राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : जीवन मूल्य और मनोविज्ञान पर 12 अप्रैल को होगा विशिष्ट व्याख्यान
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत विशिष्ट परिसंवाद एवं व्याख्यान का आयोजन 12 अप्रैल 2023, बुधवार को विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा सभागार में होगा। जी-20 में भारत की अध्यक्षता के गौरवपूर्ण अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं के मध्य जागरूकता बढ़ाई जाएगी। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद्, लेखक एवं समाजसेवी डॉ मफतलाल पटेल, अहमदाबाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : जीवन मूल्य और मनोविज्ञान पर विशिष्ट व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय करेंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सेवाधाम, उज्जैन के संस्थापक एवं प्रसिद्ध समाजसेवी श्री सुधीरभाई गोयल होंगे। यह जानकारी देते हुए विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम में प्रबुद्धजनों, शिक्षकों, गणमान्य नागरिकों और विद्यार्थियों से सहभागिता का अनुरोध किया है।आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...
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