Skip to main content

वित्तीय वर्ष 2022–23 के लिए तैयार किए गए आय व्यय के अनुमान पत्रक को सभा के समक्ष रखा गया

विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में हुआ वित्तीय वर्ष 2022 - 23 के बजट का अनुमोदन

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद कक्ष में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की सभा की बैठक दोपहर 1:00 बजे आयोजित की गई। बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय में वित्तीय वर्ष 2022 – 23 के लिए तैयार किए गए आय व्यय के अनुमान पत्रक को सभा के समक्ष विचारार्थ रखा गया। इस बैठक के पश्चात दोपहर 3:00 बजे कार्यपरिषद की बैठक संपन्न हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2022 - 23 के बजट का अनुमोदन किया गया।
सभा की बैठक में श्री दिलीप सिंह गुर्जर, विधायक, नागदा - खाचरौद, श्री मनोज चावला, विधायक आलोट, कार्यपरिषद् के सदस्यगण श्री राजेश सिंह कुशवाह, श्री सचिन दवे, सुश्री ममता बैण्डवाल, श्री विनोद यादव, श्री संजय नाहर, डॉ. लक्ष्मीनारायण शर्मा, डॉ. दीपिका गुप्ता, डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. पी.के. वर्मा, डॉ. दिनेश कुमार सोनी, डॉ. गोविन्द गन्धे, डॉ. स्मिता भवालकर डॉ. शशिप्रभा जैन, डॉ देवेंद्रमोहन कुमावत, डीएसडब्लू डॉ सत्येंद्रकिशोर मिश्रा एवं कुलसचिव डॉ. प्रशान्त पुराणिक उपस्थित थे। बजट का सारांश कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने प्रस्तुत किया। सभा की बैठक के प्रारम्भ में कुलपति प्रो पाण्डेय द्वारा माननीय विधायकों का शाल, श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। कुलसचिव डॉ पुराणिक द्वारा समस्त सदस्यगणों का स्वागत किया गया।


बैठक में सभा की बैठक दिनांक 23.03.2018 के कार्यविवरण की पुष्टि की गई। तत्पश्चात वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये तैयार किये गये आय-व्यय अनुमान पत्रक - बजट पर विचार किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 16.03.2022, निरंतर 17.03.2022 द्वारा सभा के समक्ष प्रस्तुत बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित वित्तीय अनुमानों तथा बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 के मूल वित्तीय अनुमानों एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 के वास्तविक आय-व्यय के अनुसार विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद् द्वारा विरचित वार्षिक वित्तीय प्राक्कलन की स्वीकृति प्रदान की जाए।


दोपहर 3 बजे आयोजित कार्यपरिषद की बैठक में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य श्री राजेश सिंह कुशवाह, श्री सचिन दवे, सुश्री ममता बैण्डवाल, श्री विनोद यादव, श्री संजय नाहर, डॉ. लक्ष्मीनारायण शर्मा, डॉ. दीपिका गुप्ता, डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. पी.के. वर्मा, डॉ. दिनेश कुमार सोनी, डॉ. गोविन्द गन्धे, अतिरिक्त संचालक डॉ. आर. सी. जाटवा, एवं कुलसचिव डॉ. प्रशान्त पुराणिक उपस्थित थे। बैठक में बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित वित्तीय अनुमानों तथा बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 के मूल वित्तीय अनुमानों एवं बजट की पुष्टि की गई।
बजट अनुमान वर्ष 2021-22 में घाटा रुपये (-) 459.80 लाख दर्शाया है, जबकि 2021-22 के संशोधित बजट अनुसार स्थिति निम्नानुसार रही : वर्ष 2021-22 की संशोधित आय राशि रुपये 8837.71 लाख वर्ष 2021-22 का संशोधित व्यय राशि रुपये 7839.87 लाख अवशेष राशि रुपये 997.84 वर्ष 2021-22 में अनुमानित वृद्धि रुपये 997.84 लाख है। इस वृद्धि को संतुलित करने के लिये नियत व्ययों को छोड़कर शेष व्ययों में 20 प्रतिशत की अनिवार्य कटौती करने का प्रावधान किया गया था। विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कटौती प्रस्ताव का कड़ाई से पालन करते हुए वित्तीय नियंत्रण एवं अनुशासन स्थापित करने एवं बजट को नियंत्रित करने के प्रयास किये गये।
वित्तीय वर्ष 2022-23 की अनुमानित आय रुपये 15929.91 लाख तथा अनुमानित व्यय रुपये 16406.58 लाख है, तथा वर्ष 2022-23 में घाटा रुपये (-) 476.67 लाख होने का अनुमान है। घाटे के मुख्य कारणों में शासन से वेतन भत्तों हेतु प्राप्त संधारण अनुदान का किये गये वास्तविक व्यय के अनुपात में अत्यंत कम प्राप्त होना, विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सातवे वेतनमान के एरियर्स का प्रावधान करना है, इसके अतिरिक्त समय-समय पर देय मंहगाई भत्ते में वृद्धि परीक्षकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, मुद्रण कार्य में व्यय वृद्धि तथा अत्यावश्यक व्यय जैसे टेलीफोन, पोस्टेज, विद्युत, स्टेशनरी, यात्रा व्यय आदि में होने वाले व्यय में वृद्धि भी घाटे के कारणों में सम्मिलित है। इसी कड़ी में घाटे की पूर्ति के लिए अनेक कदम उठाए जाएँगे।

विक्रम विश्वविद्यालय में बजट पर हुए विचार के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022 - 23 के प्रस्तावित बजट के भाग 1, 2 ,3 एवं 4 को जोड़ते हुए समग्र विवरण इस प्रकार है: आय - 360.60 करोड़ व्यय - 365.36 करोड़ अंतर - 4.76 करोड़

बजट भाग इस प्रकार हैं : भाग 1 आयोजनेत्तर व्यय भाग 2 आयोजना प्लान भाग 3 ऋण, निक्षेप, अग्रिम आदि भाग 4 स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों की आय एवं व्यय
चालू वित्तवर्ष में विश्वविद्यालय के आचार्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्रों के समन्वित प्रयासों से अकादमिक वातावरण में बदलाव आया है और अध्ययनशालाओं में विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि सहित सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार दृष्टिगोचर हुआ है। वर्तमान वित्तवर्ष में अकादमिक गतिविधियों के अन्तर्गत निरंतर शोध संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, सेमिनार्स एवं सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से ज्ञानगंगा प्रवाहित होती रही है तथा विश्वविद्यालय में एक नवीन कार्य संस्कृति का विकास हुआ है और इसके स्वरूप अकादमिक एवं प्रशासनिक संवर्ग सशक्त हुआ है। आगामी सत्र में भी अकादमिक उन्नयन, मूल्यांकन तथा अधोसरंचना विकास में उल्लेखनीय प्रगति दृष्टिगोचर होगी। दोनों बैठकों के अंत में आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ. प्रशान्त पुराणिक ने किया।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar