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कार्यपरिषद् की बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय का वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पारित


कार्यपरिषद् की बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय का वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पारित

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 24.03.2021 को सम्पन्न हुई, जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पारित किया गया। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. ए..के. पाण्डेय ने की। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य डॉ. एस. एन. शर्मा , डॉ. एल.एन.शर्मा,  डॉ. पी.के. वर्मा, डॉ. दिनेष सोनी, डॉ. गोविन्द गन्धे, डॉ. आर.सी. जाटवा, श्री राघवेन्द्र पाल सिंह, श्री राजेष सिंह कुषवाह, श्री सचिन दवे, सुश्री ममता बैंडवाल,  डॉ. विनोद यादव एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. डी.के. बग्गा उपस्थित थे।

 

     योजना एवं बजट का निर्माण केवल संसाधनों का वितरण मात्र नहीं है, वस्तुतः यह पूर्व निर्धारित् उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये वित्त व्यवस्था की दिशा का सूचक होता है। योजना एवं बजट के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित नीतियाँ एवं लक्ष्य विश्वविद्यालय के लिये अनुकरणीय है।

 

1.    विश्वविद्यालय द्वारा समस्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय की परीक्षा, प्रशासन, अध्ययनशालाओं तथा पूंजीगत योजनाओं (अधोसंरचना विकास) के लिये वर्ष 2020-21 का पुनरीक्षित एवं 2021-22 का अनुमानित बजट तैयार किया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय की आय के अनुकूल ही अनुमानित व्यय प्रस्तावित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस बजट में राज्य शासन द्वारा संधारण अनुदान में पर्याप्त वृद्धि नहीं करने के बावजूद विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु सातवें वेतनमान एवं समयमान वेतनमान के अनुसार वेतन एवं एरियर्स हेतु विश्वविद्यालय के स्वंय के स्रोतों से प्रावधान किया गया है।


 


2.    बजट अनुमान वर्ष 2020-21 में घाटा रुपये (-) 527.43 लाख दर्शाया गया था, जबकि वर्ष 2020-21 के संशोधित बजट अनुसार स्थिति निम्नानुसार है ः-


      1. वर्ष 2020-21 की संशोधित आय          -      राशि रुपये 7936.90 लाख


      2. वर्ष 2020-21 का संशोधित व्यय          -      राशि रुपये 7213.79 लाख


               कुल योग                                      -      राशि रुपये 723.11 लाख


        वर्ष 2020-21 में अनुमानित वृद्धि रुपये 723.11 लाख है। इस वृद्धि को संतुलित करने के लिये नियत व्ययों को छोड़कर शेष व्ययों में 20 प्रतिशत की अनिवार्य कटौती करने का प्रावधान किया गया था। विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कटौती प्रस्ताव का कड़ाई से पालन करते हुए वित्तीय नियत्रंण एवं अनुशासन स्थापित करने एवं बजट को नियंत्रित करने के प्रयास किये गये।


 


3.    वित्तीय वर्ष 2021-22 की अनुमानित आय रुपये 14364.08 लाख तथा अनुमानित व्यय रुपये  14823.88 लाख है, तथा वर्ष 2021-22 में घाटा रुपये (-) 459.80 लाख होने का अनुमान है। घाटे के मुख्य कारणों में शासन से वेतन भत्तों हेतु प्राप्त संधारण अनुदान का, किये गये वास्तविक व्यय के अनुपात में अत्यंत कम प्राप्त होना, विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सातवे वेतनमान के एरियर्स का प्रावधान करना है, इसके अतिरिक्त समय-समय पर देय मंहगाई भत्तें में वृद्धि, परीक्षकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, मुद्रण कार्य में व्यय वृद्धि तथा अत्यावश्यक व्यय जैसे टेलीफोन, पोस्टेज, विद्युत, स्टेशनरी, यात्रा व्यय आदि में होने वाले व्यय में वृद्धि भी घाटे के कारणों में सम्मिलित है।


