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अपनी लर्निंग को स्वयं तक सीमित न रखे - डॉ सी. सी. त्रिपाठी

केंद्र सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एनआईटीटीटीआर भोपाल में ई-वेस्ट पर कार्यशाला

भोपाल एनआईटीटीटीआर भोपाल ने ई-कचरा प्रबंधन पर एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों के 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया। एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक डॉ सी.सी. त्रिपाठी ने केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों के प्रतिभागियों को संयुक्त प्रयासों के माध्यम से समाज की बेहतरी में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा की अपनी लर्निंग को स्वयं तक सीमित न रखते हुए समाज को जागरूक करने का भी प्रयास करें। स्वच्छ भारत अभियान में अपना योगदान देते हुए जीरो वेस्ट कैंपस बनाने का विचार धरातल पर कार्यान्वित होते हुए दिखे। डॉ सी.सी. त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में काम करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अन्य क्षेत्रीय भाषाओँ को सीखने का भी प्रयास करना चाहिए।

डॉ. पी.के. पुरोहित ने कहा कि ई-कचरा हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा हे इसलिए इनका वैज्ञानिक तरीके से रीसायकल करना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. हुसैन जीवाखान ने कहा कि यदि हम सभी ई-कचरे के प्रति जागरूक हो जायें तो निश्चित ही भविष्य में ई-कचरे कि समस्या से छुटकारा पाया जा सकेगा। कार्यशाला में प्रतिभागियों को ई-कचरे के प्रकार और संरचना के साथ-साथ ई-कचरे में पाए जाने वाले खतरनाक और गैर-खतरनाक सामग्रियों के बारे में जागरूक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक-कचरा प्रबंधन के लिए तीन आर- रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञ के रूप में एक सत्र श्री इम्तियाज अली ने अपना योदान दिया कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शोभा लेखवानी ने किया।

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