■ माँ अपने बच्चों को सदैव ही अच्छे संस्कार के साथ ही अच्छे नागरिक बनने की भी प्रेरणा देती हैं - श्री श्री 1008 अवधूत नर्मदानंद बापजी महाराज
■ माँ अपने बच्चों को सदैव ही अपनी संस्कृति के लिए जीने की प्रेरणा प्रदान किया करती हैं - महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरीजी महाराज ■ माँ अपने बच्चों की इच्छाएं पूरी करती हैं, उनकी रक्षा करती हैं - अनंत विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती महाराज ■ माँ तू कितनी अच्छी हैं - माखन सिंह चौहानउज्जैन । उज्जैन शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी पाण्डेय परिवार व्दारा अपनी परमपूज्य माताजी "श्रीमती अनुसुईया पाण्डेय का 'सहस्त्र चन्द्र-दर्शन' का एवं भगवान श्री सत्यनारायण कथा एवं प्रसादी वितरण" का यादगार एवं अनुठा आयोजन भगवान श्री चिंतामण गणेश मंदिर क्षेत्र स्थित पुजारी परिसर में आयोजित कर अपनी परिवार की मुखिया परम श्रद्धेय माताजी "श्रीमती अनुसुईया पाण्डेय" के प्रति अपनी प्रतिबद्धता, श्रद्धा एवं सम्मान को प्रतिपादित कर वर्तमान समय में परिवार के बुजुर्गो का सम्मान की एक नवीन मिशाल-परंपरा समाज के समक्ष प्रस्तुत की गई । इस हेतु पाण्डेय परिवार के सामाजिक सेवाओं हेतु सतत् सक्रिय दोनों सुपुत्र क्रमशः मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त) श्री प्रदीप पाण्डेय एवं उनके अनुज श्री आशीष पाण्डेय, बहिन सो.अर्चना ज्ञानी एवं सभी परिवारजनों का अपनी माताजी एवं आमंत्रित स्नेहीजनों के प्रति स्वागत, श्रद्धा एवं समर्पण का आत्मियभाव देखते ही बनता था।
उक्त गरिमामय समारोह में आदरणीया माताजी का बड़ी संख्या में उपस्थित सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, वरिष्ठ गणमान्य जन-प्रतिनिधियों ने शॉल-श्रीफल, पुष्पमाला, पुष्पगुच्छ से स्वागत, वंदन-अभिनंदन किया वहीं मंच पर हमारी धार्मिक आस्थाओं से परिपूर्ण, हम सभी के सम्माननीय, माँ भगवती की अर्चना में यज्ञमयी भाव से जीवन-समिधा अर्पित करने वाली श्रद्धेया श्रीमती अनुसुईया पाण्डेय 'सहस्त्र चन्द्र-दर्शन' प्रसंग पर श्री श्री 1008 अवधूत नर्मदानंद बापजी महाराज (श्री श्री नजर निहाल आश्रम ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्यप्रदेश), परम पूज्य महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरीजी महाराज (चारधाम मंदिर, उज्जैन-मध्यप्रदेश), परम पूज्य अनंत विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती महाराज, आचार्य श्री शेखर जी महाराज, महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज (पंचायती अखाड़ा, महानिर्वाणी), संत श्री अवधेश पुरी जी महाराज, श्री माखनसिंह जी चौहान, अध्यक्ष तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण मध्यप्रदेश (केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त), हेमलता जी दीदी सरकार (परम अध्यक्ष-श्री भारत माता सेवाश्रम न्यास, राष्ट्रीय कथा-प्रवाचिका) आदि के आतिथ्य ने इस अभूतपूर्व समारोह में अपनी उपस्थिति एवं आशीर्वचन से कार्यक्रम को स्वर्णिम एवं अविस्मरणीय बना दिया।
श्री श्री 1008 अवधूत नर्मदानंद बापजी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि, माँ तो माँ होती हैं । माँ अपने बच्चों को सदैव ही अच्छे संस्कार के साथ ही अच्छे नागरिक बनने की भी प्रेरणा देती हैं वही परम पूज्य महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरीजी महाराज ने कहा कि, माँ का जीवन तो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए ही समर्पित होता हैं, माँ अपने बच्चों को सदैव ही अपनी संस्कृति के लिए जीने की प्रेरणा प्रदान किया करती हैं । परम पूज्य अनंत विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती महाराज ने माँ की तुलना भगवान से करते हुए कहा कि, जैसे भगवान सबकी रक्षा करते हुए, सभी की मंगल कामना पूरी करते हैं वैसे ही माँ भी अपने बच्चों के लिए उनकी इच्छाएं पूरी करती हैं, उनकी रक्षा करती हैं ।