4.    घाटे की पूर्ति हेतु म.प्र. उच्चशिक्षा विभाग से विश्वविद्यालय स्टाफ के वेतन भत्तों पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में हुये व्यय के लिये राशि रुपये 3500.00 लाख का संधारण अनुदान राज्य शासन से प्राप्त करने का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। इसी प्रकार विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में तथा वर्तमान में किये गये व्ययों हेतु शासकीय माधव महाविद्यालय के संचालन पर संधारण अनुदान की तुलना में किये गये अधिव्ययों राशि रुपये 877.00 लाख की राज्य शासन से प्रतिपूर्ति प्राप्त करने का भी प्रस्ताव है, तथा यथासंभव कार्यालय व्यय में भी मितव्ययता करते हुये विश्वविद्यालय वेतन-भत्तों, परीक्षा परिव्यय एवं नियत व्ययों के भुगतानों को छोड़कर अन्य समस्त मदों में प्रावधानित बजट राशि रुपये 2351.66 में से 20 प्रतिशत की अनिर्वायतः कटौती करते हुये राशि रुपये 470.33 की बचत होगी, तथा परीक्षा शुल्क एवं अन्य शुल्कों (प्रवजन, नामांकन, अंकसूची, पुस्तकालय, पुनर्गणना, शोध पंजीयन इत्यादि) में वृद्धि से घाटे की पूर्ति की जायेंगी।

  

बजट पर टिप्पणी


        वित्तीय वर्ष 2020-21 का पुनरीक्षित एवं वर्ष 2021-22 का अनुमानित बजट निम्नानुसार चार भागों में विभाजित है ः-


 आयोजनेतर


        इस भाग में राजस्व एवं पूंजी खाते का विवरण दर्शाया गया है। विश्वविद्यालय की मुख्य आय एवं व्यय के विवरण का समावेश इस भाग में है। इसमें विश्वविद्यालय के स्वंय के साधनों से आय तथा आयुक्त, उच्चशिक्षा, म.प्र. शासन से प्राप्त संधारण अनुदान और इससे संबंधित व्यय मुख्यतः शिक्षक,    अधिकारी एवं कर्मचारियों के वेतन-भत्तें, प्रशासन एवं स्थापना, परीक्षा संचालन, अध्यापन विभागों का समृद्धिकरण, शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन, पूंजीगत योजनाओं के तहत् व्यय, विश्वविद्यालय के भवनों, परिसर का परिरक्षण एवं रख-रखाव आदि का विस्तृत विवरण है। स्थापना व्यय में अधिकारी, कर्मचारियों, शिक्षकों के वेतन भत्तों की अनुसूचियां परिशिष्ट ‘छठवे’ में सम्मिलित की गई है।


 योजना


        यह भाग विकास योजनाओं से संबंधित है। इसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय अनुदान, आयोग नई दिल्ली तथा अन्य संस्थाओं एवं आयुक्त, उच्चशिक्षा, म.प्र. भोपाल द्वारा रूसा योजना के तहत् प्राप्त होने वाले अनुपातिक एवं शत-प्रतिशत अनुदान के आधार पर चलने वाली विकास योजनाओं का विवरण दिया गया है। इस भाग में अनुसंधान हेतु प्राप्त होने वाली छात्रवृत्तियां एवं शिक्षावृत्तियां एवं भारत सरकार@राज्य सरकार तथा निजी संस्थानों से परियोजनाओं हेतु प्राप्त अनुदान भी शामिल है।

 


ऋण, अग्रिम एवं निक्षेप


        इस भाग में अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारियों को प्रदान किये जाने वाले ऋण (त्यौहार, चिकित्सा, अनाज) एवं अन्य अग्रिम धन का विवरण है, इसके साथ ही निवेश की गई राशि का विवरण भी इस भाग में दर्शाया गया है।

बजट - लक्ष्य 


1.    उद्देश्य मूलक - उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये समुचित बजट प्रावधान।


2.    विक्रम विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा, उसके उन्नयन तथा उसको प्रतिष्ठित करने के केन्द्र के रूप में अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने का लक्ष्य।


3.    केन्द्र एवं राज्य शासन के उच्च शिक्षा एवं वित्त संबंधी दृष्टिकोण के अनुरूप।


4.    विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन एवं शोध को प्राथमिकता।


