विश्वविद्यालय 5 जी तकनीक से बढ़ायेगा हरीतिमा
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालय 5 जी तकनीक का उपयोग करते हुए अपने परिसर को हरा-भरा बनाये रखने के लिए संकल्पित है। 5 जी तकनीक को स्पष्ट करते हुए कुलपति प्रो पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय निरंतर पौधारोपण करते हुए अपने परिसर को ग्रीन कॉरिडोर बना रहा है। भारत सरकार का अनुसरण करते हुए अपने विद्यार्थी ग्रीन ग्रेजुएट्स के रूप में समाज को देगा। निरंतर रोपित पौधे वातावरण में "गुड गैसेस" जैसे ऑक्सीजन का उत्सर्जन बढ़ाएंगे और ग्रीन हाउस गैसेस जैसे मीथेन, कार्बन डाईऑक्साइड आदि का उत्सर्ज़न कम होगा। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय रोपित पौधों के आस-पास गार्ड बनाएगा अथवा फेंसिंग का कार्य करेगा। इस प्रकार 5 जी - ग्रीन कॉरिडोर, ग्रीन ग्रेजुएट, ग्रीन हाउस गैसेस के उत्सर्जन में कमी, गुड गैसेस के उत्सर्ज़न में बढ़ावा और गार्ड अर्थात् फेंसिंग करवाकर पौधों को संरक्षित संवर्धित करने का कार्य करेगा।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने बताया कि विश्वविद्यालय विभिन्न संस्थानों जैसे वृक्षमित्र, लायन्स क्लब, रोटरी क्लब एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एन. एस. एस.) आदि की मदद से गत दो वर्षों में साढ़े पांच हजार पौधों से भी अधिक पौधे रोपित कर चुका है और विश्वविद्यालय इस प्रक्रिया में निरंतर सक्रिय रहेगा।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि पौधरोपण से वातावरण में घुलित ऑक्सीजन की मात्र बढ़ती है और वातावरण में ताप नियंत्रण का कार्य होता है। विश्वविद्यालय परिसर में कई औषधीय गुण वाले पौधे जैसे नीम, करंज, कचनार, मोरसली, आम, अमरुद, गूगल, इमली, अमलतास, गुलमोहर, गुड़हल, हरशृंगार आदि रोपित किये जा चुके हैं एवं विक्रम विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में पौधरोपण की इस प्रक्रिया में निरंतर बढ़ोतरी करता रहेगा।
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