Skip to main content

भारतीय रेलवे ने टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के लिए उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च किया

Highlights : 

  • भारतीय रेलवे ने टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के लिए उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च किया
  • "रेल , वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बेहतरीन सुविधाओं की पेशकश करने वाली वेबसाइट और ऐप का आज शुभारंभ किया
  • यात्रियों को नए साल का तोहफा
  • इस वेबसाइट में उपयोगकर्ता के लॉगिन से जुड़ा नवीन यूजर पर्सनलाइजेशन फीचर पहली बार शामिल किया गया
  • रेल मंत्री ने कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने और रेलवे को भविष्य के लिए तैयार करने में रेल परिवार के योगदान की सराहना की
  • आईआरसीटीसी की ओर से इस दिशा में किए गए प्रयास 
  • आईआरसीटीसी को  ग्राहकों की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए एवं वेबसाइट को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह वेबसाइट डिजिटल इंडिया मिशन और प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार दुनिया में किसी से कम न हो- श्री पीयूष गोयल
  • टिकट के साथ भोजन, रिटायरिंग रूम और होटल बुकिंग की सुविधा को  एकीकृत किया गया है
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए यात्रियों को संभावित प्रवेश संबंधी सुझाव दिए जाएंगे
  • उपयोगकर्ता खातों में  रिफंड  की स्थिति का आसानी से पता लगाने की सुविधा
  • 'नियमित रूप' से या पसंदीदा 'यात्राएं संबद्ध विवरणों को स्वचालित रूप से दर्ज करके आसानी से बुक की जा सकती हैं
  • यात्रियों के टिकट बुकिंग में लगने वाले समय को कम करने और बुकिंग के अनुभव को बेहतर करने के लिए जानकारी को एक ही पेज पर देकर ट्रेन खोज और उसके चयन को सरल बनाया गया
  • सभी जानकारी एक जगह पर उपलब्ध
  • सभी रेलगाड़ियों के लिए संबंधित किराए के साथ उपलब्ध सभी श्रेणियों को एक जगह प्रदर्शित किया जाता है, आसानी से पेज को स्क्रॉल करके मनपसंद रेलगाड़ी और श्रेणी का चयन किया जा सकता है
  • पहले किसी भी रेलगाड़ी में उपलब्ध श्रेणियों और उसके किराए की‌ जानकारी उस रेलगाड़ी के नाम पर क्लिक करके ही मिल पाती थी



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'डिजिटल इंडिया' विजन के अनुरूप भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए इस्‍तेमाल की जाने वाली अपनी ई-टिकटिंग वेबसाइट www.irctc.co.in और आईआरसीटीसी  रेल कनेक्ट मोबाइल ऐप का नवीनीकरण और उन्नयन किया है,।

"सर्वश्रेष्ठ" सुविधाओं की पेशकश करने वाली इस उन्‍नत ई-टिकटिंग वेबसाइट और ऐप का रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज 31 दिसंबर, 2020 को शुभारंभ किया। यह रेलवे द्वारा सभी यात्रियों को नए साल का तोहफा है।

श्री गोयल ने इस अवसर पर कहा “रेलवे राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है, और रेल यात्रा के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। ऑनलाइन रेलवे टिकटों की बुकिंग के लिए यह अपग्रेडेड ई-टिकटिंग प्लेटफॉर्म, यात्री सुविधाओं को बढ़ाएगा। “उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी को निरंतर वेबसाइट में सुधार करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह वेबसाइट डिजिटल इंडिया मिशन और प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार दुनिया में सबसे अव्‍वल हो।

रेल टिकटों की बुकिंग के लिए ई-टिकटिंग की सुविधा :

अगली पीढ़ी की यह उन्‍नतम ई-टिकटिंग प्रणाली 2014 में शुरू की गई थी। इसका मकसद आईआरसीटीसी के माध्‍यम से टिकट बुकिंग सेवा को बाधा रहित और आसान बनाना है। इस वेबसाइट और ऐप को उन्‍नत बनाकर रेल यात्रियों को और अधिक सुविधाएं उपलब्‍ध कराना है।

वेबसाइट और ऐप का उन्‍नयन उपभोक्‍ताओं के अनुभवों को ध्‍यान में रखते हुए किया गया है:

रेल टिकट की बुकिंग के लिए इस नई विश्वस्तरीय वेबसाइट के डिजाइन को रेलवे के ग्राहकों को ध्‍यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें उपयोगकर्ता के लॉगिन के साथ भोजन, टिकट बुकिंग, रिटायरिंग रूम और होटल बुकिंग की सुविधा को पहली बार एकीकृत किया गया है।

उन्‍नत वेबसाइट की मुख्‍य विशेषताएं :