5.    शुल्क संग्रहण में रिसाव को रोकने के लिये विश्वविद्यालयीन शुल्क संग्रहण व्यवस्था आॅनलाईन एवं राष्ट्रीयकृत् बैंकों से कराने की व्यवस्था को निरन्तर रखना।


6.    विश्वविद्यालयीन शुल्क व्यवस्था का युक्तियुक्तकरण।


7.    प्रशासन, लेखा, परीक्षा, अकादमिक, विकास एवं गोपनीय विभागों का आधुनिकीकरण।


8.    शैक्षणिक गुणवत्ता को प्रतिष्ठित करने के लिये दीक्षांत समारोह।


9.    नये स्ववित्तीय पाठ्यक्रम की स्थापना के लिये प्रस्ताव एवं बजट प्रावधान।


10.   राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत स्वीकृत प्रस्तावों का प्रावधान।

 


बजट की विशेषताएं


        वित्त वर्ष 2021-22 का बजट तैयार करते समय म.प्र. शासन, उच्चशिक्षा विभाग द्वारा उच्चशिक्षा में गुणवत्ता विकास के लिये निर्धारित बिन्दुओं को बजट की दृष्टि में शामिल किया गया है तथा उच्चशिक्षा में गुणवत्ता, उन्नयन हेतु शासन की अपेक्षाओं के अनुसार निम्नलिखित सुसंगत एवं महत्वपूर्ण बिन्दुओं को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है। वित्तवर्ष 2021-22 में नये प्रावधानों को जोड़ा गया है ः-


1.    आयोजनेत्तर (नॉन प्लान) बजट में नियमित/प्रस्तावित नवीन पाठ्यक्रमों के लिये वर्ष 2021-22 में रुपये 299.19 लाख आय एवं व्यय का प्रावधान किया गया है।

      1. विधि अध्ययनशाला ः- विधि संकाय (एलएलएम प्रथम), बीएएलएलबी (oनर्स), बी.कॉम. बीएएलएलबी (ऑनर्स), बीबीए एलएलबी (ऑनर्स), Diploma in Cyber Law, Diploma in Human Rights, Diploma in Environmental Law.


     2. कम्प्यूटर विज्ञान संस्थान ः- एमएससी Data Science, AI and Machine Learrning, Information Security, Information Tehnology, एमएससी, एमसीरए इंट्रेग्रटेड, बीसीए ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स, पीजीडीसीए  Data Science, AI and Machine Learrning, Web Development & Soft ware Engg., PGDCA, सर्टिफिकेट कोर्स (कुल 26), पीजी डिप्लोमा कोर्स (कुल 11), डिप्लोमा कोर्स (कुल 13)


      3. फार्मेंसी संस्थान ः- डी.फार्मा., एम.फार्मा.


      4. इंजी. एण्ड टेक्नो. संस्थान ः- एमटेक डिजीटल कम्यूनिकेशन, एमटेक थर्मल इंजी., एमटेक स्ट्रेक्चरल इंजी., एमटेक पॉवर सिस्टम एण्ड ऑटोमेशन


      5. वनस्पति अध्ययनशाला ः- बीएससी (ऑनर्स), बीएससी (ऑनर्स) Forensic Science, ,e,llh, Food Technology, Forensic Science, Certificate Course in Gardner Training, Vermicompost Technology, Mushroom Technology, Food Preservation and Processing, Food Adultration Milk Adultration, डिप्लोमा इन माइक्रोबायलॉजी, डिप्लोमा इन क्लीनिक्ल बायोकेमेस्ट्री, डिप्लोमा इन मेडिकल लेब टेक्नोलॉजी


      6. प्राणिकी अध्ययनशाला :- Certificate Course on Aquaculture Technology, Certificate Course in Vermi Technology, Certificate in Laboratory Technology and Instrumentation (CLTI), Certificate on Industrial Pollution and Waste Water Treatment, Diploma on Fish Production Technology, Diploma on Aquaculture Technology.

