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आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए आगे बढ़ना होगा - कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय में उल्लास के साथ मनाया गया गणतंत्र दिवस

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा ध्वजारोहण किया गया।


उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि अनादि विद्याभूमि और महाकाल की पावन धरा पर सभी सुधीजनों को गणतंत्र दिवस की बधाई देता हूँ। यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है, इसकी विशेष बधाई देता हूँ। आज का दिन इस देश के नए सपनों, नए संकल्पों को साकार करने के लिए कुर्बानी देने वाले महान सेनानियों का स्मरण कराता है। आज के दिन हमें मानसिक गुलामी से आजादी और अखण्ड भारत का संकल्प लेना चाहिए। ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति, साहित्य, दर्शन, कला आदि सभी क्षेत्रों में हम भारतीयता को साकार करें।


आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए ग्राम केंद्रित और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। संविधान की उद्देशिका में लिखा गया है - हम भारत के लोग, इसका तात्पर्य है कि भारतीय नागरिकों की व्यापकता, जीवन मूल्यों और संस्कृति की गहराइयों को हमने धारण किया है। इसके अंत में अंकित किया गया है कि मनुष्य की गरिमा की रक्षा के लिए आत्मार्पित है। कोरोना काल में भले ही वैश्विक सूचकांक में गिरावट आई है, किंतु इस देश ने स्वाबलंबन और स्वाभिमान के साथ अपने आप को सिद्ध किया। यह जरूरी है कि भारत की लोक संस्कृति और जनजातीय संस्कृति से जुड़े गौरव के भाव को सबके बीच प्रसारित करें।

भारत को महाशक्ति बनाने में शिक्षा का अत्यधिक महत्व है। इसलिए ज्ञान विज्ञान के सही उपयोग की दिशा में हम आगे आएं। विक्रम विश्वविद्यालय प्रगति के सोपानों पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। इसकी उन्नति के लिए सभी के व्यापक प्रयास जरूरी हैं। हाल ही में प्रारम्भ किए गए विविध ज्ञानानुशासनों से जुड़े डेढ़ सौ से अधिक नवीन पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों में व्यवसायोन्मुखी कौशल संवर्धन होगा। विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक क्षेत्र के लगभग पचास से अधिक उत्कृष्ट संस्थानों के साथ एमओयू किए गये हैं। अध्यापन से लेकर परीक्षा परिणामों तक यह विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश में अग्रगण्य बना हुआ है। वर्तमान सत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्र संख्या में व्यापक वृद्धि हुई है।

प्रारंभ में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक एवं उपस्थित जनों ने सम्राट विक्रमादित्य के मूर्तिशिल्प पर पुष्पांजलि अर्पित की। अगवानी विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ. एस के मिश्रा, कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, एन.सी.सी. अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ. कानिया मेड़ा, डॉ राज बोरिया आदि ने की। एन.सी. सी. की 10 एम.पी. बटालियन विश्वविद्यालय यूनिट के कैडेट्स ने पायलटिंग की। कुलपति प्रो पांडेय द्वारा परेड निरीक्षण किया गया। एनसीसी के तीन प्लाटून और रासेयो स्वयंसेवकों के एक दल द्वारा लयबद्ध मार्च पास्ट किया गया।


इस अवसर पर विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ शिक्षकों, कर्मचारियों, एनसीसी अधिकारियों एवं कैडेट्स, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों, स्वयंसेवकों, विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित करने वाले श्रेष्ठ खिलाड़ियों को विक्रम सम्मान से सम्मानित किया गया।


समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक वृन्द, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, एन.सी.सी. कैडेट एवं रासेयो स्वयंसेवक उपस्थित थे। संचालन कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने किया।

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