प्लास्टिक स्वयं में एक समस्या नहीं, उसका दुरुपयोग और यथोचित प्रबंधन का अभाव एक समस्या है - कुलपति प्रो पांडेय
प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में समझाते हुए कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से सीसा, कैडमियम और पारा जैसे रसायन सीधे मानव शरीर के संपर्क में आते हैं। ये जहरीले पदार्थ कैंसर, जन्मजात विकलांगता, इम्यून सिस्टम और बचपन में बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकते है। उन्होंने यह भी बताया कि प्लास्टिक से होने वाले रोगों में मुख्यतः दमा, पलमोनेरी कैंसर, तंत्रिका और मस्तिष्क को नुकसान, गुर्दे की तकलीफ और दमा जैसी जान लेवा बीमारियाँ हो जाती हैं जो कि जानलेवा साबित हो सकती है। कुलपति प्रो पांडेय के इस वक्तव्य पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो प्रशांत पुराणिक ने बताया कि प्लास्टिक का दुरुपयोग जीव-जन्तुओं के लिए अत्यंत हानिकारक है और विक्रम विश्वविद्यालय भी अपने परिसर को प्लास्टिक रहित करने की राह पर अग्रसर है।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कुलपति जी को बधाई देते हुए बताया कि प्लास्टिक का उपयोग एवं उसका उपयुक्त प्रबंधन पर्यावरण के संतुलन के लिए आवश्यक है और विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी एवं शिक्षक सदैव पर्यावरण संरक्षण एवं जन-कल्याण के विषयों से जुड़े रहते हैं।
Comments