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शिक्षक कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होता - डॉ. चौधरी


शिक्षक का व्यक्तित्व ही ऐसा बन जाता है कि जीवन पर्यन्त शिक्षा प्रदान करता है। अपने विद्यार्थियों एवं समाज में कुछ भी गलत कार्य पर रोक लगाता है इसीलिये कहा जाता है कि शिक्षक की सेवानिवृत्ति शिक्षा विभाग से होती है शिक्षकीय कार्य से नहीं होता है।
उक्त विचार आदर्श शिक्षक डॉ. प्रभु चौधरी ने अपने मित्र प्राथमिक विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक श्री अनवर अली खिलोरिया की 36 वर्ष की शिक्षकीय सेवा के पश्चात् आज सेवानिवृत्त के समारोह में व्यक्त किये।
समारोह की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य श्री विमलकुमार सूर्यवंशी ने की। संचालन श्री अनिल सेठिया ने एवं आभार नीना देवड़ा ने माना। सेवानिवृत्ति पर सम्मान में श्री खिलोरिया ने स्टॉफ के सहयोग के लिये धन्यवाद दिया। समारोह में शिक्षक मोहनलाल चन्द्रवंशी, कालूराम वाघेला, बापूलाल चन्द्रवंशी, राकेश चौरडिया, शिक्षिका मनीषा मोदी, स्नेहलता शर्मा, आशा देवडा, समीन मंसुरी, नीना तबस्सुम, सलमा मंसुरी, चन्द्रकांता चवरासिया, राजीव शर्मा एवं गुमानसिंह माल आदि उपस्थित रहे। श्री खिलोरिया को विद्यालय से निवास तक स्टाफ एवं परिवार के सदस्य गये।

जनशिक्षा केन्द्र शा.उ.मा.वि. में भी सेवानिवृत्त श्री अनवर अली को प्रमाण पत्र देकर बिदाई दी गई। प्राचार्य एस.एन. बामनिया, विमल सूर्यवंशी, डॉ. प्रभु चौधरी, गिरधारीलाल मालवीय, बंशीलाल सोलंकी, संगीता पासी, अरूण शर्मा, दिलीप सोनगरा आदि ने संबोधित किया। लेखापाल प्रमोद प्रजापति ने सम्मान एवं लेखा संबंधी जानकारी दी। इस अवसर पर स्टॉफ एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।

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