भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया। इस विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान एनएलआईयू, भोपाल की प्रोफेसर डॉ राका आर्य द्वारा दिया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. चंद्र चारु त्रिपाठी ने इस पर कहा कि महिलाओं का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए चाहे वह घर में हो, कार्यस्थल पर या सार्वजनिक स्थान पर हो और उन्होंने महिलाओं के लिए सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने पर बल दिया।
डॉ. राका आर्य ने समाज में व्याप्त शारीरिक, यौन और मनोवैज्ञानिक हिंसा, उत्पीड़न , मानव तस्करी, बाल विवाह, एसिड हमले के बारे में विस्तार से बात की और हिंसा के विभिन्न पीड़ितों जैसे निर्भया केस और अरुणा शानबाग केस आदि के बारे में भी बात की तथा यह भी बताया कि भारत सरकार ने महिला हिंसा के उन्मूलन के लिए कानूनों में क्या-क्या संसोधन किये। उन्होंने ने आगे कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता: इस संस्कृति को अपनाने वाले देश मे, महिलाओं के साथ इस तरह की हिंसा नही होनी चाहिए। अपनी इसी संस्कृति को पुनर्स्थापित करना होगा। हमने तकनीकी के शिखर को तो छू लिया है लेकिन मानव मूल्यों का ह्रास करते जा रहे हैं। यह दिवस हमें इंसान बन के नारी-हिंसा के खिलाफ मुखर होने के लिए प्रेरित करता है इस दिवस का मूल्य केवल नारी तक सीमित न होकर सम्पूर्ण मानवता से जुड़ा है।
कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. राजेश्वरी शिवगुण्ड़े ने कहा कि यह दिन उन तीन मीराबेल बहनों की याद में मनाया जाता है, जो डोमिनिकन गणराज्य की राजनीतिक कार्यकर्ता थीं, जिन्हें तत्कालीन तानाशाह राफेल ट्रुजलो ने बेरहमी से मार डाला था।
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