Skip to main content

रसायन शास्त्र अध्ययनशाला में पौधों के संरक्षण के लिए पूर्व छात्रों ने करवाया फेंसिंग कार्य

उज्जैन। जहाँ से ज्ञान मिला, जहाँ से शिक्षा मिली, जहाँ से संस्कार मिले, जिसके कारण आजीविका मिली, नाम मिला, शोहरत मिली, यश मिला, वैभव मिला ऐसे संस्था को हराभरा देखने का, सुरम्य देखने की संस्था के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने का भाव रखना और उसके लिए सहयोग करना महत्वपूर्ण है। यह सब सम्भव हुआ   रसायन अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय परिसर के पूर्व छात्रों द्वारा, जिनके सहयोग से आज लगभग 1 लाख रुपए की फेंसिंग कर इस सम्पूर्ण परिसर को सुरक्षित किया है ।  इस कार्य के लिए संस्था के पूर्व छात्र श्री रविप्रकाश लंगर और पूर्व छात्रा एवं वर्तमान विभागाध्यक्ष डॉक्टर शुभा जैन की सक्रिय सहभागिता रही ।

वृक्षमित्र सेवा समिति उज्जैन ने रसायन अध्ययनशाला के सम्मुख तार, जाली एवं पोल फेंसिंग करवाने में सहयोग किया । यहां स्वच्छता करवाई । 

परिसर में आज नक्षत्र वाटिका के पौधे जैसे जामुन, कटहल, कवीट, आम, बेलपत्र इत्यादि का रोपण किया । साथ ही शानदार चम्पा, नागचंपा, नीम, गुड़हल, पारिजात इत्यादि के पौधे लगाए है । 

इस शुभ अवसर पर माननीय डॉ अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय, डा. शुभा जैन, डॉ उमा शर्मा, श्री वाणी, श्रीमती वाणी ने पौधरोपण किया । वर्तमान विद्यार्थियों ने वृक्षमित्रो के साथ मिलकर परिसर को हराभरा रखने की जिम्मेदारी ली है ।  

अभी भी सौंदर्यीकरण के लिए काफी कार्य किया जाना है अतः आपने अन्य पूर्व छात्रों से भी इस हेतु सहयोग की अपील की जिससे रसायन अध्ययनशाला में और भी अधिक पौधे लग सके और क्षेत्र हराभरा हो सके।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar