किसी भी स्वैच्छिक संस्था के सदस्य को अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए संस्था के हित में काम करना चाहिए। इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय मुख्य संयोजक प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र ने किया। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की आयोजन समिति की बैठक में वे अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने आगे कहा कि संस्था की सदस्यता ग्रहण करना हमारे लिए गौरव की बात है। अतः संस्था के प्रति निष्ठा, आदर व अपनेपन की भावना होनी चाहिए। संस्था को एक परिवार समझकर उसकी प्रगति में प्रमाणिकता से सहयोग करना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की मुख्य राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुवर्णा अशोक जाधव,मुबंई ने कहा कि संगठन को अपना समझ कर सदस्यगण उसके लिए समय दें। नियुक्ति के अनुसार सदस्य अपनी जिम्मेदारी निभाये।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर,छ.ग. ने कहा कि सदस्य गण पद की गरिमा बनाए रखें। संस्था के हर उपक्रम में सहभाग देना और अन्यों को प्रेरित करना संस्था सदस्यों की अहम जिम्मेदारी है।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के अध्यक्ष श्री बृजकिशोर शर्मा ने कहा कि राशि हमें संस्था के हित में होनी चाहिए। संस्था में हर सदस्य महत्वपूर्ण होते हुए उसकी आवश्यकता होती है। श्रद्धा चुकाने की भावना सदस्यों में पनपनी चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के संरक्षक डॉ.हरिसिंह पाल, नई दिल्ली ने कहा कि इस प्रकार बैठकें सदस्यों में ऊर्जा निर्माण करती है। मूल्यांकन का अवसर प्राप्त होता है। बैठकों में अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों को लिखित रूप में अपने सुझाव भेजने चाहिए। संस्था के प्रति सदस्यों को विश्वास तथा समर्पित बने रहना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के मार्गदर्शक श्री हरेराम बाजपेयी, इंदौर ने कहा कि,संस्था के विभिन्न उपक्रमों में सदस्यों में समय सूचकता तथा समय के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि संस्था किसी एक व्यक्ति से नहीं चल सकती। इसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है। इस अवसर पर उर्वशी उपाध्याय तथा डॉ.शिवा लोहरिया,श्रीमती सविता इंगोले ने भी अपने विचार रखे।
बैठक का आरंभ डॉ. रश्मि चौबे,गाजियाबाद की सरस्वती वंदना से हुआ श्रीमती पूर्णिमा कौशिक, रायपुर ने बैठक का संचालन किया तथा बालासाहेब तोरस्कर ने आभार व्यक्त किए।
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