राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में आयोजित आभासी संगोष्ठी जिसका विषय "आजादी का अमृत महोत्सव 26 जनवरी गणतंत्र दिवस" में मुख्य अतिथि के रूप में डा विनय पाठक जी, पूर्व अध्यक्ष, राजभाषा आयोग, बिलासपुर, ने मंतव्य देते हुए कहा- हमारा देश अनेकता में एकता को स्थापित करता है । यहां विभिन्न भाषा और बोलियां हैं । यद्यपि विश्व के आदर्श संविधान में एक हमारा संविधान है । गुणों में सर्वश्रेष्ठ गणेश के समान इन्होंने गणतंत्र को बताया। हम संविधान को समझ कर अपने जीवन में उतारें। हम अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित हों कहा।
डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, कार्यकारी अध्यक्ष , पुणे महाराष्ट्र ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि- अंतर्मुखी होकर हम सोचते हैं कि, हमें राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहिए और इन्होंने गणतंत्र दिवस के महत्व को बताया और कहा राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना आभासीय गोष्ठी के माध्यम से हर्ष और उल्लास से यह पर्व मना रही है ।
श्री हरेराम वाजपेई , अध्यक्ष, हिंदी परिवार, इंदौर ने स्वागत भाषण दिया और कविता में कहा कि एक एक मिल ग्यारह होते मिलकर हमें बताना है । हम भी कम हैं नहीं, किसी से दुनिया को दिख लाना है।
श्रीमती सुवर्णा जाधव , कार्यकारी अध्यक्ष , राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने अपनी कविता पढ़ी- एकता और राष्ट्रभाव बढ़ाता है, यह संविधान,.… जीने की राह दिखाता है, संविधान।
डॉ.अनसूया अग्रवाल, रायपुर , ने सभी आजादी के सिपाहियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, हमें यह सोचना होगा कि 72 वर्ष में संविधान के उद्देश्य जो थे उनको हम कहां तक पूरा कर पाए हैं।
गरिमा गर्ग ने गाया- आया है गणतंत्र दिवस, हम सब खुशियां मनाते हैं। हुए शहीद वीरों की, वीरता को शीश झुकाते हैं।
डॉ.दीपिका सुतोदिया, गुवाहाटी, असम ने गाया- मां भारती के स्वप्न सजाते हुए चलो, रफ्तार और तेज बढाते हुए चलो। और ललकारा-ब्रह्मपुत्र की जलधारा पर रोक लगाने वाले।रोहिणी डाबरे, अकोले, महाराष्ट्र ने काव्य पाठ में कहा -1935 अधिनियम हटाकर, 26 जनवरी का संविधान अपनाकर, गणतंत्र दिवस है राष्ट्रीय पर्व, भारतवासी को है इस पर गर्व।
सुनीता गर्ग ने गाया- ये जो वीर हैं भारत के, सभी को नाज , उन पर है।
अर्चना पान्डे ने गाया - नारी यहां दुर्गा है, नर रूप में भगवान है।
ज्ञानवती सक्सेना ने कविता पढ़ी- पढ़े गीता या कुरान, दिल में हिंदुस्तान है।
डॉ.संगीता पाल ने गाया- आओ मिलकर हम सब बोलें जय हिंदुस्तान की जय संविधान की।
डॉ.प्रभु चौधरी, महासचिव ने समाचार पत्र का विमोचन किया और कहा कि- कुछ समय निकालकर संगठन को मजबूती दें। साथ ही गणतंत्र दिवस की सभी को बधाई दी।रितु गर्ग , सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल ने कहा- हमें गर्व है कि, हमने ऐसी पावन धरा पर जन्म लिया।
नूतन सिन्हा ने गाया- हिंदुस्तान की शान है यह तिरंगा, इसके सभी रंगों के हैं , अपने अपने गुण।
अर्चना पांडे ने गाया- भारत देश की धरती करती है, वीरों का गुणगान।
सपना साहू ने गाया- आजाद भारत अमर रहे हमारा तुम्हारा।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.संगीता पाल की सरस्वती वंदना से हुई और प्रस्तावना -श्री रविंद्र नाथ टैगोर एवं डॉ. अंबेडकर जी के शब्दों को दोहराते हुए डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, मुख्य महासचिव , महिला इकाई, ने दी । साथ ही काव्य पाठ किया - भारत माता से ही हमारी शान है, हमको अपने देश पर अभिमान है।
कार्यक्रम का संचालन स्लाइड के माध्यम से और सुंदर बनाते हुए डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक , राष्ट्रीय प्रवक्ता, रायपुर, छत्तीसगढ़ ने किया।
आभार व्यक्त पूर्णिमा कौशिक ने किया।
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