ब्रह्माकुमारी संस्था शिव दर्शन धाम में पांच दिवसीय ज्ञान वर्षा प्रवचन माला "संतुलित जीवन" का हुआ शुभारंभ
उज्जैन । वेद नगर स्थित ब्रह्माकुमारी संस्था शिव दर्शन धाम में पांच दिवसीय ज्ञान वर्षा प्रवचन माला का शुभारंभ हुआ। विषय था संतुलित जीवन। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया जिसमें डॉक्टर श्याम अटल जी, डॉक्टर गायत्री अटल जी तथा भ्राता शैलेंद्र भट्ट जी (सुप्रसिद्ध कलाकार, पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित ) एवं ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी जी, मंजू दीदी जी शामिल हुए।
दीप प्रज्वलन करते हुए डॉ श्याम अटल, डॉ गायत्री अटल (अटल नर्सिंग होम), भ्राता शैलेंद्र भट्ट जी, ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी जी, ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी तथा अन्य। |
स्वागत नृत्य की प्रस्तुति कुमारी जीया ने दिया। भ्राता शैलेंद्र भट्ट जी ने कहा नवरात्रि पर्व शक्ति उपासना का पर्व है। दुनिया की सबसे बड़ी चैतन्य शक्ति है मां । मां की निस्वार्थ सेवा ही शक्ति उपासना है , आगे उन्होंने कहा मानव सेवा ही ईश सेवा है और ब्रह्माकुमारी संस्था दिलो जान से मानव सेवा में समर्पित है ।मुझे आश्रम में आकर बहुत शांति का अनुभव हुआ।
बहन डॉ गायत्री अटल जी ने कहा कि, संतुलित जीवन के लिए जीवन के दो पक्षों पर ध्यान देने की आवश्यकता है पहला जो हमें करना अनिवार्य है हमारा काम, हमारा व्यवसाय और दूसरा हमारे शौक वह काम जो मुझे खुशी देती हो। उन्होंने कहा कि, डॉक्टर होने के नाते मैं यह मानती हूं कि स्वस्थ शरीर ही संतुलित जीवन बना सकता है अगर स्वास्थ्य गड़बड़ होगा तो जीवन में संतुलन हरगिज़ नहीं हो सकता इसलिए हेल्दी डाइट ,योगा , एक्सरसाइज को अपने जीवन में अवश्य शामिल करें और मेडिटेशन तो आज के समय में हर एक को करना चाहिए । आगे उन्होंने कहा कि, मैं कहीं पर बोलती नहीं हूं परंतु ब्रह्माकुमारी संस्था का वातावरण ही ऐसा है जो मंच पर बोलने की शक्ति देती हैं।
भ्राता डॉ अटल (अटल नर्सिंग होम डायरेक्टर) ने कहा कि, ब्रह्मा कुमारीज का मूल मंत्र ओम शांति आज के समय का महामंत्र बन गया है । इस तनावपूर्ण वातावरण में ओम शांति शब्द शांति की अनुभूति कराता है ।जैसा हम सोचते हैं उसी अनुसार घटनाएं घटती हैं मेडिटेशन हमारे विचारों को शुद्ध करता है तामसिकता से ऊपर उठाकर सात्विक बनाता है। अगर हम मेडिटेशन का एक सद्गुण अपने जीवन में उतारते हैं तो अनेक सद्गुणों की प्रवेशता होने लगती हैं । देवी देवता है या नहीं परंतु चलते फिरते अपने सात्विक कर्मों से देवता का साक्षात्कार मनुष्य करा सकता है।
ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने नवरात्रि के आध्यात्मिक अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहां कि, यह शक्ति उपासना पर्व नारी में निहित शक्तियों का परिचय कराता है जैसे मां दुर्गा अर्थात दुर्गुणों को हरने वाली मां उमा अर्थात उमंग उत्साह देने वाली मां संतोषी अर्थात सबको संतुष्ट करने वाली। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी मीणा बहन ने संतुलित जीवन पर अपने विचार रखें तथा राजयोग मेडिटेशन की अनुभूति भी कराया।
कार्यक्रम काम कुशल संचालन ब्रम्हाकुमारी गायत्री बहन ने किया। कार्यक्रम में अनेक उज्जैन वासी लाभान्वित हुए।
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