उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 'पुष्य नक्षत्र' 28 जुलाई को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। जिसके लिये रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रूपये निर्धारित है।
गौरतलब है कि स्वर्णप्राशन में दिये जाने वाली औषधियाँ बच्चों के बुद्धि, बल और आयु को बढ़ाते हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शिशु को बार-बार बीमार होने से बचाते हैं। वर्तमान आधुनिक युग में आम जनता का विश्वास आयुर्वेद के प्रति बढ़ रहा है। स्वर्णप्राशन कराने से शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु अपेक्षित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इस संबंध में भारत सरकार से शीघ्र ही प्रोटोकाल जारी होने की संभावना है। महाविद्यालयीन चिकित्सालय में कुपोषण नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित है तथा बच्चों के सभी रोगों के लिये आयुर्वेदीय औषधी के साथ-साथ आहार तथा आदर्श जीवनशैली हेतु परामर्श दिये जाते हैं।
चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर.एम.ओ. डॉ. हेमंत मालवीय के निर्देशन में यह स्वर्णप्राशन कार्यक्रम 28 जुलाई को प्रात: 9 से दोपहर 1 बजे तक होगा। जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।
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