Skip to main content

यू. जी. सी. द्वारा कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय सेंट्रल जोन कमेटी के लीड कोर्डिनेटर मनोनीत


उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गठित सेंट्रल जोन कमिटी का लीड कोर्डिनेटर मनोनीत किया गया। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू किये जाने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समय-समय पर इसके कियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं, जिनमें बहु विषयक एवं लचीली शिक्षा प्रणाली अपनाना और शिक्षा का आंतरीकरण जैसे प्रयास शामिल हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सतत प्रयासों से भारत में नई शिक्षा नीति को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास निरंतर जारी है, किन्तु भारत एक विशाल एवं अत्यधिक जनसंख्या वाला देश है। इसी कIरण से यहाँ किसी भी नई नीति को जन-जन में प्रसारित करना एक जटिल कार्य होता है। इसी कार्य को आसान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सम्पूर्ण भारत को 5 प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित करते हुए 5 विशिष्ट समिति का गठन किया है, जिनका मुख्य कार्य नई शिक्षा नीति को सरल भाषा में भारत के साधारण जन मानस तक पहुंचाने का होगा।
इन समितियों में प्रमुख तौर से सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल हैं, इसी क्रम में में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को सेंट्रल जोन कमिटी का लीड कोर्डिनेटर मनोनीत किया गया है। उनके अलावा इस समिति में प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह कुलपति राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, डॉ राजेश सिंह, कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, प्रोफेसर अशोक कुमार चक्रवाल, कुलपति गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर एवं प्रोफेसर संजय जसोला, कुलपति ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय, देहरादून सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इस समिति के कार्यक्षेत्र में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, और उत्तराखंड राज्य शामिल होंगे एवं समिति का प्रमुख कार्य हर राज्य के उच्च शिक्षा विभाग को एकत्रित करते हुए उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन के लिए सरल तरीकों को सीखना होगा। यह समिति हर क्षेत्र में स्थिति का सही आकलन करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रास्ते में आ रही रुकावटों को दूर करने का प्रयास करेगी एवं हर राज्य के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाये जाने में किये जा रहे प्रयासों का लेखा-जोखा रखेगी।
इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा हर उत्तरदायित्व अपने साथ एक नई प्रकार की चुनौती एवं जिम्मेदारी लाता है, अतः उनका प्रयास होगा कि वह दृढ़संकल्पित हो कर इस दायित्व को पूर्ण करे और नई शिक्षा नीति के मूल उद्देश्य को आम जन तक पहुंचा सकें। कुलपति जी की इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने उन्हें बधाई देते हुए शुभकामनाएं प्रेषित कीं। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कुलपति जी को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्पूर्ण विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरवशाली पल है कि जब विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आम जन तक पहुंचा कर देश की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। इस समाचार से पूरे विश्वविद्यालय में हर्ष का वातावरण है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, समस्त शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण द्वारा कुलपति जी को अनेक बधाई दी गई।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar