Skip to main content

किसी भी व्यवसाय की ताकत, कमजोरियां, बाधाएं, चुनौतियां एवं अवसर का उचित आंकलन ही सफलता की प्रथम सीढ़ी है - डॉ. वर्मा

वाणिज्य अध्ययनशाला में राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न

उज्जैन। नए उद्यमियों द्वारा किसी भी स्टार्टअप को प्रारंभ करने से पहले उस व्यवसाय की ताकत, कमजोरियां, बाधाएं, चुनौतियां एवं अवसर का उचित आंकलन ही उस व्यवसाय की सफलता की प्रथम सीढ़ी है।

उक्त उद्गार डॉ.पी.के.वर्मा, निदेशक, आइक्यूएसी, विक्रम विश्वविद्यालय ने वाणिज्य अध्ययनशाला द्वारा स्वर्ण जयंती सभागृह में आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। आपने कहा कि नवीन टेक्नोलॉजी इस कार्य में उद्यमियों को बेहतर दिशा-निर्देश उपलब्ध कराने में सक्षम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति डॉ एच.पी. सिंह ने कहा कि नवीन प्रौद्योगिकी के उन्नयन से व्यवसाय के उच्च आयाम स्थापित करना संभव हो सका है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आर.के. विजय, कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।


स्वागत भाषण एवं अतिथि परिचय आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष डॉ एस. के. मिश्रा ने व्यक्त किया। दो दिवसीय सेमिनार का विस्तृत विवरण को-ऑर्डिनेटर डॉ. शैलेंद्र कुमार भारल दिया।

अतिथियों का स्वागत डॉ. नागेश पाराशर, डॉ आशीष मेहता, डॉ. रुचिका खंडेलवाल, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ अनुभा गुप्ता, डॉ. नेहा माथुर, डॉ.कायनात तवर, डॉ. नैना दुबे ने किया।


कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुभा गुप्ता ने किया तथा आभार सेमिनार समन्वयक डॉ. आशीष ने व्यक्त किया।


इस अवसर पर आयोजित तृतीय तकनीकी सत्र के रिसोर्स पर्सन के रूप में नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय प्रयागराज की वाणिज्य फैकल्टी के डीन डॉ वी.के. पंड्या, सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय से डॉ. कामिनी शाह ने भी विषय से संबंधित विचार व्यक्त किये। तृतीय सत्र के चेयरपर्सन के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय वाणिज्य फैकल्टी के डीन डॉ. एल.एन. शर्मा एवं को- चेयरपर्सन के रूप में बोर्ड ऑफ स्टडीज इन कॉमर्स के चेयरमैन डॉ महेश शर्मा उपस्थित थे। 

चतुर्थ सत्र के रिसोर्स पर्सन के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल विश्वविद्यालय वाणिज्य फैकल्टी के डीन डॉ संदीप भट्ट, विश्व रिकॉर्ड से सम्मानित गुजरात विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री गुरुदत्त जेपी ने विषय से संबंधित ओजपूर्ण विचार व्यक्त किए। चतुर्थ सत्र के चेयरपर्सन के रूप में डी.लिट्ट की उपाधि प्राप्त डॉ गोविंद गंधे एवं को-चेयरमैन के रूप में पी जी कॉलेज मेयर से डॉ.ए.के. गौतम उपस्थित थे।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar