विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में रोजगार उन्मुखी नवीन डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रारंभ होंगे
उज्जैन : दिनांक 01/01/2021 को विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉं अखिलेश पाण्ड़े की अध्यक्ष्ता में प्लानिंग एवं मूल्यांकन बोर्ड की बैठक सम्पन्न हुई, जिसके तहत प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के दो डिप्लोमा व चार प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने की अनुशंसा की गई।
उक्त पाठ्यक्रमो का उदेश्य छात्रों में अतीरिक्त कौशल दक्षता एवं उद्यामिता विकास हेतु प्रोत्साहीत किया जाना है। उपरोक्त पाठ्यक्रम प्रधान मंत्री भारत सरकार द्वारा घोषित आत्म निर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु बेरोजगार युवाओं के लिये सहायक होंगे ।
प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा निम्नलिखित रोजगार उन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जा रहे हैं ।
1. जलीय जीव संवर्धन तकनीकी में डिप्लोमा ।
2. मत्स्य् पालन तकनीक में डिप्लोमा ।
3. ओद्यौगीक प्रदुषण एवं दूषित जल उपचार तकनीक में प्रमाण पत्र।
4. जलीय जीव एवं जैव संवर्धन तकनीकी में प्रमाण पत्र ।
5. कृमी खाद निर्माण तकनीकी में प्रमाण पत्र ।
6. प्रयोग शाला तकनीकी एवं उपकरण में प्रमाण पत्र ।
उपरोक्त सभी पाठ्यक्रम छात्रों में अतिरिक्त कौशल विकास हेतु उपयोगी होंगे । उपरोक्त पाठ्यक्रमों को उर्तीण करने के पश्चात विभिन्न शासकीय विभाग जैसे :-कृृषि अनुसंधान परिषद, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, कृषि महाविद्यालय, शासकीय महाविद्यालय, कृषि विभाग, मत्स्य पालन विभाग, मलेरिया विभाग, उद्यानिकी विभाग के साथ कई औद्योगिक इकाईयों में रोजगार प्राप्त करने हेतु सहायक होंगे ।
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