      7. विश्वविद्यालय के अन्य अध्ययनशालाओं में कुल 32 नवीन पाठ्यक्रमों का प्रावधान।


2.    आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट मे भोध में गुणवत्ता वृद्धि के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विश्वविद्यालय अनुसंधान निधि के लिये वर्ष 2021-22 में रुपये 95.00 लाख प्रावधान किया गया है।


3.    स्नातक स्तर पर 75 प्रतिशत अंक से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेघावी छात्रों को प्रोत्साहन हेतु विश्वविद्यालय द्वारा वित्तवर्ष 2021-22 में रुपये 11.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


4.    विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तरीय खिलाड़ियों को वित्तवर्ष 2021-22 में रुपये 4.50 लाख विशेष प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।


5.    विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं के निर्धन छात्रों की प्रवेश शुल्क की मुक्ति हेतु वित्तवर्ष 2021-22 में रुपये 11.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


6.    आयोजनेतर बजट में कमजोर आय वर्ग के छात्रों को परीक्षा शुल्क में सहायता हेतु बजट मद 3(46)(2) में वित्तवर्ष 2021-22 में रुपये 12.50 लाख सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। 


7.    स्वच्छता मिशन के तहत् होने वाले व्यय हेतु आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में राशि रुपये 10.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


8.    शोध प्रेरकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा केन्द्रीय स्तर पर आयोजित किये जाने वाले राष्ट्रीय सेमीनार/संगोष्ठी/वर्कशॉप आदि के लिये आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट के अन्तर्गत राशि रुपये 35.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


9.    दीक्षांत समारोह के अन्तर्गत होने वाले व्यय हेतु आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में राशि रुपये 25.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


10.   विश्वविद्यालय द्वारा गठित आईक्यूएसी सेल के सुचारू रूप से संचालन एवं नेक की तैयारी के लिये आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में राशि रुपये 90.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


11.   वित्तीय वर्ष 2021-22 में महाराजा जीवाजीराव पुस्तकालय केे विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों की आवश्यकता के अनुरूप नवीनतम संस्करण की पुस्तकोें एवं संदर्भ ग्रंथों से सम्पन्न करने तथा ई-लायब्रेरी के रूप में विकसित करने हेतु राशि रू. 100.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


12.   विश्वविद्यालय को अपनी अकादमिक अधोसंरचना तथा प्रशासनिक एवं अन्य समस्त भवनों के विकास, नवीन भवनों एवं प्रस्तावित छात्रावास, विस्तार, रखरखाव, परिसर के विकास, सौंदर्यीकरण तथा चल-अचल सम्पत्तियों की सुरक्षा एवं संरक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में पूंजीगत योजनाओं के अन्तर्गत राशि रुपये 570.00 लाख का  प्रावधान किया गया है।


13.   आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में पूंजीगत योजनाओं के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्लासरूम/लेब/सेमीनार हॉल/ स्मॉर्टक्लास रूम की अधोसंरचना एवं विडियों कांफ्रेसिंग हॉल के उपकरण/ फर्नीचर क्रय हेतु कुल रुपये 13.00 लाख का प्रावधान किया गया है।


14.   विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों हेतु सातवें वेतन आयोग के तहत् देय एरियर राशि के भुगतान हेतु वित्त वर्ष 2021-22 में राशि रुपये 210.00 लाख का  प्रावधान किया गया है।


15.   वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी स्वविŸाीय पाठ्यक्रम एवं अन्य पाठ्यक्रमों की श्रृंखला में पूर्व प्रस्तावित पाठ्यक्रम आरम्भ करने हेतु इसके अन्तर्गत (1) बी.ए.एल-एल.बी. (ऑनर्स) पाँच वर्षीय पाठ्यक्रम तथा (2) डिग्री इन वोकेशनल कोर्सेस (3) दूरस्थ शिक्षा केन्द्र (4) एम.ए. भूगोल आरम्भ किये जाने हैं। प्रस्तावित पाठ्यक्रमों के लिये बजट अन्तर्गत राशि रुपये 43.56 लाख का प्रावधान किया गया हैं।


16.   वित्तवर्ष 2021-22 में हिन्दी अध्ययनशाला के अन्तर्गत गांधी अध्ययन केन्द्र एवं सतत् शिक्षा अध्ययनशाला के अन्तर्गत एमए जनसंख्या शिक्षा पाठ्यक्रम के लिये समुचित  प्रावधान किया गया है।


17.   उच्चशिक्षा में दिशा-निर्देश के अनुरूप गुणवत्ता विकास, विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन देने के लिये आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में निम्नानुसार प्रावधान किये गये हैं ः-

