- मैं पहली बार ब्रह्माकुमारी आश्रम में आया हूं और मुझे बहुत अच्छी अनुभूति हुई - मुकेश टटवाल, महापौर
- आत्म चिंतन की राह पर चलकर ही हम आत्म सम्मान प्राप्त कर सकते हैं - ब्रम्हाकुमारी लक्ष्मी बहन
- ब्रह्मा कुमारीज की मुख्य शिक्षा ही आत्म सम्मान को बढ़ाने के लिए हैं - ब्रह्माकुमारी उषा दीदी जी
उज्जैन, शुक्रवार, 30 सितम्बर, 2022 । ब्रह्माकुमारीज़ के शिव दर्शन धाम परिसर में नवरात्रि पर्व पर ज्ञान वर्षा प्रवचन माला के चोथे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। जिसमें शहर के प्रथम नागरिक महापौर श्री मुकेश टटवाल जी, पार्षद बहन आभा कुशवाहा जी, भ्राता श्री विशाल राजोरिया, ब्रम्हाकुमारी राजयोगिनी उषा दीदी, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू बहन, ब्रम्हाकुमारी लक्ष्मी बहन सम्मिलित हुए।
महापौर भ्राता श्री मुकेश टटवाल जी ने कहां कि, मैं पहली बार ब्रह्माकुमारी आश्रम में आया हूं और मुझे बहुत अच्छी अनुभूति हुई । ध्यान कक्ष से उठने का मन नहीं था, परंतु हमारी जिम्मेदारी ही ऐसी है कि हम कहीं पर भी अधिक समय तक बैठ नहीं सकते । मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि, ऐसे अलौकिक वातावरण में आने का मुझे सुअवसर प्राप्त हुआ । साथ ही उन्होंने कहा कि, उज्जैन शहर को धार्मिक पर्यटन के रूप में विश्व स्तरीय पहचान देने के लिए प्रत्येक उज्जैन वासी का सहयोग चाहिए । हम उज्जैन वासी जब भी किसी से मिले तो ""जय श्री महाकाल"" अवश्य बोले, इससे एक आध्यात्मिक वातावरण बना रहेगा। उज्जैन नगरी का राजा स्वयं कालों का काल महाकाल है और हम सब उसके सेवक हैं।
● ब्रह्माकुमारी आश्रम में प्रथम बार आगमन पर उज्जैन नगर पालिका निगम के महापौर श्री मुकेश टटवाल जी को शाल और ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया।
● कार्यक्रम की मुख्य वक्ता ब्रम्हाकुमारी लक्ष्मी बहन ने कहा कि, आत्म चिंतन की राह पर चलकर ही हम आत्म सम्मान प्राप्त कर सकते हैं । आत्म सम्मान प्राप्त करने के लिए सबसे पहले चाहिए सकारात्मक नजरिया, दूसरा अपनी कमजोरियों को चेक करें, उसे ठीक करें और आगे बढे । जिसके अंदर आत्म सम्मान होगा, उसके अंदर देने की भावना होगी। उन्होंने आगे कहा कि, हम अपने बारे में जैसा सोचते हैं लोग उसी नजरिए से हमें देखते हैं, और भगवान भी उसी की मदद करते हैं जो स्वयं स्वाभिमानी बन स्वयं की मदद करते । हम जो सोचते हैं भगवान उसे तथास्तु करते जाते हैं।
● ब्रह्माकुमारी उषा दीदी जी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि, ब्रह्मा कुमारीज की मुख्य शिक्षा ही आत्म सम्मान को बढ़ाने के लिए हैं । रोज ईश्वरीय महावाक्य हमारे स्वाभिमान को जागृत करता है और हमें सशक्त बनाता है।
● बीके श्रीवास्तव जी ने आभार व्यक्त किया ।
● कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्मा कुमारी मीना बहन ने किया।
● कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक व वरिष्ठ समाजसेवी उपस्थित थे । सभी उपस्थित श्रोतागण ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया ।
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