आचार्य श्री शेखर जी महाराज ने कहा कि, पाण्डेय परिवार के पुत्र-पुत्री ने समाज सेवा के कई कीर्तिमान स्थापित किये है, जिनका समाज अनुकरण भी करता हैं और यह सब संभव हुआ है माँ के दिए संस्कारों से । महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज ने माँ के श्री चरणों में सादर प्रणाम करते हुए कहा कि, माँ अपने बच्चों को समाज के प्रति आचरण एवं व्यवहार सही रहें उसके लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं । श्री माखन सिंह जी ने माँ के ऊपर लिखे गए गीत.. माँ तू कितनी अच्छी हैं.. गाकर सुनाया जिसके कारण सभी भावुक हो गए और उपस्थित सभी लोगों ने एक साथ खड़े होकर माँ के श्री चरणों में सादर प्रणाम किया ।
इस कार्यक्रम में श्री विभास उपाध्याय (उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद) एवं परिषद परिवार, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज, गायत्री परिवार, कुटुंब प्रबोधन समरसता मंच, बार एसोसिएशन, बिल्डर एसोसिएशन, सेवा भारती, कोचिंग एसोसिएशन, संघ परिवार, सद्भावना मंच, शिप्रा स्विमिंग सेंटर, वरिष्ठ जन सामाजिक संगठन, पेंशनर एसोसिएशन, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, देवी अवंतिका सामाजिक एवं जन कल्याण संस्था, संकल्प समर्थ ऑर्गेनाइजेशन, श्रद्धा महिला सामाजिक संगठन, समन्वय परिवार, संवाद साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक शोध संस्था, सुरभि जनकल्याण सामाजिक संस्था, उपभोक्ता संरक्षण सामाजिक संस्था, द इंस्टीट्यूट सामाजिक संस्था, भारत विकास परिषद, भारतीय किसान संघ मालवा प्रान्त, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक आदि संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ ही श्री मनोज जी द्विवेदी, लोकमान्य तिलक शैक्षणिक संस्था के कार्यपालक निदेशक श्री गिरीश जी भालेराव, सामाजिक कार्यकर्ता श्री कैलाश पाटीदार, श्री कृष्ण गौशाला (इटावा), श्री मोहन मुरली वाले, जनसेवा ब्लड बैंक रतलाम के अध्यक्ष, ई-खबर टुडे के तुषार कोठारी जी, राष्ट्र सेविका समिति विभाग कार्य की रमा पंड्या जी, "बेख़बरों की खबर" पत्रिका के सम्पादक श्री राधेश्याम चौऋषिया, उप-सम्पादक श्री शुभम चौऋषिया, श्रीमती दीपा केवलिया, बाल कल्याण समिति के श्री गजेंद्र जी, महाकाल वेद विद्या प्रतिष्ठान के श्री पीयूष त्रिपाठी एवं बटु गण समन्वय परिवार के श्री सत्यनारायण सोनी एवं उनके साथी गण, उज्जैन हलवाई एसोसिएशन के श्री विजय जायसवाल, राम जी भागवत, प्रकाश शर्मा जी, सिद्धू सेठ और कई वरिष्ठ जन उक्त कार्यक्रम में उपस्थित थे ।
श्री राधेश्याम चौऋषिया ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस अवसर पर उपस्थित सभी जनमान्य प्रबुद्धजनों व धार्मिक गुरुजनों का श्री प्रदीप पाण्डेय ने अभिनंदन, स्वागत करते हुए कहा कि, इस तरह के कार्य को समाज और परिवार के रूप में हम सबको मिलकर आगे बढ़ाना है ताकि आने वाली पीढ़ी में माँ के प्रति भाव, हमेशा समर्पण का रहे, सेवा का रहे । इस अवसर पर आपने अपने बड़े भाई समान प्रिय मित्र अंतरराष्ट्रीय कवि स्वर्गीय श्री ओम व्यास जी ओम द्वारा लिखित "माँ" रचना को स्मरण करते हुए कुछ बातें कही, जिससे सभी लोग भावुक हो गए । इस अवसर पर आपने श्री ओम व्यास ओम जी के चरणों में शब्दों के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए । आपने कहा कि, श्री व्यास जी द्वारा लिखित "माँ" रचना ने देश और दुनिया में माँ के सम्मान को बढ़ाया है और हर प्रेरणा पुरुष के जीवन में अगर आदर्श है तो वह निश्चित रूप से हमारी माँ है, हम सब की अपनी अपनी माँ हैं । हम सबके पूज्य शिवाजी महाराज हो या हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हो सबको माँ का आशीर्वाद मिला और समाज और राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित करने की प्रेरणा मिली । आपने कहा कि, आदरणीय माताजी शतायु हों, दिग्दिगंत तक उनका आशीर्वाद हम सभी को प्राप्त होता रहे, बाबा महाकाल आपको सदैव स्वस्थ, मस्त, यशस्वी दिर्घायु एवं प्रसन्न रखें की मंगलकामनाओं के साथ आपने परम पूज्य माँ के चरणों में सादर प्रणाम करते हुए उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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