगर आयुक्त नरेन्द्र भंडारी, डिप्टी कलेक्टर शैलेन्द्र नेगी, जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल, टाउनशिप एडमिनेस्ट्रेटर बीएचईएल नवीन लुनियाल, प्रोजेक्ट मैनेजर उत्तराखण्ड पेयजल निर्माण निगम दीपक नौटियाल, संस्कृति विभाग से बलराज नेगी तथा राकेश मैठानी उपस्थित थे।    


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