इसमें उपयोगकर्ता के लॉगिन के साथ सभी उपलब्‍ध सुविधाओं को एकीकृत किया जाना जैसे-

  • भोजन, रिटायरिंग रूम और होटल बुकिंग की सुविधा को टिकट बुकिंग के साथ एकीकृत किया गया है।
  • इस तरह से यात्रियों को एक ही स्‍थान पर यात्रा से संबधित सभी सुविधाएं उपलब्‍ध कराने का प्रयास किया गया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्‍यम से यात्रियों को स्‍टेशन में प्रवेश करने के साथ सभी तरह की सूचनाएं दिए जाने की व्‍यवस्‍था की जाएगी। इससे उन्‍हें यात्रा के पहले की परेशानियों से बचने तथा टिकट बुक करने में मदद मिलेगी।

वेबसाइट और ऐप के जरिए यात्रियों को टिकट रिफंड की सारी जानकारी भी उनके लॉगिन खाते में एक जगह मिल सकेगी। इससे पहले यह सुविधा नहीं थी। 

नियमित और मनपसंद यात्रा के लिए सभी आवश्‍यक जानकारियां देकर टिकट बुक की जा सकती है।

रेलगाड़ियों की जानकारी और चयन की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है।

रेलगाड़ियां और उनमें उपलब्‍ध श्रेणियों के किराए को एक ही पेज पर दिया गया है। पेज स्‍क्रॉल करके मनपसंद रेलगाड़ी और श्रेणी की टिकट बुक की जा सकती है। इससे पहले यह सुविधा नहीं थी और हर रेलगाड़ी के लिए अलग से उसकी जानकारी लेनी पड़ती थी।

वेबसाइट के साथ एक ‘कैशे प्रणाली’ की शुरुआत की गई है जिसके माध्‍यम से वेट लिस्‍ट टिकटों के कन्‍फर्म होने की जानकारी मिलेगी।

इससे वेटलिस्‍ट टिकटों के कन्फर्म हो जाने की जानकारी उपलब्‍ध कराने में देरी नहीं होगी। इससे पहले यह सुविधा नहीं थी।

वेबपेज पर आरक्षित टिकटों की अन्‍य दिनों में उपलब्‍धता की जानकारी स्‍वतः आ जाएगी।

कंम्‍यूटर के बारे में कम जानकारी रखने वालों को भी बुकिंग प्रक्रिया आसानी से समझ में आ सकेगी जिससे उन्‍हें आवश्‍यक जानकारियां हासिल करने के लिए वेबसाइट पर इधर-उधर भटकने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा।

बुक की गई यात्रा का विवरण भुगतान वाले पेज पर स्‍वतः दिखेगा ताकि उपयोगकर्ता इसमें किसी तरह की गलती को तुरंत ठीक कर सके। पीआरएस केन्‍द्र जाकर भी बुकिंग में हुई गलती ठीक कराई जा सकती है।

∙वेबसाइट में साइबर सुरक्षा के लिए भी पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की गई है।

उच्‍च स्‍तर की विशेषताएं :

उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट और मोबाइल ऐप का उद्देश्य अन्य ऑनलाइन यात्रा और टिकटिंग वेबसाइटों के बीच उपयोगकर्ताओं को बेहतरीन अनुभव प्रदान करना है।

इन सुविधाओं का स्तर अन्य टिकटिंग वेबसाइटों द्वारा वर्तमान में दी जा रही सुविधाओं की तुलना में अधिक उन्नत होगा। अधिकांश वेबसाइटों में, स्टेशनों की जानाकारी अभी भी वर्णमाला के क्रम में है और टिकटों की उपलब्‍धता की स्थिति या तो है ही नहीं या काफी पुरानी है। इसके अलावा, इस उन्नत ई-टिकटिंग वेबसाइट में ठहरने और भोजन आदि की बुकिंग की सुविधा को टिकट बुकिंग के साथ एकीकृत किया जाना अपने आप में बेजोड़ है।

वर्तमान में आईआरसीटीसी की इस ई-टिकटिंग वेबसाइट के 6 करोड़ से ज्‍यादा उपयोगकर्ता हैं। वेबसाइट के जरिए प्रतिदिन 8 लाख से अधिक टिकट बुक किए जाते हैं। बुक किए जाने वाले कुल आरक्षित रेल टिकटों का 83 प्रतिशत इस वेबसाइट के जरिए बुक किया जा रहा है।

आगे का रास्‍ता :

आईआरसीटीसी और सीआरआईएस (क्रिस) उन जोड़ीदार स्टेशनों के लिए वैकल्पिक मार्गों पर ट्रेनों को जोड़ने के लिए स्मार्ट बुकिंग ’सुविधा शुरू करने के लिए काम कर रहा है जिनमें सीधी ट्रेन सेवा नहीं हैं।

रेलवे अपनी ई-टिकटिंग सेवाओं में निरंतर सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्‍नत वेबसाइट और नए ऐप को जारी करते हुए रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कोरोना से उत्‍पन्‍न चुनौतियों से निपटने और रेलवे को भविष्‍य के लिए तैयार करने में रेल परिवार के योगदान की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि आईआरसीटीसी इस दिशा में प्रयासरत है।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...