विज्ञान एवं तकनीकी विकास प्रयोगशालाओं से किसानों एवं खेतों तक पहुंचाया जाना आवश्यक - कुलपति प्रो पांडेय
खरपतवार अनुसंधान निदेशालय के 35 वें स्थापना दिवस का आयोजन संपन्न
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की इकाई खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर का 35 वां स्थापना दिवस जबलपुर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति पी.के मिश्र, कुलपति, महाकौशल विश्वविद्यालय जबलपुर प्रो.आर.सी. मिश्र, डॉ एस. आर. के सिंह, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जे एस मिश्र, निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर ने की।
खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर के 35 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने उद्बोधन में कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी ने इस संसार के स्वरूप ही नहीं, बल्कि मानव जीवन में भी बदलाव किए हैं। आज कोई भी क्षेत्र तकनीकी से अछूता नहीं है। इसमें कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर मानव जीवन चक्र निर्भर करता है। इसकी प्रगति में विज्ञान एवं तकनीकी प्रयोगशालाओ से निकले सफल परिणामों का अहम योगदान है। नई तकनीक के चलते देश की कृषि ने नई राह पकड़ी है। हमें गर्व है कि आज देश में भी कृषि कार्यों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं ड्रोन का उपयोग बढ़ा है। प्रोफ़ेसर पांडेय ने बताया कि आज भारत सरकार कृषि क्षेत्र में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दे रही है ताकि बेहतर अनाज के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि हो सके। प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि कृषि विकास तकनीक से ही संभव है। प्रोफेसर पांडेय ने कृषि उत्पादन में खरपतवार से होने वाले नुकसान की विवेचना करते हुए उन्हें जैविक विधियों के द्वारा नियंत्रित करने की जानकारी प्रदान की। अपशिष्ट का उपयोग जैविक खाद निर्माण एवं उत्पादन में करने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने की बात कही। प्रोफेसर पांडेय ने स्पष्ट किया कि तकनीकी विकास का विस्तार किसानों के खेतों तक पहुंचाना आवश्यक है। एवं इसके द्वारा भविष्य की पीढ़ी के लिए देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकेगा।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉक्टर जे.एस मिश्र, निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय ने बताया कि यह निदेशालय देश में विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में फसलीय एवं गैर फसलीय क्षेत्र में खरपतवार अनुसंधान एवं नियंत्रण तकनीक विकसित करने एवं उनके प्रचार पर विशेष ध्यान दे रहा है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ पी.के मिश्र, कुलपति, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर ने इस निदेशालय द्वारा खरपतवार प्रबंधन एवं नियंत्रण के लिए अनुसंधान तथा प्रसार कार्यक्रमों की सराहना करते हुए स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
प्रोफेसर आर.सी मिश्र, कुलपति, महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर ने निदेशालय में चल रही शोध एवं विकास की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए श्री अन्न पुनः स्थापित करने एवं उसके उपयोग का आव्हान किया।
डॉ एस.आर. के सिंह, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसन्धान संस्थान, अटारी, जबलपुर ने भी श्री अन्न ( मोटा अनाज) के क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रचार-प्रसार हेतु इस निदेशालय की प्रशंसा करते हुए बताया कि निदेशालय द्वारा खरपतवार नियंत्रण के क्षेत्र में देश में अग्रणी भूमिका निभाई जा रही है।
खरपतवार अनुसंधान निदेशालय के 35 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में डॉ विकास. ए. टोनापी, पूर्व निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा विशिष्ट व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही आधुनिक कृषि एवं खरपतवार प्रबन्धन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 8 किसानों को सम्मानित किया गया। निदेशालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न साहित्य का विमोचन भी इसी अवसर पर किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के प्रगतिशील किसान, अनेक संस्थानों के वैज्ञानिक, शोध छात्र एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।
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