कृषि, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी और प्रबंधन पाठ्यक्रम की पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित होगा
उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर केंद्रित मासिक पत्रिका का प्रकाशन होगा
उज्जैन में होगी राष्ट्रीय अनुवाद मिशन के सहयोग से अनुवाद कार्यशाला
उज्जैन : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी का महत्व अधिक बढ़ गया है। अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, अन्य शासकीय-निजी विश्वविद्यालयों के समन्वय से कृषि, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी और प्रबंधन के पाठ्यक्रमों की पुस्तकों को हिन्दी में प्रकाशित किया जाएगा, जिससे हिंदी माध्यम से पढ़ाई आसान हो सके।
डॉ यादव अकादमी की वार्षिक कार्यसमिति और प्रबंधन मंडल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के बाद अकादमी का दायित्व बढ़ गया है। मातृभाषा में पढाई को प्रोत्साहित किये जाने से अकादमी के कार्यों का विस्तार होगा। कृषि विभाग के सहयोग से कृषि विषयों के पाठ्यक्रमों और प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों और हिन्दी विश्वविद्यालय के समन्वय से मेडिकल की पुस्तकों को हिन्दी में प्रकाशित किया जाएगा। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल परस्पर समन्वय करके फार्मेसी के पाठ्यक्रमों की पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करेंगे। अकादमी द्वारा इसे प्रकाशित किया जाएगा। प्रबंधन विषय की पुस्तकों का भी हिंदी में अनुवाद किया जाएगा। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल एआईसीटीई के लिए इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों का हिन्दी में अनुवाद कर रहा है। इनका प्रकाशन भी किया जाएगा।
डॉ यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर केंद्रित एक मासिक पत्रिका भी प्रकाशित की जाएगी। डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा इस वर्ष स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया जा रहा है। इस पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें प्रतिष्ठित लेखकों, चिंतकों के लेख मंगवाए जाएँ, यह एक अद्वितीय प्रकाशन होगा।
उच्च शिक्षा आयुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा दिए जाने में अकादमी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे तकनीक से जोड़े जाने की आवश्यकता है।
मध्यप्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी के निदेशक डॉ अशोक कड़ेल ने कहा कि मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी राष्ट्रीय अनुवाद मिशन के साथ भी कार्य कर रही है। उज्जैन में 1 से 9 दिसंबर तक अनुवाद कार्यशाला आयोजित की जा रही है। अकादमी द्वारा भौतिकी और जीव विज्ञान के पाठ्यक्रमों की पुस्तकों का अनुवाद भी किया जा रहा है। प्रबंधन मंडल की बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ राकेश ढंड, कुलानुशासक एवं कला संकायाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, हिंदी अध्ययनशाला की आचार्य डॉ प्रेमलता चुटैल आदि सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं प्रबंधन मंडल के सदस्य उपस्थित थे।
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