(a)   कालिदास समारोह एवं विक्रम कालिदास पुरस्कारों के लिये राशि रुपये 10.00 लाख का प्रावधान।


(b)   विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को विक्रम सम्मान के लिये राशि रुपये 1.00 लाख का प्रावधान।


(c)  वार्षिक उत्सव, स्नेह सम्मेलन के लिये राशि रुपये 3.50 लाख का प्रावधान।


(d)   शोध पत्रिका प्रकाशन के लिये राशि रुपये 5.00 लाख का प्रावधान।


(e)   युवा उत्सव एवं अन्य समारोहों के लिये आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में रुपये 17.50 लाख का प्रावधान।


(f)   विश्वविद्यालय में विभिन्न खेलों में एवं अन्य गतिविधियों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को ब्लेजर एवं ट्रेकसूट प्रदाय करने के लिये आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में राशि रुपये 30.00 लाख का प्रावधान।


(g)   अन्तर्विश्वविद्यालयीन प्रतियोगिताओं, विक्रम खेल महोत्सव एवं अन्य खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिये आयोजनेतर (नॉन प्लान) बजट में राशि रुपये 26.00 लाख का  प्रावधान।


(h)   मुक्तिबोध पुरस्कार के लिये राशि रुपये 8.80 लाख का प्रावधान (कुलपतिजी के विवेकाधीन आकस्मिक निधि)


(i)   कुलपतिजी के विवेकाधीन आकस्मिक निधि में प्रावधानित राशि से निम्नानुसार पुुरस्कार प्रदान करना ः-

(क)      विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं ख्यातनाम कवि स्व. सुभाष दशोत्तर की स्मृति में श्रेष्ठ कवि विद्यार्थीय के लिये दो पुरस्कार प्रथम पुरूस्कार राशि रुपये 2,100/- एवं द्वितीय पुरस्कार राशि रुपये 1,100/-।

(ख)      श्रेष्ठ शोध पत्र के लिये प्रत्येक संकाय के एक-एक शिक्षक को राशि रुपये 5,000/- का   पुरस्कार।

(ग)      तहसील स्तर के महाविद्यालयों के टाप करने वाले एक छात्र एवं एक छात्रा को राशि रुपये             एक-एक हजार का पुरूस्कार।

(घ)      तहसील स्तर के महाविद्यालयों में टाप करने वाले छात्र-छात्राओं की माता को राशि रुपये          5,000/- का पुरूस्कार।

(ड़)      प्रत्येक फेकल्टी में टाप करने वाले विद्यार्थियों की माता को राशि रुपये 5,000/- का पुरस्कार।


19.   शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर विदाई सम्मान के लिये समुचित बजट प्रावधान।


              

  चालू वित्तीय वर्ष में विश्वविद्यालय के आचार्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्रों के समन्वित प्रयासों से अकादमिक वातावरण में बदलाव आया है और अध्ययनशालाओं में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि सहित सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार दृष्टिगोचर हुआ है। वर्तमान वित्तीयवर्ष में अकादमिक गतिविधियों के अन्तर्गत निरंतर शोध संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, सेमीनार्स एवं सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से ज्ञानगंगा प्रवाहित होती रही है तथा विश्वविद्यालय में एक नवीन कार्य संस्कृति का विकास हुआ है और इसके परिणाम स्वरूप अकादमिक एवं प्रशासनिक संवर्ग सशक्त हुआ है। आगामी सत्र में भी अकादमिक उन्नयन, मूल्यांकन तथा अधोसरंचना विकास में उल्लेखनीय प्रगति दृष्टिगोचर होगी।


विश्वविद्यालय की समन्वय समिति की 98वीं बैठक दि. 21.2.2021 के निर्णय में चिकित्सा भत्ते में वृद्धि के संबंध में विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों का चिकित्सा भत्ता रूपये 2000/- किए जाने को कार्यपरिषद  द्वारा अंगीकृत किया गया।


प्रभारी कुलसचिव  डॉ. डी. के बग्गा ने आभार व्यक्त किया।                                          


डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा

कुलानुशासक

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन 



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