Skip to main content

विज्ञान दिवस पर भौतिकी अध्ययनशाता में वेबिनार का आयोजन

उज्जैन : भौतिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञान सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। जिसमें प्रथम दिवस को विज्ञान पर वेबीनार आयोजित हुआ। वेबीनार में मुख्य अतिथि वक्ता के रुप में डॉ. प्रशांत शुक्ला, वैज्ञानिक अधिकारी, बीएआरसी, मुंबई एवं डॉ आर. के. छजलानी, पूर्व अध्यापक, विक्रम विश्वविद्यालय आमंत्रित थे। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विभागाध्यक्ष डॉ स्वाति दुबे ने स्वागत भाषण दिया। डॉ प्रिया दुबे ने डॉ. प्रशांत शुक्ला का परिचय दिया। डॉ प्रशांत शुक्ला ने "कॉस्मिक इंटरेक्शन्स विद अर्थ" पर व्याख्यान दिया। सेवानिवृत्त प्रो. आर. के. छजलानी का परिचय डॉ.अपूर्वा मूले ने दिया। डॉ. छजलानी ने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सी.वी. रमन के शोध की वर्तमान संदर्भों में प्रासंगिकता के बारे में विस्तार से समझाया और सर सी. वी. रमन के जीवन चरित्र के माध्यम से छात्रों को भौतिक विज्ञान के प्रति प्रेरित किया।

अंत में डॉ. रत्ना अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में अधिकतम संख्या में छात्रों ने उपस्थिति देकर विज्ञान के प्रति अपना समर्पण ज़ाहिर किया। इसके अतिरिक्त पूर्व विद्यार्थियों जैसे डॉ. भावना सिंह, डॉ. प्रज्ञा हेजिब, डॉ. आयुषी पालीवाल, डॉक्टर राम प्रसाद प्रजापति आदि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और इनके अलावा सहायक प्राध्यापक डॉ निच्छल यादव, सहायक अध्यापक गणपत अहिरवार, डॉ कमल जैन एवं डॉक्टर सुभाष चौहान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन छात्र हर्षवर्धन सिंह ने किया।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar