उज्जैन। शिक्षा एक ऐसा बीज है जो संपूर्ण देश की दशा-दिशा एवं वायुमंडल को प्रभावित करता है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा में शोध के माध्यम से ही हम शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ता प्रदान कर सकते हैं।
उक्त उद्गार मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री विभाष उपाध्याय ने वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण जयंती सभागृह में आयोजित " व्यवसाय एवं लेखांकन पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव: मुद्दे एवं चुनौतियां " विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। आपने कहा कि यदि देश सुरक्षित होगा तो वहां चल रही समस्त गतिविधियां भी तेजी से पल्लवित एवं प्रस्फुटित होती रहेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति डॉ. एच.पी. सिंह ने कहा कि वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का युग है इससे व्यवसाय एवं लेखांकन भी अछूता नहीं है नई प्रौद्योगिकी के विकास का ही परिणाम है कि गांव का छोटा सा छोटा व्यापारी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रोडक्ट को बेच सकता है, अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकता है। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पौराणिक उपस्थित थे। स्वागत भाषण एवं अतिथि परिचय आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष डॉ एस के मिश्रा ने व्यक्त किया। विषय प्रवर्तन को-ऑर्डिनेटर डॉ शैलेंद्र कुमार भारल किया।
अतिथियों का स्वागत डॉ. नागेश पाराशर, डॉ आशीष मेहता, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ अनुभा गुप्ता, डॉ. नेहा माथुर, डॉ कायनात तवर, डॉ नैना दुबे ने किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रुचिका खंडेलवाल ने किया तथा आभार सेमिनार समन्वयक डॉ. आशीष मेहता ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर आयोजित प्रथम तकनीकी सत्र के रिसोर्स पर्सन डॉ हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जी. एल. पुतांबेकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के डॉ. डी. डी. बेदिया ने भी विषय से संबंधित विचार व्यक्त किये। प्रथम सत्र के चेयरपर्सन के रूप में पूर्व अधिष्ठाता छात्र कल्याण संकाय डॉ राकेश ढांड एवं को-चेयरपर्सन वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. धर्मेंद्र मेहता उपस्थित थे। प्रथम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ नेहा माथुर के द्वारा किया गया।
द्वितीय सत्र के रिसोर्सपर्सन के रूप में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कॉमर्स विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह एवं चेयरमैन डॉ. प्रवीण ओझा ने विषय से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए। द्वितीय सत्र के चेयर पर्सन के रूप में जी.एस. कॉलेज ऑफ कॉमर्स, जबलपुर के डॉ. आर.के. गौतम उपस्थित थे। द्वितीय तकनीकी सत्र का संचालन डॉ परिमिता सिंह के द्वारा किया गया।
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