उज्जैन। राज भवन से प्राप्त पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 27 की उपधारा (4) के प्रावधानान्तर्गत कुलाधिपतिजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के द्वारा डॉ. (श्रीमती) उमा शर्मा, आचार्य, रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन को दो वर्ष की कालावधि के लिए विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय का संकायाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस सम्बंध में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने अधिसूचना जारी की है।
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...
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