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स्वाधीनता के अमृत महोत्सव पर हम विक्रमादित्य जैसे महान स्वातंत्र्यवीर के योगदान को याद करें - उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में गोपनीय विभाग भवन विस्तारीकरण - उत्तर पुस्तिका संग्रहण केंद्र का लोकार्पण किया

स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाओं में विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के सम्बंध में महत्वपूर्ण बैठक एवं संवाद कार्यक्रम सम्पन्न

उज्जैन स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मध्यप्रदेश की समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में विभिन्न गतिविधियों के आयोजन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं प्रस्तावित युवा नीति के संबंध में जागरूकता कार्यक्रमों के संबंध में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के शलाका दीर्घा सभागार में दिनांक 28 अप्रैल 2023 को मध्याह्न में मध्यप्रदेश के माननीय मंत्री उच्च शिक्षा डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बैठक में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में गोपनीय विभाग भवन विस्तारीकरण - उत्तर पुस्तिका संग्रहण केंद्र का लोकार्पण किया गया। लगभग 25 लाख की लागत से तैयार किए गए इस निर्माण कार्य के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, विशिष्ट अतिथि कार्यपरिषद सदस्य द्वय श्री राजेशसिंह कुशवाह, डॉ विनोद यादव एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक उपस्थित थे।


इस अवसर पर माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम लोग स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। आजादी दिलाने में अनेक महान बलिदानियों का योगदान रहा है। उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हुए उनके योगदान को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना है कि आजादी के अमृत महोत्सव पर हम गौरव के साथ देश की उन्नति के लिए आगे बढ़ें। संपूर्ण भारत को सम्राट विक्रमादित्य के बहुआयामी योगदान से परिचित होना चाहिए, जो सुशासन, पराक्रम, न्यायप्रियता और दानशीलता के मानदंड हैं। उन्होंने विक्रम संवत् का प्रवर्तन किया। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर हम विक्रमादित्य जैसे महान स्वातंत्र्यवीर के योगदान को याद करें। उन्होंने ऋणमुक्तेश्वर तीर्थ पर संपूर्ण प्रजा का ऋण मुक्त करने के साथ उन्हें पर्याप्त धन देकर उनकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया था। इसीलिए उन्होंने संवत्सर प्रारंभ करने का गौरव प्राप्त किया।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने उपस्थित प्राचार्यों, विभागाध्यक्षों, आई क्यू ए सी प्रभारी और शिक्षकों से संवाद करते हुए कहा कि उज्जैन का खगोलीय एवं भौगोलिक महत्व है। वराहमिहिर के योगदान के बिना विज्ञान की प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती, जिनका उज्जैन के साथ गहरा संबंध था। इसीलिए उज्जैन में साइंस सिटी बनाई जा रही है। यहां स्थित तारामंडल, जंतर मंतर और डोंगला जैसे महत्वपूर्ण स्थलों के प्रति युवा पीढ़ी में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। आने वाले समय में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाएं आजादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं, विज्ञान सम्मेलन, मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण विरासत स्थलों के अवलोकन, भारत दर्शन के अंतर्गत वृहद् कार्यक्रम, गोद गांवों के विकास, समाज सेवा कार्य, स्वच्छता अभियान आदि के कार्य में योगदान दें। उज्जैन में त्रिवेणी संग्रहालय, महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ, सर्प अनुसंधान केंद्र के माध्यम से महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है। युवाओं के मध्य उज्जैन सहित आसपास के महत्वपूर्ण स्थलों और महानायकों के संबंध में जागरूकता लाएं। उनके साथ युवाओं की आत्मा को जोड़ना है। उन्होंने स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विविध गतिविधियों के संचालन के लिए समितियों के गठन का निर्देश दिया।

कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि हमें युवाओं के मध्य नकारात्मक भावनाओं को हटाने के लिए प्रयास करना होगा। इसीलिए जो जीता वही सिकंदर के स्थान पर युवा पीढ़ी कहे कि जो जीता वही सम्राट विक्रमादित्य। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से तीन बातों पर बल दिया है। पहला अपनी विरासत पर गर्व करें। दूसरा देश की एकता और समरसता के लिए कार्य करें। अपने तिरंगे पर गर्व करें। इन संदेशों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है। प्रारंभ में माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव का स्वागत कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, संकायाध्यक्ष विद्यार्थी कल्याण प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा, प्राचार्य डॉ वंदना गुप्ता, डॉ एच एल अनिजवाल आदि ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, विभागाध्यक्ष, शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थिति थे।

स्वागत भाषण अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ अर्पण भारद्वाज ने दिया। संचालन प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने किया।

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