भोपाल : आज राजधानी भोपाल में उद्देश्य युवा सामाजिक एवं जन कल्याण समिति द्वारा छात्र-छात्राओ के बीच संस्था के सदस्यों ने होली की पूर्व संध्या पर रंग गुलाल के साथ होली मनाई । जिसमें संस्था के सदस्यों ने एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली मिलन समारोह मनाया ।
जिसमें संस्था के संयोजक समर्थ समाधिया ने बताया के होली के पूर्व संध्या पर संस्था के सभी सदस्यों ने छात्र छात्राओं के साथ होली मिलन समारोह मनाया । इस मौके पर के अध्यक्ष श्री विवेक त्रिपाठी जी, संस्था के जिला संरक्षक रवि परमार , समर्थ समधिया , कोषाध्यक्ष लक्की चौबे, जिला समन्वयक भव्य सक्सेना, भानु प्रताप सिंह, मनीष , आकाश बैरागी और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...
Comments