इंदौर शहर की जनता को बेहतर यातायात सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं यातायात का सुगमता से संचालन हो सके के संबंध में जलसंसाधन मंत्री ने गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की
इंदौर शहर की जनता को बेहतर यातायात सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं यातायात का सुगमता से संचालन हो सके के संबंध में जलसंसाधन मंत्री ने गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की।
मध्यप्रदेश शासन के गृह मंत्री माननीय डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जलसंसाधन मंत्री से उनके निवास पर भेंट की
भोपाल, मध्यप्रदेश, बुधवार, 03 फरवरी, 2021 । मध्य प्रदेश शासन के माननीय गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा जी ने भोपाल में मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन मंत्री माननीय श्री तुलसीराम सिलावट जी से उनके निवास पर पहुंचकर भेंट की ।
चर्चा के दौरान मंत्रीजी श्री तुलसीराम सिलावट जी ने इंदौर शहर की जनता को बेहतर यातायात सुविधाएं उपलब्ध कराने और सुगमता से आवागमन संचालित हो सके इस संबंध में कई बिंदुओं पर चर्चा कर कुछ मांगे रखी। जिसको गृह मंत्री जी डॉ नरोत्तम मिश्रा जी ने स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही विषय संबंध में तत्काल फोन पर अपर मुख्य सचिव गृह विभाग श्री राजेश राजोरा को इस सम्बन्ध में कार्रवाई कराने के निर्देश दिए ।
निम्नलिखित बिन्दुओं पर जलसंसाधन मंत्री ने गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की -
1. वर्तमान में इंदौर की जनसंख्या 32 लाख एवं वाहन लगभग 23 लाख है, वाहन घनत्व के मान से पूरे भारत में नम्बर 01 पर है, जिले में यातायात का पूर्व से केवल एक थाना स्वीकृत है, वर्तमान में 04 यातायात थाना भवन बनकर तैयार हैं।
2. वर्ष 2011 में इंदौर यातायात के लिये 852 यातायात का बल स्वीकृत हुआ था। मौजुदा बल लगभग 500 उपलब्ध है, वर्ष 2021 के मापदण्ड से 2831 बल की आवश्यकता है।
3. यातायात नियंत्रण के लिये 62 आटोमेटिक सिग्नल स्थापित किये गये हैं, जो पुराने है। जिन्हें सिंकोनाईजेशन सुविधा कराया जाना प्रस्तावित है, इससे रेड सिग्नल में रूकने की आवश्यकता नहीं होगी। इस हेतु सॉफ्टवेर उपलब्ध कराया जाये।
4. ई-डिवाईस- वर्तमान में यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध ई-चालान डिवाईस से चालानी कार्यवाही के दौरान समझोता शुल्क (सी.एफ.) राशि नगद ली जाती है, जिससे आम लोगों को असुविधा होती है। राशि को ट्रेजरी में जमा करने में असुविधा एवं समय लगता है, जो प्रक्रिया काफी लम्बी है। इस हेतु इंदौर जिले को 50 नये आधुनिक ई-चालान डिवाईज उपलब्ध कराये जाकर चालानी कार्यवाही के दौरान समझोता शुल्क की राशि ऑन लाईन/ नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सीधे सायबर ट्रेजरी में जमा हो सके।
5. जस्तशुदा वाहनों के लिये यार्ड- यातायात पुलिस वाहनों को जप्त करती है तो थाना परिसर में अधिक वाहन होने पर स्थान नहीं बचता है। इसके लिये अलग से कोई व्यवस्था न होने से असुविधा होती है। अतः प्रत्येक थाने पर जप्तशुदा वाहनों के लिये शासन स्तर पर यार्ड बनाया जाना प्रस्तावित है।
6. सायबर फोरेन्सिक लैब की स्थापना की जावे।
7. इंदौर शहर के कण्टेनमेण्ड जोन, भीड-भाड़ वाले इलाके, तिराहें-चौराहें एवं अन्य संवेदनशील 177 स्थानों पर 571 सी.सी.टी.वी. कैमरों (ड्रोम, पीटी-जेड, बुलेट) की आवश्यकता है, जिसमें अपराधियों के संबंध में फुटेज हासिल हो सके तथा शहर के संवेदनशील इलाकों की स्मॉट पुलिसिंग के जरिये निगरानी की जा सके, इसके अलावा कम से कम 50 स्थानों पर ए.एन.पी.आर. कैमरे भी लगाये जाएँ।
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