Skip to main content

कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के अंतर्गत जॉब प्लेसमेंट, करियर के अवसर, महिला सशक्तिकरण एवं प्रतिभा सम्मान का आयोजन

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के अंतर्गत हैदराबाद की आईटी कंपनी पे जी जो कि एक आर. बी.आई. द्वारा स्वीकृत भुगतान अग्रीगाटर है ने एम.एस.सी.(आई.टी.) के छात्र आदित्य राज सिंह चौहान,एम.सी. ए. के छात्र प्रभात पाटीदार एवं किशन पाण्डेय का चयन किया । कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय एवं निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने चयनित छात्रों को बधाइयाँ दी | इस अवसर पर कंपनी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर श्री शिवम् तिवारी भी उपस्थित थे। 

पे जी के कंपनी संस्थापक और निदेशक श्री नरेंद्र सोलंकी ने संस्थान के छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत और बधाई दी, साथ ही आरबीआई की पहल के लिए अपनी प्रशंसा भी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि पीओएस समाधान के माध्यम से टियर 2 और टियर 3 शहरों में भुगतान डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए पे जी प्रतिबद्ध है ।

पे जी के सीईओ, श्री प्रभु कुमार, संस्थान के छात्रों का स्वागत करने के लिए रोमांचित हैं और पे जी के समग्र विकास में उनके योगदान के लिए तत्पर हैं। 

पे जी के सी टी ओ और संस्थान के पूर्व छात्र शिवम तिवारी ने उन्हें अवसर प्रदान करने और उनके करियर को आकार देने के लिए संकाय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने चयनित उम्मीदवारों को हार्दिक बधाई दी ।

कुलपति ने कहा कि -“   हमारे युवाओं में बहुत प्रतिभा है, आपकी भाषा आपके व्यक्तित्व , आपके परिवार व आपके संस्थान का परिचय कराती है । उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को अपने कार्य क्षेत्र तथा जीवन में स्थिरता लाने का प्रयास करना चाहिए, उन्हें पैकेज के चक्कर में अपनी जॉब जल्दी-जल्दी स्विच करने से बचना चाहिए तथा अपने कार्य में गुणवत्ता लाने का प्रयास करना चाहिए। संस्थान और विश्वविद्यालय की साख और गौरव को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास करना चाहिए।”

कंप्यूटर विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि - “आप लोग निरंतर मेहनत करते रहें सफलता निश्चित है”। उन्होंने साइबर क्राइम के लाभ तथा हानियां के बारे में विस्तार से बताया।

एन.टी.ए. यूजीसी  नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट )एग्जाम क्वालिफाय करने पर  कुलपति एवं निदेशक  द्वारा संस्थान की फैकल्टी एवं पूर्व छात्रा कु. प्रज्ञा सिंह तोमर और श्री  धीरज सरोठिया का सम्मान किया तथा शुभकामनाए दी  ।

कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत मध्य प्रदेश कूडोस एसोसिएशन एवं  संस्थान की बी. एस.सी.(ओनर्स सी.एस.)की छात्रा खुशी भाटी एवं कुडोस के कल्याण श्रीवास्तव द्वारा कराटे  का प्रदर्शन किया गया। ये दोनों ही  राज्य स्तर पर कराटे प्रतियोगिता में  पदक व मैडल ला चुके  हैं। इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव श्री जफ़र अब्बास भी उपस्थित थे ।उन्होंने कहा कि बेटियों को सेल्फ डिफेंस  के लिए सक्षम होना चाहिये।

कार्यक्रम की अवधारणा डॉ.क्षमाशील मिश्रा ने रखी । संचालन, संस्थान की फैकल्टी एवं ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के कोर्डिनेटर डॉ. ब्रह्मदत्त शुक्ला ने किया । उन्होंने कहा कि आगामी समय में भी इस प्रकार कि बड़ी कंपनियों द्वारा  संस्थान  एवं विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान करने के अवसर प्रदान किये जायेंगे । आभार प्रदर्शन सुश्री प्रज्ञा सिंह तोमर ने किया।

इस अवसर पर संस्थान के सभी छात्र, शिक्षक ,कर्मचारी उपस्थित थे ।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar