उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के अकादमिक परिसर में पर्यावरण एवं जैव विविधता संरक्षण के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन के खनिज संसाधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह द्वारा पौधारोपण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय की उपस्थिति में दिनांक 29 अगस्त 2022 को किया गया।
वायुमंडल में लगातार बढ़ते प्रदूषण से मानव जीवन के साथ-साथ जीव जंतु भी प्रभावित होते हैं। परिणाम स्वरूप प्राकृतिक असंतुलन की संभावनाओं का खतरा बढ़ता जाता है। बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भी धीरे-धीरे कम हो जाती है। पौधारोपण पर्यावरण संरक्षण के लिए एक उत्तम विधि है, जिसके द्वारा वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। साथ ही जैव विविधता का संरक्षण भी होता है। पेड़ पौधों के पर्याप्त घनत्व के कारण क्षेत्र के वायुमंडल में नमी बनी रहती है तो बरसात भी अधिक होती है। अतः विद्यार्थियों को प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वायुमंडल प्रदूषण के स्रोत एवम कारको तथा पौधारोपण के महत्व की जानकारी उपलब्ध कराया जाना तथा इनमें पौधारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण की भावनाओं का सृजन करना आवश्यक है। अतः पौधारोपण के उपरोक्त महत्व को दृष्टिगत रखते हुए विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन , वन विभाग, खनिज संसाधन विभाग तथा श्रम विभाग उज्जैन के संयुक्त प्रयास से विक्रम विश्वविद्यालय अकादमिक परिसर में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में माननीय मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, खनिज संसाधन एवं श्रम मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नंदिता सिंह द्वारा रुद्राक्ष , मौलसरी, गुलमोहर, नीम, बरगद आदि पौधों का पौधा रोपण किया गया।
इस अवसर पर माननीय मंत्री श्री सिंह ने बताया कि प्राचीन काल से ही भारत में प्राकृतिक संरक्षण की संस्कृति रही है। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण का विचार जीवन के हर अंग पर रहा है। मनुष्य धरती पर आया है तो उसे प्राकृतिक संसाधन का उपयोग अपने जीवन जीने के लिए करना होगा पर हम सभी का यह प्रमुख कर्तव्य के प्राकृतिक संसाधनों का समुचित एवं आवश्यकता अनुसार ही उपयोग हो तथा पर्यावरण एवं जैव विविधता के अस्तित्व को क्षति नहीं पहुंचे। हमारे विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण तथा पौधारोपण के लिए जनजागृति अभियान चलाकर अधिक से अधिक पौधारोपण एवं उनकी सुरक्षा हेतु आम नागरिक को जागरूक कर सकते हैं । पौधारोपण के कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु पिछले दो वर्षों से लगातार पौधारोपण कार्यक्रम हमारे विद्यार्थियों एवं वृक्ष मित्र संस्था उज्जैन के सहयोग से आयोजित किए जा रहे हैं। अभी तक विश्व विद्यालय परिसर में 5000 से अधिक पौधों का रोपण किया जा चुका है। प्रोफ़ेसर पांडेय ने बताया कि भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रखती है । मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता है जो पूर्णता वैज्ञानिक तथा संतुलित है। हमारे शास्त्रों में पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, नदियों, सरोवर, पहाड़ आदि को पूज्य माना गया है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को पौधारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास करना एवं दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए। पौधारोपण कार्यक्रम में डॉ प्रशांत पौराणिक, कुलसचिव, विक्रम विश्वविद्यालय; प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय; डॉ उमेश सिंह, विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर विज्ञान; डॉ संदीप तिवारी, डॉक्टर सलिल सिंह, विभागाध्यक्ष , प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी, डॉक्टर रमण सोलंकी, उत्खनन प्रभारी; डॉक्टर डी डी बेदिया, डॉक्टर अरविंद शुक्ला डॉक्टर शिवि भसीन, डॉ अजय शर्मा, इंजी अंजली उपाध्याय, डॉक्टर कंचन थूल, डॉ संतोष ठाकुर, डॉ स्मिता सोलंकी , डॉक्टर गरिमा शर्मा, एनसीसी, एनएसएस एवम प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे ।
पौधारोपण का यह कार्यक्रम विक्रम विश्वविद्यालय, वन विभाग, खनिज संसाधन विभाग, श्रम विभाग उज्जैन तथा वृक्ष मित्र संस्था उज्जैन के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री बी पी सिंह, सहायक श्रम आयुक्त, उज्जैन; श्री महेंद्र पटेल, जिला खनिज अधिकारी उज्जैन; श्री मोहन मारु,जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी उज्जैन ;श्री केके पवार, वन रोपणी प्रभारी, वन विभाग; श्री सुमित उच्चारिया व श्री आदित्य प्रताप सिंह, श्रम निरीक्षक तथा वृक्ष मित्र संस्था उज्जैन से श्री अजय भातखंडे एवं श्री प्रवीण साठे ने सहभागिता की।
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