विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा बृहद् कैरियर काउंसलिंग और व्यक्तित्व विकास सेमिनार में शामिल हुए छह सौ से अधिक विद्यार्थी
कुलपति के साथ संवाद कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने किया अपनी जिज्ञासाओं का समाधान
विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा की गई अभिनव पहल
विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत छोटे आयु वर्ग के विद्यार्थियों को अपने भविष्य निर्धारण के लिए सही दिशा दिखा कर उनकी समस्या का समाधान करना आवश्यक है। देश के मेधावी विद्यार्थी ही आने वाले कल में हमारे और हमारे भारतवर्ष के भविष्य हैं। अतः इन विद्यार्थियों को अपने स्वर्णिम भविष्य के लिए समय पर एक संतुलित और यथोचित रूपरेखा तैयार तैयार कर एक लक्ष्य का निर्धारण करना आवश्यक है। विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य के निर्धारण हेतु उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विक्रम कीर्ति मंदिर में दिनांक 29 जुलाई 2022 को बृहद् करियर मार्गदर्शन सेमिनार तथा कुलपति के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि आप सभी प्रिय विद्यार्थियों से मिलकर मुझे अपने स्कूल एवं छात्र जीवन की याद आती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन द्वारा हमारे विद्यार्थियों को एक साथ बहु विषय चयन की स्वतंत्रता विक्रम विश्वविद्यालय में उपलब्ध है। आज कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक के अधिक उपयोग से कैंसर एवं अन्य घातक बीमारियां दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यदि सभी युवा विद्यार्थी जन जागरण अभियान चलाकर ऑर्गेनिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे तो कई घातक बीमारियों को समाप्त किया जा सकता है। माननीय प्रधानमंत्री जी के सर्कुलर इकोनामी, कौशल विकास, आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि मूल मंत्र की पूर्णता आप जैसे युवा विद्यार्थियों पर निर्भर करती है। किसी देश की प्रगति के लिए कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता आवश्यक है। अतः मैं आप सभी विद्यार्थियों से यह कहना चाहता हूं कि जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए आपको बड़ा सपना देखना होगा तथा उसको पूरा करने के लिए ईमानदारीपूर्वक कठिन परिश्रम करने हेतु दृढ़ संकल्पित होना होगा। आज विभिन्न वैश्विक मांगों के अनुसार विश्वविद्यालय में अनेक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम संचालित है, जिनमें भविष्य में असीम रोजगार की संभावनाएं उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आनंद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, उज्जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम हमारे विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। सभी विद्यार्थियों को अपने भविष्य निर्धारण हेतु विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का भ्रमण कर शिक्षकों से संवाद करते हुए मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए। विद्यार्थी अपनी क्षमता अनुरूप लक्ष्य का निर्धारण करें। जिला शिक्षा अधिकारी ने कुलपति जी से विद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए भविष्य में भी निरंतर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाने का अनुरोध किया।
विशिष्ट अतिथि कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर ने विक्रम विश्वविद्यालय के आमंत्रण पर विद्यार्थियों के बड़ी संख्या में उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा कहा कि हमारे विद्यार्थी अपने भविष्य हेतु लक्ष्य का निर्धारण कर उसे प्राप्त करने पुरजोर प्रयास करें।
कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने बताया कि मध्य प्रदेश के प्राचीनतम विक्रम विश्वविद्यालय में बहु विषयक 243 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हैं। विद्यार्थियों के लिए मध्यप्रदेश शासन तथा भारत सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाएं उपलब्ध हैं। सीयूईटी के माध्यम से ढाई लाख से अधिक विद्यार्थियों ने इस विश्वविद्यालय का प्रवेश हेतु चयन किया है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री वरुण गुप्ता ने भी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों और कौशल विकास के सम्बन्ध में मार्गदर्शन दिया।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि व्यक्तित्व का निर्माण परिवेश और आनुवांशिकता के सुमेल से होता है। करियर काउंसलिंग और व्यक्तित्व विकास के लिए यह अवसर सभी क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। जिस प्रकार एक शिल्पी अनगढ़ पत्थर या माटी को सुंदर स्वरूप प्रदान करता है, उसी प्रकार विक्रम विश्वविद्यालय कौशल संवर्धन तथा व्यक्तित्व विकास द्वारा विद्यार्थियों को ऊर्जावान, समर्पित तथा कुशल मानव संसाधन के रूप में विकसित कर रहा है। विश्वविद्यालय नई पीढ़ी के स्वर्णिम भविष्य को सदैव गतिमान तथा उज्ज्वल बनाने हेतु दृढ़ संकल्पित है।
करियर काउंसलिंग सेमिनार में स्वागत भाषण डॉ एस के मिश्रा, संकायाध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण संकाय ने दिया। आभार संयोजक डॉ शिवि भसीन द्वारा व्यक्त किया गया। संचालन इं कंचन थूल ने किया।
करियर काउंसलिंग तथा संवाद कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ अरविंद शुक्ला, डॉ शिवी भसीन, डॉ रमण सोलंकी, डॉ अजय शर्मा तथा इं अंजली उपाध्याय थे। कार्यक्रम के आयोजक सदस्य डॉ गरिमा शर्मा, डॉ ब्रह्मदत्त शुक्ला, इं कंचन थूल, इं मोहित प्रजापति, इं शिवम शर्मा, डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी आदि थे।
कार्यक्रम में डॉ उमा शर्मा, डॉ अचला शर्मा, डॉ अलका व्यास, डॉ अनिल जैन, डॉ कमलेश दशोरा, डॉ सुधीर जैन, डॉ धर्मेंद्र मेहता, डॉ डी डी बेदिया, डॉ नलिन सिंह पँवार, डॉ सलिल सिंह, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ मुकेश वाणी, डॉ जितेश पोरवाल, डॉ दर्शना मेहता, डॉ अपूर्वा मूले, डॉ रुचिका खंडेलवाल, सुश्री नेहा, श्री दक्ष सितलानी, श्री स्कंध त्रिपाठी, श्री हर्ष, स्नेहा चौरसिया, प्रेरणा वर्मा, सार्थक जोशी सहित विभिन्न अध्ययनशालाओं के शिक्षक अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम में अनेक विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा कुलपति जी से संवाद करते हुए प्रश्न पूछे गए जिनकी समस्याओं का समाधान कुलपति जी द्वारा किया गया। उनके कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न थे-
1. कुमारी सौम्या जोशी, स्टैनफोर्ड स्कूल द्वारा पाठ्यक्रम में प्रायोगिक कार्य से संबंधित प्रश्न पूछा गया।
2. कुमारी श्रद्धा वर्मा स्टैनफोर्ड स्कूल ने सीयूईटी परीक्षा हेतु मार्गदर्शन और जानकारी ली गई ।
3. अर्पिता विजयवर्गीय ने फैमिली व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु मार्गदर्शन चाहा।
4. अनिल खंडेलवाल, सेंट्रल स्कूल में कॉमर्स की उपयोगिता पर प्रश्न पूछा।
5. श्रेयस दुबे, सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल ने एस्ट्रोफिजिक्स की उपयोगिता के बारे में जानना चाहा।
6. तन्मय खंडेलवाल, सेंट मैरी स्कूल ने पढ़ने के लिए समय के प्रबंधन हेतु मार्गदर्शन चाहा।
7. तृप्ति, सेंट मैरी स्कूल ने कॉमर्स में इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम की जानकारी चाही।
8. निशा मालवीय, ज्ञान सागर स्कूल ने साइकोलॉजी पाठ्यक्रम की जानकारी पर प्रश्न किया।
9. जय ठाकुर, उत्कृष्ट विद्यालय ने परसेंटेज और स्किल में से किसका महत्व है, इसके बारे में प्रश्न पूछा।
Comments