उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय में वनस्पति अध्ययनशाला, पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला, प्राणिकी और जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में “आजादी का अमृत महोत्सव” के अंतर्गत सुप्रसिद्ध पुरावनस्पति वैज्ञानिक प्रोफेसर बीरबल साहनी के जन्म दिवस के अवसर पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर एस. एन. मिश्रा पुरावनस्पति वैज्ञानिक रीवा थे।
प्रो. मिश्रा ने इस अवसर पर प्रो. बीरबल साहनी के जीवन से जुड़ी बहुत सारी बातें बताई। उन्होंने पुरावनस्पति के महत्व के बारे में बताया कि किस प्रकार आज जो समस्याएं हैं उनको इसकी मदद से अच्छी तरह से समझा जा सकता है। जैसे जलवायु परिवर्तन हजारों वर्ष पूर्व भी था और आज भी है तो किस प्रकार परिवर्तन हुआ इसको हम पुरावनस्पति विज्ञान के माध्यम से भी समझ सकते हैं ।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने की।
भूगर्भ अध्ययनशाला के प्रो. प्रमोद कुमार वर्मा ने भी अपना वक्तव्य रखा । उन्होंने पुरावनस्पति को समझने के लिए विभिन्न विषयों जैसे वनस्पति शास्त्र, भूगर्भ शास्त्र, रसायन शास्त्र के विशेषज्ञों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया ।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. डी.एम. कुमावत आचार्य एवं अध्यक्ष पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला ने किया ।
इस वेबीनार में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, विभाग के डॉ. जगदीश शर्मा, डॉ. मुकेश वाणी, डॉ. चित्रलेखा सोनी, डॉ. पराग दलाल, डॉ. संतोष ठाकुर आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययन शाला के डॉ. संतोष ठाकुर ने किया।
वेबीनार का समापन डॉक्टर जगदीश शर्मा के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
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