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शिवराज जी ने आज एक बार फिर पोषण आहार पर जमकर झूठ परोसा, राज्य सरकार पर बगैर तथ्य व प्रमाण के झूठे आरोप लगाए : नरेंद्र सलूजा

पोषण आहार व्यवस्था में उत्पादन और सप्लाई में निजी कंपनियों 
या ठेकेदारों की भूमिका को खत्म करने की मुख्यमंत्री कमलनाथ की घोषणा 
के बावजूद उसका स्वागत करने की बजाय हर मुद्दे पर झूठ परोसने वाले शिवराज 
जी ने आज एक बार फिर पोषण आहार पर जमकर झूठ परोसा, राज्य सरकार पर बगैर तथ्य व प्रमाण के झूठे आरोप लगाए : नरेंद्र सलूजा


भोपाल, 17 फरवरी 2020


मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा पोषण आहार व्यवस्था को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगाए गए तमाम आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि पोषण आहार व्यवस्था में निजी कंपनियों या ठेकेदारों की भूमिका को खत्म करने की मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की घोषणा का स्वागत करने की बजाय, इस व्यवस्था को वर्षों तक पोषित करने वाले शिवराज जी ने, हमेशा की तरह एक बार फिर इस मुद्दे पर भी जमकर झूठ परोसा है, बगैर तथ्य व प्रमाण के तमाम झूठे आरोप लगाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह झूठे आरोप लगा रहे हैं कि उनके समय सभी प्लांट चालू हो गए थे, जबकि सच्चाई यह है कि पांच प्लांट कांग्रेस सरकार के समय 2019 में शुरू हुए है और दो तो अभी तक शुरू नहीं हो पाये है। देवास संयंत्र में मार्च 19 से, धार में जुलाई 2019 से, होशंगाबाद में जुलाई 2019 से, मंडला में अक्टूबर 2019 से व सागर में अक्टूबर 2019 से वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा संयंत्र प्रारंभ कराए जाकर पोषण आहार का उत्पादन एवं वितरण का कार्य प्रारंभ कराया गया।वर्तमान में पोषण आहार उत्पादन की प्रक्रिया पूर्णतः स्वयं सहायता समूह के परिसंघो द्वारा पांच प्लांटों में संचालित की जा रही है और इसमें कोई निजी करण नहीं किया गया है। शेष दो प्लांटों में भी शीघ्र ही उत्पादन कार्य प्रारंभ किया जाना है।
सलूजा ने शिवराज जी के एक अन्य आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि सामान्यतः यह परंपरा रही है कि मंत्रिपरिषद के निर्णयो का मुख्य सचिव से विभागों को लिखित संप्रेषण होने के बाद ही आदेश जारी होते हैं। उन्होंने टेक होम राशन व्यवस्था पर शिवराज सिंह जी से कुछ प्रश्न पूछ उनका जवाब माँगा हैं।
सवाल - 
1. प्रदेश में पिछले 15 वर्ष भाजपा की सरकार रही है। टेक होम राशन व्यवस्था को लेकर तमाम आरोप लगाने वाले शिवराज जी बताये कि वे प्रदेश के 13 वर्ष मुख्यमंत्री रहे है, उन्होंने टेक होम राशन सप्लाई मैं निजी कंपनियों की भागीदारी को समाप्त करने के लिए क्या-क्या कदम उठायें?
2. आप 13 मार्च 2018 की जिस केबिनेट बैठक का जिक्र कर रहे है ,जिसमें निर्णय लिया गया कि टेक होम राशन का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया जाएगा। क्या यह सही है कि यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की डाँट-फटकार के बाद लिया गया, इसमें आपकी सरकार की कोई भूमिका नहीं थी?
3. क्या कारण रहा कि मार्च 2018 में निर्णय होने के बाद भी आप की सरकार के शेष बचे कार्यकाल में भी टेक होम राशन में निजी कंपनियों की भागीदारी का कार्य सतत जारी रहा?
4. क्या आप की सरकार में वित्त और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विकास विभाग पोषण आहार के निजी करण से सहमत थे?
5. आपकी सरकार के समय क्या यह भ्रष्टाचार के नापाक गठबंधन के तहत निरंतर चालू रहा?
6. स्वयं सहायता समूह को टेक होम राशन का काम देने की सद्बुद्धि आपको अपने 13 वर्ष के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में ही क्यों पैदा हुई और वह भी सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार के बाद?
7. पूर्व मुख्यमंत्री जी यह भी बताएं कि उनकी सरकार में कितनी बार किसी विभाग के प्रमुख सचिव ने बिना कैबिनेट निर्णय के औपचारिक रूप से लिखित स्वीकृति आदेश से बिना प्रोसिडिंग जारी हुए, उसी दिन आदेश अपनी ओर से जारी किये और कितनी बार ऐसे अधिकारी के निर्णय का आपने समर्थन व सम्मान किया?
8. क्या कारण रहा कि आपकी 15 वर्ष की सरकार में निरंतर मध्यप्रदेश कुपोषण में देश में सदैव शीर्ष पर रहा? आपने कुपोषण दूर करने के लिए 15 वर्ष की सरकार में क्या-क्या कदम उठाये? पोषण आहार व्यवस्था में बदलाव के लिए क्या-क्या निर्णय लिए व क्या कदम उठाये, यह भी सार्वजनिक करें? शिवराज जी पहले इन प्रश्नो का जवाब दीजिये, फिर झूठे आरोप लगाये। आपको तो पोषण आहार व्यवस्था पर बोलने तक का हक नहीं है।


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