उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ स्टडीज इन फिजिक्स और फिजिक्स क्लब ने 11 मई 2022 को आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस-2022 मनाया। इस अवसर पर विभिन्न छात्रों ने प्रौद्योगिकी और राष्ट्र के विकास पर इसके प्रभाव के बारे में अपने विचार साझा किए। छात्रों ने प्राचीन भारत में प्रौद्योगिकी पर अपने विचार साझा किए।
विभागाध्यक्ष डॉ. स्वाति दुबे ने इस दिन को मनाने और प्रौद्योगिकी के अनिवार्य पहलुओं को समझने के लिए प्रेरित किया। डॉ निश्छल यादव ने अध्यक्षीय भाषण दिया और छात्रों को 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर प्रेरित किया।
कार्यक्रम में डॉ. कमल जैन और डॉ. रत्ना अग्रवाल भी मौजूद थे। इस अवसर पर डॉ. कमल जैन ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की पहली छलांग थी, जिसने भारत को परमाणु शक्ति बनाया। यह केवल प्रौद्योगिकी के कारण ही संभव हुआ है। डॉ. रत्ना अग्रवाल ने उपस्थित लोगों को ऊर्जा संकट के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया।
चौथे सेमेस्टर की छात्रा तरुणा मंडलोई ने सहज परमाणु विखंडन के सिद्धांत के बारे में जानकारी दी, जिसकी तकनीक अभी तक ऊर्जा संकट से उबरने के लिए नहीं आई है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रिया दुबे ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव मनीष आंजना ने दिया। इस अवसर पर लगभग 50 विद्यार्थी उपस्थित थे।
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