विक्रम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान एस.ओ.ई.टी के नाम का एक और पेटेंट प्रकाशन इंडियन पेटेंट जनरल में हुआ।
पेटेंट टायटल - वायरलेस संचार नेटवर्क के साथ एकीकृत मशीन लर्निंग आधारित स्मार्ट ग्रिड पॉवर सिस्टम
उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे एवं स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी संस्थान के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार के मार्गदर्शन में इंजीनियरिंग संस्थान के इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विभाग एवं इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक श्री रघुनन्दन सिंह बघेल, श्रीमती नेहा सिंह, श्री आशिष सूर्यवंशी एवं अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ मिलकर सयुक्त रूप से इंडियन पेटेंट जर्नल में प्रकाशित किया गया।
पेटेंट के अन्तर्गत पारमपरिक पॉवर सिस्टम में पॉवर का वन वे संचार किया जाता था जिसके कारण पॉवर जनरेशन एवं लोड डिमांड का संतुलन नहीं बन पाता था। जिसके फल स्वररूप कई बार ज्यादा पॉवर का जनरेशन हो जाता है, परन्तु लोड डिमान्ड कम होती है एवं कई बार पॉवर जनरेशन कम हो जाता है साथ ही लोड डिमांड बहुत ज्यादा बड जाती है, जिससे पॉवर सिस्टम में स्टेब्लिटी एवं रिलायब्लिटी एवं फाल्ट डिटक्शन में परेशानी आती है एवं लाईन लोसेस भी ज्यादा होते है साथ ही ग्रिड में किसी एक जगह फाल्ट आने पर पूरी ग्रिड की सप्लाई प्रभावित होती है। लेकिन मशीन लर्निंग एवं वायरलेस कम्यूनिकेशन नेटर्वक का पॉवर सिस्टम में उपयोग कर टू-वे संचार किया जा सकता है जिसके फलस्वरूप डिस्टीब्यूटेड जनरेशन (सोलर एवं बिन्ड ऐर्नजी) का ग्रिड में ऐन्टीग्रेशन संभव हो पाया है जिसका सीधा फायदा बड़े औद्योगिक क्षेत्र और छोटे कन्जुमर को भी होगा। क्योंकि रियल टाईम डाटा की जानकारी होगी, जिससे रियल टाईम ऐर्नजी प्राईज पता चल सकेगी ओर लाईन लोसेस भी कम होंगे जिससे पॉवर ट्रान्समिशन की दक्षता बडेगी। रियल टाईम डाटा की इन्फोरमेशन होने से इस्मार्ट ग्रिड की रियल टाईम मानिट्रींग ओर कन्ट्रोलिंग एवं आटोमेटिक फाल्ट डिटेक्शन किया जा सकेगा। इस तकनीक में स्मार्ट मीटर, स्मार्ट सेन्सर, मशीन लर्निंग एवं वायरलेस नेटर्वक का उपयोंग करके रियल टाईम डाटा की जानकारी होगी जिससे पॉवर जनरेशन और लोड डिमांड में बेलेन्स बना रहेगा।
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