ग्रीन ग्रेजुएट कार्यक्रम के प्रथम दिन विद्यार्थियों द्वारा उद्यान में स्थित वाटर टैंक की सफाई का कार्य पूरा किया गया है। दूसरे दिन विद्यार्थियों द्वारा इस टैंक का रिपेयरिंग एवं पुताई का कार्य पूर्ण करने के पश्चात पुनः जलीय पारिस्थितिक तंत्र को विकसित करते हुए कमल के पौधे एवं गम्बूसिआ मछली का पालन किया जाएगा।
विद्यार्थियों की इस गतिविधि पर विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली नई शिक्षा नीति के लागू किये जाने में सहायक है। अतः इस प्रकार के तरीके विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उन्हें जिम्मेदार बनाने के लिए भी सहायक हैं। विभाग की इस पहल पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि यह विभाग सदैव कुछ न कुछ नया एवं रचनात्मक करने के लिए जाना जाता है, अतः इस प्रकार की गतिविधियाँ जारी रहनी चाहिए। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा देने के लिए यह सबसे उपयुक्त तरीका है।
विद्यार्थियों के साथ इस गतिविधि में प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं शिक्षकगण डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ संतोष ठाकुर, डॉ शिवि भसीन, डॉ स्मिता सोलंकी एवं डॉ गरिमा शर्मा उपस्थित थे।
Comments