ब्रह्मा कुमारीज उज्जैन सेवा केंद्र पर विश्व किसान दिवस पर किसान स्नेह मिलन एवं सम्मान का प्रोग्राम आयोजित किया गया
उज्जैन। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के वेदनगर स्थित शिवदर्शन धाम परिसर में विश्व किसान दिवस 23 दिसम्बर को ब्रह्माकुमारीज़ के ग्राम विकास प्रभाग की और से किसान स्नेह मिलन एंव सम्मान का कार्यक्रम आयोजन किया गया।
जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान समय की आवश्यकता जैविक यौगिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन करना।
इस आयेाजन के दौरान विभिन्न गाँवो से अनेक किसान भाईयों ने भाग लिया इसके तहत घीरशांत त्रिपाठी(उज्जैनी से) ने जैविक खेती का महत्व बताते हुए कहा की आर्टिफिशीयल प्रोडक्ट आपके खेत में न जाए इस बात का हमे ध्यान देना बहुत जरूरी है इसके साथ-साथ उन्होने जैविक खेती के विभिन्न तरिको से भी अवगत कराया।
शिवेन्द्र पाटीदार (बाड़कुमेद से) ने जैविक खाद का महत्व बताते हुए कहा की गोमुत्र -गोबर का कैसे उपयोग किया जाए। फसलों में कैमिकल डालने से धरती की उपजाऊ शक्ति भी नष्ट होती जा रही है इसलिए हमें इस बात की अवेयरनेस चाहिए की हम पहले मिट्टी को औरगनीक खेती के लिए तैयार करें तथा फसल को परमात्मा की याद में रहकर पोजेटिव वायब्रेशन फेलाये जिससे फसल प्रभू प्रसाद बन जाता है। हमें जैविक खेती के साथ-साथ योगिक खेती पर भी ध्यान देना चाहिए।
ईश्वर सिंह जी(शंकरपुर मक्सी रोड़) ने अपने जैविक खेती के अनुभव बताते हुए कहा कि जैविक खेती से ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ लाभ होता जाएगा और हमारी आनेवाली पीढ़ि भी स्वस्थ रह पाएगी उन्होने कहा की जैविक खेती अपनाईये और धरती माँ को सम्मान किजिए, क्योंकि भारत देश की भूमि को ही माँ का दर्जा मिला हुआ है इसलिए हम अपनी मातृभूमि का सम्मान करें। अगर हम धरती माँ को जहर देगे तो स्वाभाविक है उनके बच्चों को भी जहर ही मिलेगा, इसलिए केमिकल खाद का प्रयोग न करें। उन्होंने इस बात पर अटेंशन खिचवाया की जो हम खाते है वही हमारे लिए मेडिसीन है बहुत सारी बीमारी का ईलाज हमारे खाद्य प्रदार्र्थो में ही है।
ब्र. कु. उषा दीदी जी उज्जैन संभाग संचालिका ने कहा आज हमारे देश के लिए किसान रिढ़ की हड्डी के समान है। कृषक हमारे देश के लिए घुरी के समान है आज कृषक है तो देश का विकास हो रहा है अगर किसान रूक जाए तो अनेक उद्योगो में व्यापारों में रूकावट पैदा हो जाए। आज कोरोना जैसी विश्व व्यापी महामारी में भी कृषकों का सहारा रहा।
ब्र. कु. मंजू दीदी ने योगिक खेती के बारे में हुए कहा कि परमात्मा की याद मे रह फसल को पोजेटीव वायब्रेशन दे क्योकि प्रकृति भी हमारे वाइवे्रशन केच करती है, जिससे फसल पोष्टिक एवं फसल की पेदावार अधिक प्राप्त कर सकते है।
तत् पश्चात सभी को योग का अभ्यास भी कराया गया साथ-साथ जैविक-यौगिक खेती करने वाले किसानों को ब्रह्माकुमारी बहनों ने पुष्प माला, पगड़ी व दुपट्टा से सम्मानित किया ।
इस कार्यक्रम में अनेक भाई-बहनों एवं अधिकारियों ने बड़े उमंग-उत्साह के साथ भाग लेकर कार्यक्रम का लाभ उठाया।
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