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पी.सी. शर्मा की प्रेसवार्ता : भाजपा नेता और प्रदेश को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान जबाव दें:-


पी.सी. शर्मा की प्रेसवार्ता


भाजपा नेता और प्रदेश को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान जबाव दें:-


1. क्या यह सही नहीं है कि आपके कार्यकाल में 42.8 प्रतिशत अर्थात 45 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार थे।
2. क्या यह सही नहीं है कि आपके कार्यकाल के दौरान 13 लाख 50 हजार कुपोषित बच्चे मौत की आगोश में समा गये। 
3. क्या यह सही नहीं है कि एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यक्रम के तहत आपकी सरकार द्वारा वर्ष 2007-08 से लगातार उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन किया जाता रहा।
4. क्या यह सही नहीं कि वर्ष 2004 में ही उच्चतम न्यायालय ने पोषण आहार की योजना में ठेकेदारों को बाहर करने के आदेश दिये थे, उसके बावजूद भी आप निजी कंपनियों और ठेकेदारों के साथ सांठगांठ करते रहे। 
5. क्या यह सही नहीं है कि वर्ष 2009 और 2015 में नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने लिखा था कि 30 से 32 प्रतिशत पोषण आहर का पैसा जो बच्चों के हक का है वह निजी कंपनियां खा रही हैं। उसके बावजूद आप निजी कंपनियों के साथ सांठगांठ करते रहे। 
6. क्या यह सही नहीं है कि आपके कार्यकाल में पोषण आहार कार्यक्रम के लिए बने संयुक्त उपक्रमों में एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट काॅर्पोशन की पूंजीगत हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत रह गई और संयुक्त उपक्रम निजी उपक्रम रह गये।
7. क्या उच्च न्यायालय द्वारा आपकी सरकार के खिलाफ दिया हुआ आदेश आपको शर्मसार नहीं करता।


9 मार्च 2018 को माननीय उच्च न्यायालय ने (Review Petition No. 1445/2017) अपने आदेश में लिखा था कि "Inspite there being a categoric direction] it appears that the State Government wanted to favour those private persons who were in joint venture supplying THR to the State Government, on same pretext or the other, the order dated 13-09-2017 passed by this court was not complied with.


8. क्या यह सही नहीं है कि वर्ष 2016 में जुलाई-अगस्त में श्योपुर में 116 बच्चों की कुपोषण के कारण मृत्यु हुई और यह पाया गया कि वहां पोषण आहार नहीं पहुँच रहा था. उसी वक्त आयकर विभाग ने एम् पी एग्रो इंडसट्रीज डेवलपमेंट कारपोरेशन और पोषण आहार की आपूर्ति में शामिल तीनों कम्पनियों पर छापे मारे और पाया कि वे अनियंत्रित आय अर्जित करते रहे हैं. तब भी आपकी सरकार ने उन कंपनियों पर कोई कार्यवाही नहीं की, 10 वर्षों में शिवराज सिंह जी आपकी सरकार ने निजी कंपनियों को 7800 करोड़ रूपए के ठेके दिए, जिनमें से इन कंपनियों और आपकी सरकार की सांठगांठ ने 30 से 32 प्रतिशत तक बच्चों के पोषण आहार पर डाका नहीं डाला। 
9. क्या यह सही नहीं है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पाया कि शिवराज सिंह सरकार के दौरान दस सालों से लगातार पोषण आहार घोटाला संचालित हो रहा है. तब माननीय उच्च न्यायालय ने 13 सितम्बर 2017 को आदेश (रिट पिटीशन 996/2016) दिया कि मध्यप्रदेश सरकार 30 दिन के भीतर इन कंपनियों से काम वापस लेकर नई नीति बनाए. किन्तु नवम्बर 2018 तक सरकार में रहते हुए शिवराज जी इन कंपनियों को ठेके में बनाए रखते गए। 
10. क्या यह सही नहीं है कि आपकी सरकार ने बच्चों के पोषण आहार पर भीषणतम भ्रष्टाचार कर प्रदेश के भविष्य को उजाड़ने की कोशिश की है।


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