उज्जैन। मालवा के सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी, पत्रकार, चिंतक, लेखक स्वर्गीय रामचन्द्र रघुवंशी काकाजी के पुण्य स्मृति दिवस 4 अप्रैल को आयोजित होने वाले 23वां राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड शिक्षाविद डॉ. केशवराव सदाशिव मूसलगांवकर को दिया जाएगा। हमारे देश के संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार अपने 14 ग्रंथों को राष्ट्र को लोकार्पित करने वाले डॉ. केशवराव सदाशिव मूसलगांवकर का जन्म मध्यप्रदश के ग्वालियर शहर में हुआ था। बचपन से ही संस्कृत साहित्य के इस मेधावी छात्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की उपाधि संस्कृत विषय में ही प्राप्त की। महामहोपाध्याय की उपाधि से विभूषित मूसलगांवकर ने कई पुराणों का संस्कृत में अनुवाद कर देश को सौगात प्रदान की। 95 वर्षीय डॉ. मूललगांवकर ने अपना सम्पूर्ण जीवन संस्कृत साहित्य में होम कर दिया। माध्यमिक शिक्षा मण्डल में शिक्षक रह कर मूसलगांवकर जी ने अपना पूरा जीवन ज्ञानोपार्जन में लगा दिया। अभी भी श्री मूसलगांवकर कई पुराणों का संस्कृत में अनुवाद कर रहे हैं।
22वें राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड से दिल्ली में हुए विभत्य निर्भय कांड में दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाली सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता श्रीमती सीमा समृद्धि कुशवाह को समर्पित रहा था। कोरोना के कारण से पिछले वर्ष कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका था। और इस वर्ष भी 4 अप्रैल रविवार को लॉकडाउन होने की वजह से कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो रहा है।नोबल पुरस्कार से पुरस्कृत कैलाश सत्यार्थी, मेगसे से अवॉर्ड से सम्मानित राजेंन्द्र सिंह पानी बाबा, आईएएस श्रीमती अरुणा राय, किरण बेदी, समाजसेवी मेधा पाटकर, पद्मभूषण सत्यमित्रानन्द महाराज, डॉ. अडवानी, डॉ. बिन्देश्वरी पाठक, ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदने वाले भारतीय मूल के लंदन निवासी संजीव मेहता जैसी अनेक विभूतियों को राष्ट्रीय क्रांतिवीर अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
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