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कोई भी शोध तभी सार्थक है जब वह मानव सभ्यता के लिए उपयोगी हो - कुलपति प्रो पांडेय

कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ देवास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ देवास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी टेक्नॉलजी इनोवेशन एंड मैनेजमेंट फॉर आर्गेनाईजेशन एंड सोशल ट्रांसफॉर्मेशन में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किये गए।


अपने उद्बोधन में प्रो पांडेय ने कहा कि शोध एवं अनुसन्धान में नवाचार एवं रचनात्मकता होना आवश्यक है, साथ ही शोध एवं अनुसन्धान तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी शोध तभी सार्थक है जब वह मानव सभ्यता के लिए उपयोगी हो। उन्होंने अपनी बात को बढ़ाते हुए कहां कि भारत युवाओं का देश है और युवा किसी भी देश की दिशा एवं दशा निर्धारित करने में युवाओँ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत युवाओं का देश है, यहाँ की आधी से ज्यादा जनसंख्या युवा है, अतः देश के पुनर्निर्माण में इनकी अहम भूमिका होगी।

उन्होंने कहा कि एक विकासशील युवा स्वामी विवेकानद के द्वारा दिया गए पांच सिद्धांतों और संकल्पों विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता एवं नागरिकों का कर्त्तव्य को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़े तो वह अवश्य आपने लक्ष्य प्राप्त कर पाएंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो प्रशांत पुराणिक ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने स्थर पर कई प्रकार के नवाचार किये है, जिनसे सामाजिक स्थर पर कई प्रकार के बदलाव आये हैं।

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