Skip to main content

भाप्रसे अधिकारियों की नवीन पद-स्थापना

भोपाल : शनिवार, फरवरी 22, 2020, 17:57 IST


राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नवीन पदस्थापना आदेश जारी किये हैं।



















































क्र.



अधिकारियों का नाम एवं वर्तमान पदस्थापना



नवीन पदस्थापना



1



श्री संजय कुमार शुक्ला(1994)


प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश जल निगम तथा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, जनसम्पर्क विभाग एवं प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश माध्यम (अतिरिक्त प्रभार)



प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश जल निगम



2



श्रीमती दीपाली रस्तोगी(1994)


प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग तथा वि.क.अ.-सह-आयुक्त, जनजातीय कार्य विकास तथा प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग (अतिरिक्त प्रभार)



प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य एवं तकनीकी शिक्षा,कौशल विकास एवं रोजगार विभाग तथा वि.क.अ.-सह-आयुक्त, जनजातीय कार्य विकास



3



श्री शिव शेखर शुक्ला (1994)


प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग



प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण



4



श्री डी.पी.आहूजा(1996)


वि.क.अ.-सह-आयुक्त,उच्च शिक्षा



प्रमुख सचिव, पशुपालन



5



श्री उमाकांत उमराव (1996)


वि.क.अ.-सह-अपर विकास आयुक्त एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण तथा पदेन प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, प्रचायत एवं ग्रामीण विकास



प्रमुख सचिव, सहकारिता एवं उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण



6



श्री सुखवीर सिंह (1997)


(पदस्थापना के लिए प्रतीक्षारत)



आयुक्त-सह-संचालक, संस्थागत वित्त एवं सचिव, वित्त विभाग



7



श्री पी. नरहरि (2001)


आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, तथा पदेन सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग तथा आयुक्त, जनसम्पर्क, मध्यप्रदेश (अतिरिक्त प्रभार)



आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश तथा पदेन सचिव, मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं सचिव, मध्यप्रदेश शासन, जनसम्पर्क विभाग तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश माध्यम



8



श्री मुकेश कुमार शुक्ला (2003)


संचालक, आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल



आयुक्त,


उच्च शिक्षा,


मध्यप्रदेश, भोपाल



अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे


श्री उमाकांत उमराव द्वारा प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद प्र-संस्करण एवं सहकारिता विभाग का कार्यभार ग्रहण करने पर अपर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण और प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी सहकारिता विभाग के प्रभार से मुक्त होंगे। श्री डी.पी. अहूजा द्वारा कार्यभार ग्रहण करने पर अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव पशुपालन विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे। इसी तरह श्री शिवशेखर शुक्ला द्वारा कार्यभार ग्रहण करने पर प्रमुख सचिव डॉ. राजेश कुमार राजौरा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के अतिरिक्त प्रभार से और श्री सुखवीर सिंह द्वारा कार्यभार ग्रहण करने पर प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल आयुक्त सह-संचालक, संस्थागत वित्त के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे।


श्री आनंद शर्मा उज्जैन संभागायुक्त


 


संभागायुक्त सागर श्री आनंद कुमार शर्मा को उज्जैन का संभागायुक्त बनाया गया है। उज्जैन संभागायुक्त श्री अजीत कुमार को संचालक आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में संचालक पद पर नियुक्त किया गया है। मंत्रालय में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी श्रीमती रेणु पंत को विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी-सह-सचिव राज्य सूचना आयोग और श्री दुर्ग विजय सिंह को विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी-सह-सचिव के पद पर राज्य निर्वाचन आयोग में पदस्थ किया गया है। श्री दुर्ग विजय सिंह राज्य सूचना अयोग में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी-सह-सचिव और राज्य निर्वाचन अयोग (अतिरिक्त प्रभार) में कार्यरत थे।



Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar



Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...