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जिज्ञासा और सहानुभूति एक सफल इंटीग्रेशन इंजीनियर के दो सबसे मूल्यवान कौशल लक्षण है - अभिषेक त्रिपाठी


उज्जैन कौशल विकास एवं सामाजिक प्रकोष्ठ के अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञान संस्थान, आइक्यूएसी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं एलेगिस इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के तृतीय दिवस सिस्टम इंटीग्रेशन एंड मिडिलवेयर विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे द्वारा की गई। संगोष्ठी की रूपरेखा डॉ. लोकेश कुमार लड्ढानी ने प्रस्तुत की।

कंप्यूटर विज्ञान संस्थान तथा आइक्यूएसी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सिस्टम इंटीग्रेशन एक समय बचाने वाली तकनीक है जो दो या दो से अधिक सिस्टम के फायदों का उपयोग करती है। यह व्यवसायो की लागत कम करने तथा उनकी उत्पादकता में सुधार करने में मदद करता है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं संस्थान के पूर्व छात्र अभिषेक त्रिपाठी जी जो कि वर्तमान में स्पार्क न्यूजीलैंड में इंटीग्रेशन कंसलटेंट के पद पर कार्यरत हैं ने कहा कि आप जो नौकरी चाहते हैं उसके लिए आपके पास मौजूद नौकरी में कौशल का निर्माण करें। साथ ही सिस्टम इंटीग्रेशन के सिद्धांत एवं मिडिलवेयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


कार्यशाला के द्वितीय सत्र की मुख्य वक्ता माइक्रोसॉफ्ट की सुश्री शीतल राय ने माइक्रोसॉफ्ट पावर पॉइंट के उपयोगी फीचर्स का प्रशिक्षण प्रदान किया जिनका उपयोग करके बहुत ही प्रभावी प्रस्तुतीकरण तैयार किया जा सकता है। कार्यशाला का समन्वयन डॉ. भूपेंद्र कुमार पंड्या, संचालन श्रीमती कीर्ति दीक्षित एवं तकनीकी सहयोग शेखर दिसावल ने किया।

आभार प्रदर्शन संस्थान के प्राध्यापक डॉ. क्षमाशील मिश्रा ने किया।

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