Skip to main content

विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित परम्परागत पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाये जाने की आवश्यकता है – पुरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी

पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज से कुलपति प्रो पांडेय ने की सौजन्य भेंट

उज्जैन। उज्जैन पधारे पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज से विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर स्वामी जी ने विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित परम्परागत पाठ्यक्रमों की सराहना करते हुए उन्हें आगे बढ़ाये जाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने उज्जैन पधारे  पुरी  पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज के दर्शन किये एवं उनसे सौजन्य भेंट करते हुए उन्हें विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न परम्परागत पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों को देश भर में प्रसारित करने हेतु उन्होंने मार्गदर्शन प्राप्त किया। गौरतलब है कि विक्रम विश्वविद्यालय ने पिछले दो वर्ष में कई परम्परागत पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये गए हैं, इनमें प्रमुख हैं, एम ए हिन्दू स्टडीज़, रामचरितमानस में विज्ञान, संस्कृत साहित्य में स्नातक पाठ्यक्रम आदि शामिल हैं। इन्ही पाठ्यक्रमों के संचालन ने विक्रम विश्वविद्यालय को एक नयी पहचान प्रदान की है। इन पाठ्यक्रमों में नवीनता लाने और इन्हें आगे बढ़ने के उद्देश्य से कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय ने उज्जैन पधारे  पुरी  पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज से सौजन्य भेंट की एवं उन्हें संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। स्वामी जी ने विक्रम विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए यहाँ विशिष्ट परम्परागत  पाठ्यक्रम खोले जाने पर कुलपति जी को बधाई दी और उन्होंने इन पाठ्यक्रमों को और बेहतर बनाये जाने के साथ-साथ  इन्हे सम्पूर्ण भारत तक पहुँचाये जाने को ले कर माननीय कुलपति जी का मार्गदर्शन किया। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने बताया कि ऐसे महान संतों के  दर्शन एवं आशीर्वाद से  विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक एवं विद्यार्थी सदैव लाभान्वित होते आए हैं। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने देते हुए बताया कि शंकराचार्य जी द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से विश्वविद्यालय प्रगति के नए सोपानों की ओर अग्रसर होगा। इस अवसर पर कुलपति जी के साथ डॉ संदीप तिवारी एवं डॉ गणपत अहिरवार उपस्थित थे।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar