Skip to main content

विक्रम विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ ने मनाया दीपावली मिलन समारोह

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् कक्ष में माननीय कुलपति  प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में दीपावली मिलन समारोह  का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में शिक्षकों ने माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक का  पुष्पमाला एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया तथा शुभकामनाएं प्रदान की गईं। इससे अभिभूत होकर माननीय कुलपति एवं कुलसचिव ने भी उपस्थित वरिष्ठ शिक्षकों को पुष्पमाला  पहनाकर एवं  पुष्पगुच्छ प्रदान  कर  सम्मान प्रकट किया। विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ. राज बोरिया ने अपने स्वागत भाषण में कुलपति  प्रो पांडेय  को सहज एवं स्नेहिल पिता की संज्ञा देते हुए दीपावली उपहार के रूप में शिक्षकों की लंबित पदोन्नति  की मांगों के निराकरण का निवेदन किया। भौतिकी अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ.स्वाति दुबे ने  कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय को इतने कम समय में नई पहचान दिलाने के लिए माननीय कुलपति जी ने महत्त्वपूर्ण कार्य किए हैं, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।  उन्होंने शिक्षकों की वाजिब मांगों को शीघ्र पूरा करने की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक ने अपने वक्तव्य में शिक्षकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करते हुए, शिक्षक हित में  पूर्ण प्रशासनिक सहयोग प्रदान करने की बात कही। माननीय कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय  ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय का सर्वांगीण विकास सब के सामूहिक प्रयास से ही संभव है। इसलिए हम सबको और अधिक ऊर्जा के साथ विश्वविद्यालय हित में कार्य करने की आवश्यकता है।  सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए दीपावली तोहफे के रूप में घोषणा की, कि शीघ्र ही शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिल जाएगा। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक प्रो. एच.पी. सिंह, प्रो.शुभा जैन, प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा,  प्रो. प्रेमलता चुटेल, प्रो.गीता नायक, प्रो.अलका व्यास, प्रो. डी.एम. कुमावत, डॉ.कमलेश दशोरा, डॉ धर्मेंद्र मेहता, डॉ.एस. के.मिश्रा, डॉ.संदीप तिवारी, डॉ. अनिल कुमार जैन,  डॉ.राजेश टेलर, डॉ.जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ.ज्योति उपाध्याय, डॉ. सोनल सिंह, डॉ. राजेश्वर शास्त्री मूसलगांवकर, डॉ. कमल बुनकर, डॉ वीरेंद्र चावरे, डॉ. गणपत अहिरवार, डॉ.संग्राम भूषण, डॉ. नलिन सिंह पवार तथा कर्मचारी संघ के पदाधिकारी श्री कमल जोशी, श्री तेजपाल यादव, श्री  राजू यादव, श्री रूपेंद्र भाटी आदि उपस्थित थे ।

 कार्यक्रम का संचालन डॉ.विश्वजीत सिंह परमार ने किया तथा आभार डॉ. डी. डी.बेदिया ने माना।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar