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विद्यार्थी ज्ञान के जनक बने एवं अपने शिक्षक के साथ द्विपक्षीय संवाद करें, जिससे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के ज्ञान में वृद्धि हो- कुलपति प्रोफेसर पांडेय

उज्जैन। प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के औचक निरीक्षण पर पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए उन्हें सूक्ष्मजीव एवं पर्यावरण से सम्बंधित तत्कालीन विषयों पर समझाते हुए उन्हें शिक्षक के साथ सक्रिय संपर्क में रहने के लिए निर्देशित किया। 

दिनांक 31 मार्च 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्य्यनशाला औचक निरीक्षण पर पहुंचे, जहां उन्होंने सर्वप्रथम अध्ययनशाला के संग्रहालय का निरीक्षण करते हुए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से उसे और व्यवस्थित रूप से संग्रहित करते हुए उसमें नए स्पेसीमिन शामिल करने के लिए निर्देशित किया। गौरतलब है कि प्रोफेसर पांडेय जब भी जैवप्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों से संपर्क में आते हैं, तब वे अक्सर इन विद्यार्थियों की कक्षा लेते हैं। वे वनस्पति और जैवप्रौद्योगिकी के प्रोफेसर होने के कारण इस विभाग में वे प्रारंभ से ही कक्षा लेते आये हैं। माननीय कुलपति जी ने विद्यार्थियों को सूक्ष्मजीव विज्ञान के अंतर्गत आने वाले बैक्टीरिया और उनकी अलग-अलग प्रकार की स्टैनिंग के बारे में समझाया अर्थात उन्हें विस्तृत रूप से बैक्टीरिया की सेल वाल की संरचना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पर्यावरण से जुड़े हाल ही के दौर में चर्चित विषयों पर विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए उन्हें कार्बन ऑडिट, कार्बन उत्सर्जन आदि विषयों के बारे में समझाया। साथ ही माननीय कुलपति जी ने विद्यार्थियों से अपील की कि वह अपने ज्ञानवर्धन करने के लिए पढ़े, केवल परीक्षा देकर पास होने के लिए नहीं। अपनी बात को समझाते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी "ज्ञान के जनक बने" एवं अपने शिक्षक के साथ द्विपक्षीय संवाद करें, जिससे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के ही ज्ञान में वृद्धि हो सके, क्योंकि आज का युग विद्यार्थियों का युग है और विद्यार्थी को सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही जूलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर विभाग के संग्रहालय को एक नवीन स्वरूप देने का प्रयास किया जायेगा। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने कहा कि कुलपति जी का विद्यार्थियों से संपर्क करना विद्यार्थियों के लिए सदैव हर्ष का विषय रहा है, जिसके कारण इस विभाग के विद्यार्थियों ने शोध एवं अनुसन्धान में कई नए-नए कार्य किये हैं।

विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि कुलपति जी का विद्यार्थियों से निरंतर सवाद करते रहना, एक सकारात्मक संकेत है, जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होते रहेंगे। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं विभाग के शिक्षक उपस्थित थे, जिन्होंने छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए माननीय कुलपति जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।


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