राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए सरदार पटेल ने अविस्मरणीय योगदान दिया -लेफ्टिनेंट जनरल श्री राणा, विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान हुआ
राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए सरदार पटेल ने अविस्मरणीय योगदान दिया -लेफ्टिनेंट जनरल श्री राणा
विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान हुआ
सरदार पटेल की जयंती पर देश भर में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल श्री रमेश कुमार राणा, जबलपुर थे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ यू एन शुक्ला थे।
विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा सभागार में 31 अक्टूबर 2020 को दोपहर में आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से विशिष्ट व्याख्यान देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल श्री रमेश कुमार राणा, जबलपुर ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल अत्यंत साहसी और लोकहितैषी व्यक्तित्व के धनी थे। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए सरदार पटेल ने अविस्मरणीय योगदान दिया। उन्होंने किसानों और कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक प्रयास किए। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि सम्पूर्ण देश उनका जन्मदिवस राष्ट्रीय एकता के दिवस के रूप में मनाता है। भारतीय सेना राष्ट्रीय एकता का जीवन्त उदाहरण पेश करती है। सेना की प्रत्येक यूनिट में एकता के दर्शन होते हैं। हम अपनी अपनी इकाई और संगठन के दायित्वों के अनुरूप कार्य करते हैं। विश्वविद्यालयों में विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी परस्पर प्रेम और सद्भाव के साथ अध्ययन करें, इससे राष्ट्रीय एकता और अधिक मजबूत होगी।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि वर्तमान में एकता की ताकत को नए सिरे से जानने की जरूरत है। आचार्य चाणक्य ने इस दिशा में सार्थक सन्देश दिया था, जो सरदार पटेल ने नए दौर में आगे बढ़ाया। देशवासियों में सैन्य विज्ञान को लेकर जागरूक करने की आवश्यकता है। विक्रम विश्वविद्यालय में सैन्य शिक्षा का पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा। हमें राष्ट्र के इतिहास को लेकर गौरव का भाव होना चाहिए। कुलपति प्रो पांडेय ने वाल्मीकि जयंती पर वाल्मीकि जी के योगदान का स्मरण किया।
कुलसचिव प्रो यू एन शुक्ला ने कहा कि महान विभूतियों का स्मरण युवाओं के मध्य प्रेरणा के लिए किया जाता है। सरदार पटेल का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने धारा 370 हटा कर सरदार पटेल के कार्यों को आगे बढ़ाया है। हर व्यक्ति यह प्रण ले कि सब एक दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव का भाव रखेंगे।
प्रास्ताविक वक्तव्य में कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि भारत सहस्राब्दियों से एक रहा है, इसे पुनः एकजुट करते हुए देश की अखंडता और सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरदार पटेल ने अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। भारतेंदु हरिश्चंद्र जैसे नवजागरण के पुरोधाओं ने भारतवासियों से परस्पर फूट और बैर से मुक्त होने का आह्वान दशकों पहले किया था।
स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा रासेयो समन्वयक डॉ प्रशांत पुराणिक ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए सरदार पटेल का संदेश युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने सैकड़ों रियासतों में बँटे देश को एकता के सूत्र में बाँधा।
कार्यक्रम में कुलपति प्रो पांडेय द्वारा उपस्थित जनों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम का प्रारंभ कुलगान से हुआ। अतिथियों द्वारा वाग्देवी का पूजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो बालकृष्ण शर्मा, प्रो एच पी सिंह, पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ राकेश ढंड, प्रेमलता चुटैल, प्रो डी एम कुमावत, प्रो के एन सिंह, डॉ एस के मिश्रा, डॉ अनिल जैन, डॉ एस के जैन डॉ ज्योति उपाध्याय, डॉ विष्णु सक्सेना आदि सहित अनेक शिक्षक, कर्मचारी एवं रासेयो स्वयंसेवक उपस्थित थे।
संचालन कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। आभार डॉ रमण सोलंकी ने माना।
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