मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जल जीवन मिशन सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से मध्यप्रदेश के घर-घर तक नल के माध्यम से पेयजल पहुँचाया जाएगा। योजना में प्रयुक्त होने वाले पाइप और अन्य सामग्री तथा कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। ठेकेदार कमतर गुणवत्ता का पाइप और सामग्री न लगा पाएं इसके लिए सतत मॉनीटरिंग एवं क्रॉस चैक सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान में शासकीय कार्यों में उपयुक्त होने वाली सामग्री के लिए प्रदेश के उद्योगों को प्राथमिकता दी जाए। सामग्री उच्च गुणवत्ता की हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश जल निगम के संचालक मंडल की 19वीं बैठक ले रहे थे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मलय श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा आदि उपस्थित थे।
30 वर्ष के लिए है योजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन 30 वर्ष के लिए बनाया गया है। अत: कार्य इस प्रकार का हो जिससे आगामी 30 वर्ष तक बिना किसी रूकावट के जनता को योजना का लाभ मिल सके।
जहाँ जल स्त्रोत नहीं है, पाइप लाइन न डालें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि योजना के कार्य में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि जिन स्थानों पर जल स्त्रोत न हो वहाँ पाइप लाइन न डाली जाए। पाइप लाइन डालने से पहले जल स्त्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
ये भी निर्णय लिए गए
बैठक में श्री सुमित बोस की बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्ति का अनुमोदन, संविदा प्रबंधकों की सेवाओं में वृद्धि, इक्विटी शेयर के हस्तांतरण की स्वीकृति, नवीन क्रियान्वयन इकाइयों (पी.आई.यू.) की स्थापना एवं संरचनात्मक ढाँचे के सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति, एच.डी.पी.ई. पाइप के संबंध में एम्पेनलमेंट प्रक्रिया आदि निर्णय लिए गए।
Comments