अधिवार्षिकी सेवानिवृत्ति पर विक्रम विश्वविद्यालय की आचार्य प्रो चुटैल का हुआ सारस्वत सम्मान
हिंदी अध्ययनशाला में विदुषीप्रवर प्रो. प्रेमलता चुटैल सौप्रस्थानिक एवं सारस्वत सम्मान समारोह सम्पन्न
हिंदी अध्ययनशाला में हुआ पूर्व छात्र सम्मेलन
उज्जैन - विदुषीप्रवर एवं हिंदी अध्ययनशाला की आचार्य और पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो प्रेमलता चुटैल के सौप्रस्थानिक एवं सारस्वत सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 31 मार्च 2022 को मध्याह्न में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में वाग्देवी भवन स्थित हिंदी अध्ययनशाला के सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजन के सारस्वत अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामराजेश मिश्र, वरिष्ठ कवि डॉ शिव चौरसिया, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रो गीता नायक, प्रो हरिमोहन बुधौलिया, डॉक्टर जगदीश चंद्र शर्मा, प्रतिष्ठा शर्मा आदि ने प्रोफ़ेसर चुटैल के जीवन, व्यक्तित्व और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि आदर्श शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता। युवा पीढ़ी और शिक्षकों को प्रो प्रेमलता जी जैसे आचार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए। शिक्षण संस्थाएं सेवानिवृत्त शिक्षकों को आमंत्रित कर मार्गदर्शक के रूप में उनका लाभ लें। पूर्व छात्र अपनी मातृ संस्था विक्रम विश्वविद्यालय के ऋण को चुकाने के लिए सदैव तत्पर रहें।
पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र ने कहा कि प्रो चुटैल सादगीपूर्ण जीवन और सरलता की प्रतिमूर्ति हैं। शैक्षिक समुदाय के बीच में परस्पर एकता और आत्मीयता बनी रहना चाहिए।
अतिथियों द्वारा प्रो चुटैल को साफा बांधकर शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र एवं प्रतीक चिन्ह अर्पित कर उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर हिंदी अध्ययनशाला के पूर्व छात्रों का सम्मेलन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर जगदीश चंद्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन डॉक्टर साधना निर्भय ने किया।
विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद कक्ष में कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में दिनांक 31 मार्च को अपराह्न 4 बजे प्रो प्रेमलता चुटैल की अधिवार्षिकी सेवा निवृत्ति पर उनका सारस्वत सम्मान किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन एवं शिक्षक समुदाय द्वारा कार्यपरिषद कक्ष में आयोजित इस गरिमामय आयोजन की अध्यक्षता कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। इस अवसर पर प्रो प्रेमलता चुटैल के व्यक्तित्व और उनके योगदान पर विभिन्न वक्ताओं ने प्रकाश डाला। इनमें विक्रम विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र, प्रोफेसर पी के वर्मा, प्रोफेसर शुभा जैन, प्रोफ़ेसर उमा शर्मा कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो हरिमोहन बुधौलिया, प्रो शैलेंद्र पाराशर, डॉ अनिल जैन, सूरज नागर उज्जैनी आदि सम्मिलित थे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षक ही विश्वविद्यालय के विकास के आधार होते हैं। उनकी सक्रियता से किसी भी संस्था की पहचान बनती है। प्रो चुटैल का सम्मान कर विश्वविद्यालय स्वयं को सम्मानित कर रहा है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रो प्रेमलता चुटैल ने कहा कि मैंने अपने गुरुजनों से जो सीखा, वह निरंतर काम आ रहा है। मैं इस संस्था से तीन से अधिक दशकों से जुड़ी रही हूं। शिक्षकों और विद्यार्थियों से प्राप्त स्नेह मेरे जीवन की अमूल्य पूंजी है।
कार्यक्रम में शॉल, श्रीफल, श्रीमद्भगवद्गीता और मिष्ठान्न अर्पित कर प्रो चुटैल का सम्मान कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने किया। विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से उनका सम्मान उपाध्यक्ष डॉ राज बोरिया, प्रांतीय अध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा, प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डॉ डी डी बेदिया एवं पदाधिकारियों ने किया। आयोजन में उपस्थित पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र, प्रोफेसर पी के वर्मा, प्रो शुभा जैन, प्रो एच पी सिंह, प्रो अचला शर्मा, प्रो उमा शर्मा, प्रो गीता नायक, प्रो डी एम कुमावत, डॉ अंजना पांडेय, डॉ धर्मेंद्र मेहता, डॉ ज्योति उपाध्याय, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ बी के आंजना, डॉ स्वाति दुबे, डॉ संदीप तिवारी, डॉ निश्छल यादव, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ दर्शन दुबे, डॉ कमल बुनकर, श्री राजू यादव, श्री जसवंत सिंह आंजना, श्री विपुल मईवाल आदि सहित विश्वविद्यालय के अनेक विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारियों ने प्रो चुटैल को माल्यार्पण करते हुए उनका सम्मान किया।
कार्यक्रम का संचालन कला संकायाध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन डॉक्टर सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने किया।
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